आपने अधिकतर लोगों को देखा होगा जिनके बाल सफेद हो जाते हैं! सामान्य तौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर में मेलानिन नामक तत्व कम बनने लगता है। इसलिए 35-40 वर्ष के बाद धीरे-धीरे ज्यादातर लोगों में सफेद बाल होना शुरू हो जाते है। ऐसा भी जरूरी नहीं कि केवल इसी उम्र में बाल सफेद होते हैं। अगर आपके आहार में पोषक तत्वों की कमी है या आपकी जीवनशैली अस्वस्थ है या फिर किसी लम्बी बीमारी के चलते ली गई अत्यधिक दवाओं के सेवन से भी बाल झड़ते हैं या समय से पहले बाल सफेद हो जाते हैं।यदि अनुवांशिक कारण हो तो किसी में बचपन से भी सफेद बाल देखे जाते हैं। अगर आप सफेद बाल को काला करना चाहते हैं तो घरेलू उपचार कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको सफेद बालों से छुटकारा पाने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बता रहे हैं।
आज कल की जीवनशैली में तनाव, प्रदूषण तथा अनुचित आहार के कारण समय से पहले ही बाल सफेद हो जाते है। वर्तमान में 70 फीसदी लोग उम्र से पहले ही सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं।
यह समस्या व्यक्तित्व को खराब कर कई बार व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी लाती है। इसके लिए केवल प्रदूषण ही जिम्मेदार नहीं बल्कि आहार भी एक प्रमुख कारण है। अनुचित आहार लेने से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
ऐसे में यह जानना जरुरी है कि किन कारणों से यह समस्या होती है। बालों के सफेद होने के कई कारण होते हैं, जो ये हैंः-
शरीर में जब कोशिकाएं मेलानिन को बनाना बंद कर देती है तो बाल सफेद होने लगते हैं। मेलानिन तत्व ही बालों को काला रखने का कारण है।
शरीर में विटामिन बी की कमी के कारण मेलानिन की प्रक्रिया बाधित होती है।
सिरदर्द या सायनस जैसी बीमारी के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं।
ज्यादा तनाव के कारण भी सफेद बाल की समस्या होने लगती है।
हरी सब्जियों व फलों के सेवन न करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण समय से पहले सफेद बाल की परेशानी हो जाती है।
आहार में प्रोटीन, ऑयरन, कैल्शियम और विटामिन को पर्याप्त मात्रा में न लेने से भी बाल सफेद होते हैं।
युवाओं में थायरॉइड ग्रंथि के स्राव में अधिकता या कमी के कारण भी समय से पहले ही बाल सफेद होने की परेशानी होने लगती है।
लम्बे समय तक दवाइयों का अधिक सेवन करने से भी असमय बाल सफेद हो जाते है।
कम उम्र में डायबिटीज का शिकार होने से भी बालों के सफेद होने की समस्या हो जाती है।
अनिद्रा (नींद न आने की बीमारी) के कारण भी बाल सफेद होने का खतरा रहता है।
एनीमिया या शरीर में खून की कमी के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।
युवाओं में अधिक धूम्रपान व मादक पदार्थों के सेवन से भी बाल सफेद होने की समस्या बढ़ती जा रही है।
असमय बालों का सफेद होना अनुवांशिक कारण से भी होता है।
बालों पर कैमिकल युक्त शैम्पू का प्रयोग करना या कैमिकलयुक्त रंग का प्रयोग करना!
आयुर्वेद में इसे ‘पालित्य’ कहा गया है जिसमें समय से पहले या ज्यादा उम्र में भी बाल सफेद हो जाते है। शरीर में तीन दोष होते हैं- वात, पित्त एवं कफ। इन्हीं की विकृति और असंतुलन से रोग होते हैं। पालित्य यानी सफेद बाल या हरिप्रभा पित्त दोष के बढ़ने से होते हैं, या पित्त एवं वात दोनों दोषों के बढ़ने से होते हैं।
यदि पालित्य 30 वर्ष की उम्र से पहले देखा जाता है तो इसे अकालपालित्य कहते है। यह पित्त की अधिक वृद्धि एवं उसके उष्ण गुण के कारण होता है। यदि बाल असमय या उम्र से पहले सफेद हो जायें तो उसे आयुर्वेदिक उपचार एवं उचित जीवनशैली द्वारा स्थायी तौर पर ठीक किया जा सकता है। इससे उम्र बढ़ने के साथ बाल जल्दी सफेद नहीं होंगे, लेकिन वृद्धावस्था में सफेद बालों को विभिन्न लेप एवं तेलों से काला किया जा सकता है। इस अवस्था में स्थायी तौर पर काला नहीं किया जा सकता।
खट्टा, तीखा, नमक तथा तीखा या गर्म आहार का अधिक सेवन करना। नमक का अधिक सेवन एक प्रमुख कारण है।अधिक मेहनत करना तथा रात में जागना, धूप तथा धूल में अधिक रहना। अधिक उपवास करना।अनुवांशिक कारण है। किसी के परिवार में असमय बाल सफेद होने की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी देखी जाती है।जब melanocytes के द्वारा पर्याप्त मात्रा में मेलानिन का निर्माण नहीं हो पाता तब परिणामस्वरूप बाल सफेद होते हैं। इसी तरह जब बच्चों के शरीर में इस तत्व की कमी होने लगती है तो बच्चों के बाल सफेद हो जाते हैं।आनुवांशिक कारण- कुछ परिवारों में यह अनुवांशिक रूप में पाया जाता है।
आहार में विटामिन B की कमी।
उन बच्चों में, जिनमें कोई सर्जरी हुई हो या उनकी पाचनक्रिया ठीक प्रकार से नहीं चल रही हो। ऐसे में उनमें विटामिन B का अवशोषण नहीं हो पाता तथा सफेद बालों की समस्या शुरू हो जाती है।
माता द्वारा गर्भावस्था के दौरान पोषकीय आहार न लेने पर भी बच्चों में सफेद बाल होने की संभावना रहती है।
इन्द्रायण के बीजों के तैल से प्रतिदिन सिर पर मालिश और लेप करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है एवं सफेद बाल से छुटकारा मिल जाता है तथा बाल काले भौंरे के समान हो जाते है।
एक बहेड़ा, दो हरीतकी, तीन आँवला, पाँच आम की गुठली की मींगी और एक तोला लौह चूर्ण लेकर जल के साथ पीसकर एक लौहे के पात्र में रात भर रहने दें। सुबह इसका लेप बालों पर करने से बाल सफेद हो जाते है। इससे सफेद बालों से छुटकारा मिलता है।
लौह चूर्ण, भृंगराज, हरीतकी, बहेड़ा, आँवला और काली मिट्टी को गन्ने के रस में भिगोकर बर्तन का मुँह बन्द करके एक महीने तक धूप में रहने दें, बाद में निकाल कर छान लें। इसका नियमित रुप से लेप करने से सफेद बालों से छुटकारा मिलता है और बाल काले हो जाते है।
तुलसी का पत्र, आँवले का फल या पत्र स्वरस, भंगरैया का पत्र स्वरस इन तीनो द्रव्यों को समान मात्रा में लें और बालों में अच्छे से लगाएँ इससे बाल काले और घने होते है।
नारियल तेल के अन्दर कढ़ी पत्ते को पकाएँ, जब वह तेल अच्छे से पक जाएँ और उस तेल का रंग थोड़ा बदल जाए तो कढ़ी पत्ते को अलग करके उस तेल से अपने बालों की मालिश करें। यह बालों को काला करने में लाभदायक है।
आँवला, गुड़हल और तिल का पेस्ट बना लें, इसमें नारियल तेल की कुछ बूंदे मिलाकर स्कैल्प पर मालिश करें।