Monday, January 27, 2025
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क्या पीएम मोदी से है ट्रंप की खास दोस्ती?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ट्रंप की पीएम मोदी से खास दोस्ती है या नहीं! अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से जीत हासिल की है। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को हराकर ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं। रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट में भी बहुमत मिला है। ट्रंप की इस जीत के बाद अब भारत और अमेरिका के रिश्तों पर सबकी निगाहें टिकी हैं। सभी के मन में सवाल यही है कि ट्रंप के आने से क्या भारत-अमेरिका में करीबी और बढ़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कई ट्रंप पहले भी कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बता चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच अच्छी दोस्ती नजर भी आती है। इसका पता ट्रंप की जीत के बाद पीएम मोदी की ओर से ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में भी नजर आया, जिसमें उन्होंने ‘दोस्त ट्रंप’ को चुनावी जीत की बधाई दी। डोनाल्ड ट्रंप ने जब बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीता, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के उन पहले नेताओं में शामिल थे जिन्होंने उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्रंप को ‘ऐतिहासिक चुनावी जीत’ की बधाई देते हुए कहा कि वह उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘मेरे दोस्त @realDonaldTrump, आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। जैसे-जैसे आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ाएंगे, मैं हमारे बीच सहयोग को नए सिरे से शुरू करने के लिए उत्सुक हूं… आइए, हम अपने लोगों की बेहतरी और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करें।’

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मजबूत संबंधों के कई कारण हैं। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाने को प्राथमिकता दी, खासकर आतंकवाद का मुकाबला करने और पाकिस्तान जैसे क्षेत्रीय खतरों से निपटने में अहम कदम उठाए। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच निजी तालमेल काफी अच्छा रहा है। इसका पता 2019 में ‘हाउडी मोदी’ और 2020 में ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसे बड़े आयोजनों में उनकी सार्वजनिक बातचीत से साफ झलक चुका है। इन आयोजनों ने उनके बीच बेहद खास केमिस्ट्री की झलक नजर आया। दोनों नेताओं की करीबी ने राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में मदद की। पीएम मोदी और ट्रंप की दोस्ती से आर्थिक और व्यापारिक जुड़ाव भी दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ रहा है। टैरिफ पर असहमति जैसी चुनौतियों के बावजूद, दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में काम किया।

ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति ने निष्पक्ष व्यापार पर जोर दिया, जबकि पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ भारत के हितों को संतुलित करने की कोशिश की। व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने पर इस साझा सहयोग ने, भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति के साथ, दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने में मदद की। कोविड-19 महामारी के दौरान, उनकी साझेदारी स्वास्थ्य पहल तक बढ़ी। इसमें भारत ने अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन प्रदान किया। अमेरिका ने भी बाद में जरूरी सपोर्ट किया।

अब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रक्षा संबंध और मजबूत हो सकते हैं। ट्रंप चीन विरोधी नेता माने जाते हैं। चीन को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका, भारत को अपना अहम सहयोगी मानता है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह सहयोग और मजबूत होगा। लेकिन यह कितना मजबूत होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के समूह ‘क्वाड’ को मजबूत करने में काफी रूचि दिखाई थी। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत के साथ हथियारों के निर्यात, संयुक्त सैन्य अभ्यास और तकनीकी ट्रांसफर में तेजी आ सकती है। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भारत के साथ कई बड़े रक्षा सौदे किए थे।

प्रवासियों के प्रति ट्रंप का रवैया हमेशा से सख्त रहा है। ऐसे में उनकी नीतियां प्रवासियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। ट्रंप अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने का वादा कर चुके हैं। उनका कहना है कि अवैध प्रवासी अमेरिकियों के रोजगार के अवसर कम कर रहे हैं। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। ज्यादातर भारतीय H-1B वीजा पर वहां नौकरी करते हैं। ट्रंप का रवैया इस वीजा को लेकर भी काफी सख्त रहा है। अगर वे दोबारा सख्ती दिखाते हैं तो इसका असर भारतीयों पर पड़ेगा। उनके लिए अमेरिका में नौकरी के अवसर कम हो सकते हैं।

ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने इसे अराजक स्थिति बताया था। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का वादा किया था। ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया था। डोनाल्ड ट्रंप 2017 से 2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं। 2016 के चुनाव में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराया था।

 

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