हाल ही में बीजेपी ने सभी कार्यकर्ताओं को 2027 चुनाव का मंत्र दे दिया है! लोकसभा चुनाव में वोट शेयर और सीटें दोनों कम होने से हताश कार्यकर्ताओं में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जोश भरा। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर मंथन तो हुआ ही, साथ ही दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 27 के रण के लिए कार्यकर्ताओं को उनका ‘बल’ भी याद दिलाया गया। कार्यसमिति में यह भी मंथन हुआ कि उपचुनाव से पहले अब कैसे विपक्ष की काट करनी है और हर बूथ तक किस तरह से विपक्ष के भ्रम को तोड़ना है। बीजेपी लोकसभा चुनाव में 2019 के मुकाबले सीटें और वोट शेयर दोनों कम होने के बाद पूरी तैयारी में जुट गई है। बीजेपी की सीटें 2019 की 64 के मुकाबले 33 पर पहुंच गई थीं और वोट शेयर भी 8.50% कम हो गया था। इसके बाद से लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा है। कई जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों तक बयान सामने आ रहे हैं। कार्यसमिति की बैठक में इस नब्ज को समझते हुए भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं के सम्मान को याद दिलाया। सीएम योगी ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता बैकफुट पर न आएं, उन्होंने अपना काम बखूबी किया है। विपक्ष भ्रम फैलाने में कामयाब हो गया। वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि जो आप कार्यकर्ताओं का दर्द है, वही मेरा भी दर्द है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि कार्यकर्ता के सम्मान से बड़ा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि कार्यकर्ता के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
बीजेपी अब दलितों के बीच अपना फोकस बढ़ाएगी। लोकसभा चुनावों में बीएसपी के वोट बैंक में लगी सेंधमारी का फायदा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मिल गया। अब बीजेपी इसकी काट खोजने में जुट गई है। बीजेपी ने इसकी शुरुआत कार्यसमिति बैठक से की। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कार्यसमिति की बैठक में पहुंचते ही बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, उसके बाद मंच पर चढ़े। बीजपी अब दलितों के बीच विपक्ष के फैलाए भ्रम को तोड़ने के लिए प्लान बना रही है।
इसके लिए पार्टी दलित नेताओं और मंत्रियों की एक टीम तैयार कर रही है। वह दलित बस्तियों में जाकर बताएंगे कि समाजवादी सरकार में किस तरह से बाबा साहेब के नाम से बने कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया गया था। भाजपा सरकार ने किस तरह से ये नाम दोबारा रखा। सपा सरकार ने अनुसूचित जाति की स्कॉरलशिप बंद करवा दी थी, जिसे बीजेपी सरकार ने शुरू करवाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अम्बेडकर से जुड़े पांच स्थलों को पंच तीर्थ घोषित किया।
बीजेपी ने कार्यकर्ताओं के सामने सबसे पहले यूपी में 10 खाली हुई विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को जीतने का टारगेट रखा है। यह सीटें दस विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई हैं। 2022 में इनमें पांच सीटें समाजवादी पार्टी के पास और पांच सीटें एनडीए गठबंधन के पास थीं। अब बीजेपी सभी दस सीटें जीतने पर फोकस करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यसमिति में सभी दस सीटें जीतने का टारगेट दिया। भाजपा संगठन महामंत्री धर्मपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि बूथ स्तर तक समितियों को मजबूत करना है। जहां समितियों में सदस्य नहीं हैं, वहां नए सिरे से समितियों का गठन किया जाएगा।बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को किसी भी स्थिति में ‘बैकफुट’ पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है। रविवार को लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के आंबेडकर सभागार में आयोजित भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की एक दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि आप (भाजपा कार्यकर्ता) विपक्ष में थे, तो जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए संघर्ष करते थे, अब जब सरकार में हैं, तो उत्तर प्रदेश में सुरक्षित वातावरण देख रहे हैं। याद कीजिए मोहर्रम के समय में सड़कें खाली हो जाती थीं और आज जब मोहर्रम होता है, तो पता भी नहीं चलता। इससे पहले उन्होंने हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता न मिलने की वजहों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब हम आत्मविश्वास में होते हैं कि हम तो जीत ही रहे हैं, तो स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना ही पड़ता है। प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में भाजपा को इस बार सिर्फ 33 सीट पर जीत मिली, जबकि विपक्षी समाजवादी पार्टी ने 37 और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को दो और अपना दल (एस) को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली, जबकि अकेले मैदान में उतरे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट पर जीत गए। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का खाता भी नहीं खुला।
लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में नसीहत भरे अंदाज में योगी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014, 2017, 2019 और 2022 में भारी सफलता प्राप्त कर विपक्ष को उसकी वास्तविक स्थिति में पहुंचाने का कार्य किया और लगातार उस पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने कहा कि कोई संदेह नहीं कि 2014, 2017, 2019 और 2022 में (लोकसभा और विधानसभा चुनावों में) जितना मत प्रतिशत भाजपा का रहा, 2024 में भी आप सभी कार्यकर्ताओं के संघर्ष से, मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में भाजपा उतने वोट पाने में सफल रही, लेकिन वोट इधर-उधर होने से सीटों पर हार जीत तय होती है। ऐसे जब हम आत्मविश्वास में होते कि हम तो जीत ही रहे हैं, तो स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना ही पड़ता है।
उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो विपक्ष चुनाव के पहले हिम्मत हार कर बैठ गया था, वह आज फिर उछल कूद कर रहा है। अपनी सरकार की कानून-व्यवस्था की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही योगी ने कहा कि 2022 के चुनाव के बाद विपक्ष उछल कूद करने लगा और मारपीट पर उतारु हो गया, लेकिन वास्तव में हमारी सरकार के माफिया मुक्त अभियान में आप सबके सहयोग से प्रदेश को गुंडों और माफिया से मुक्त करने में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकारों के दौरान दलितों, महापुरुषों के अपमान, आरक्षण में भेदभाव और संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया।