उड़ीसा स्थित कटक में स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (SVNIRTAR) के 100 बिस्तर वाले पुनर्वास उप-भवन के उद्घाटन समारोह में माननीय सांसद व भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी व माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी के साथ बतौर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह ने भाग लिया।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के यह अविश्वसनीय कार्य दिव्यांग जनों के सर्वांगीण विकास हेतु मील का पत्थर साबित होगा।
यह संस्थान चलन संबंधी दिव्यांगता में और संबंधित शिक्षा में दिव्यांगजनों की कल्याण के लिए समर्पित एक संगठन है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगता के व्यापक स्पेक्ट्रम पर ध्यान केंद्रित करता है और दिव्यांगता की मात्रा को कम करने और गुणवत्तापूर्ण जीवन में सुधार के लिए काम कर रहा है ।
क्या है अस्पताल की सुविधाएं?
यह 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में modular operation theatre, urodynamics, C-arm, arthroscope digital X-rays, patholab , state of art physiotherapy department with 3D motion lab , isokinatics, unweighing gait trainer trade mill, shock wave, Techar, magneto-therapy, Laser आदि अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं से संपन्न है ।
उपरोक्त के अलावा स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान अब शारीरिक चिकित्सीय सेवाओं , व्यावसायिक चिकित्सा, वाणी और श्रवण, ई.आई.सी. और पुनर्वास सुधारात्मक सर्जरी के लिए भी एक उत्कृष्ट केंद्र है । संस्थान open air therapeutic park, sports gym and hydrotherapy के माध्यम से दिव्यांग रोगियों की बाहरी खेल गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करता है। ये समस्त सुविधाएं न केवल पुन: स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा देते हैं बल्कि मनोरंजक और मन को ताज़गी प्रदान करता हैं ।
स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के गुवाहाटी , बोलांगीर , रांची और इम्फाल में चार संयुक्त क्षेत्रीय केंद्र हैं । यह कटक, भुवनेश्वर, ढेंकनाल और नुआपाड़ा में अपने उप-केंद्रों में दिव्यांगजनों को सेवाएं प्रदान करता है । मलकानगिरी और क्योंझर में उप-केंद्र बहुत जल्द खुलने जा रहा है ।संस्थान खुद को शारीरिक पुनर्वास तक सीमित नहीं कर रहा है बल्कि समुदाय में बेहतर एकीकरण के लिए दिव्यांगजनों को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहा है ।
स्वामी विवेकानंद के नक्षों कदम पर चलता है राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षणअनुसंधान संस्थान
स्वामी विवेकानंद जी, एक संवेदन संपन्न, एक जादूगर के रूप में पूर्व से पूरे विश्व में विख्यात हैं ठिक उसी तरह यह संस्थान निश्चित रूप से उसी विचारधारा का पालन करता है और इसे चलन संबंधि पुनर्वास के क्षेत्र में प्रगति के क्षेत्र परीक्षण के लिए एक आदर्श स्थान स्थापित कर रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री जी के दृढ़ संकल्प और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अथक प्रयासों की बदौलत दिव्यांग जनों का सर्वांगीण विकास राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
क्या-क्या किया गया दिव्यांगजनों के लिए
- दिव्यांगजनों को उच्चस्तरीय गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करने, उनका सशक्तिकरण तथा दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट मानव संसाधन का विकास करने के उद्देश्य से मंत्रालय ने अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 09 राष्ट्रीय संस्थानों तथा 21 समेकित क्षेत्रीय केन्द्रों को अनुमोदित किया है।
- मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एन.आई.एम.एच.आर.) स्थापित किया गया है जिसकी कुल लागत 179 करोड़ है। उम्मीद है कि यह संस्थान 2023 से पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारंभ कर देगा। यह संस्थान डिप्लोमा से लेकर एम.फिल. तक के कोर्स संचालित करेगा तथा साल में करीब 1.50 लाख लोगों को मानसिक पुनर्वास से सम्बंधित सेवाएं प्रदान करेगा।
- एडिप योजनाः 2014-15 से अबतक 12681 कैम्प, 23.03 लाख लाभार्थी , 1463.69 करोड़ मूल्य के सहायक उपकरण तथा 33,373 मोटराइज़्ड ट्राई साईकिलें वितरित की जा चुकी है ।
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, दिनांक 19.04.2017 से प्रभावी हुआ है जिसके अंतर्गत दिव्यांगता की 21 श्रेणीयों को विर्निदष्ट किया गया है । इस अधिनियम के अंतर्गत सरकारी नौकरियों में कम से कम 4% और उच्च शिक्षण संस्थानों में कम से कम 5% आरक्षण का भी प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने पदोन्नति में भी 4% आरक्षण की सुविधा 17.05.2022 से प्रभावी कर दिया है ।
- दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजनाः पिछले 06 वर्षों में 1.824 लाख दिव्यांग छात्रों को 563.56 करोड़ रुपये की छात्रवृतियां दी जा चूकी है।
- दिव्यांगता खेल केन्द्रः ग्वालियर खेल केंद्र का शिलान्यास 25 सितम्बर, 2020 को सम्पन हुआ। ग्वालियर में 170.99 करोड़ रुपये की लागत से केन्द्र की स्वीकृति। निर्माण कार्य आदेश सी.पी.डब्ल्यू.डी. को जारी। दिसम्बर, 2022 तक केंद्र चालू करने का लक्ष्य।
- दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजनाः पिछले 06 वर्षों में 1.824 लाख दिव्यांग छात्रों को 563.56 करोड़ रुपये की छात्रवृतियां दी जा चूकी है।
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