Saturday, February 8, 2025
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दिल्ली की डीटीसी बसों की खरीदारी में क्यों हुई गड़बड़?

दिल्ली में लगातार दौड़ रही डीटीसी बसों के बारे में तो आपने सुना ही होगा! दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अभी आबकारी नीति को लेकर सीबीआई जांच का सामना कर रही ही थी कि एक और जांच से इस सरकार का पाला पड़ सकता है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने डीटीसी की ओर से 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार की शिकायत पर प्रस्ताव भेजने को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया है कि शिकायत में कहा गया है कि 1000 लो फ्लोर बीएस-4 और बीएस-6 बसों के लिए जुलाई 2019 में खरीद बोली और मार्च 2020 में बीएस-6 बसों के लिए सालानमा रखरखाव के अनुबंध के लिए लगाई गई दूसरी बोली में अनियिमताताएं हुई हैं। इधर केजरीवाल सरकार पर एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगे उधर भारतीय जनता पार्टी को जैसे फ्रंटफुट पर खेलने का एक और मौका मिल गया। बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूछ लिया कि इतने घोटालों के बाद कैसे कहा जाए कि यह दिल्ली में कट्टर ईमानदार सरकार है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह डीटीसी बस घोटाला क्या है और इसपर आम आदमी पार्टी को कितना घाटा और भारतीय जनता पार्टी को कितना फायदा होने वाला है।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आबकारी नीति को लेकर सीबीआई जांच के आदेश के बाद डीटीसी बसों की खरीद को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। आम आदमी पार्टी सरकार पर डीटीसी की 1000 बसों की खरीद और मेंटेनेंस में अनियमितताओं के आरोप हैं। मुख्य सचिव के प्रस्ताव पर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने जांच सीबीआई को सौंप दी है। असल में एलजी वीके सक्सेना को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि 1000 लो फ्लोर बीएस-4 और बीएस-6 बसों के लिए जुलाई में 2019 की खरीद बोली और मार्च में 2020 में लो फ्लोर बीएस-6 बसों की खरीद और रखरखाव के अनुबंध के लिए लगाई गई दूसरी बोली में भारी अनियमितताएं हुई हैं। इस कथित भ्रष्टाचार पर 22 जुलाई को शिकायत पर दिल्ली सरकार के विभागों की प्रतिक्रयाएं लेने के लिए मुख्य सचिव के पास भेजा गया था। मुख्य सचिव ने 19 अगस्त को एलजी को रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद रविवार को दिल्ली के एलजी ने शिकायत सीबीआई को सौंप दी है।

आबकारी नीति पर आम- आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच चल रही जुबानी जंग रविवार को कथित डीटीसी बस घोटाले के आरोपों पर फिर तेज हो गई। आरोप-प्रत्यारोप के बीच आम आदमी पार्टी की ओर से आतिशी सिंह, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज ने कमान संभाली और अपनी सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर खुलकर जवाब दिया। आप नेता आतिशी सिंह ने कहा कि एक बड़े न्यूज़ चैनल ने Survey में देश भर के लोगों से पूछा- क्या 2024 में सीएम केजरीवाल पीएम मोदी के लिए चुनौती हैं? 63% जवाब- हाँ। Modi जी की नींद उड़ गई। LG-CBI-ED को कहा गया-पराने, फ़र्ज़ी केस निकालो, किसी मंत्री को जेल भेजो, केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता रोको। आतिशी ने आगे कहा कि हमें पता है LG पर प्रधानमंत्री का प्रेशर है कि रोज़ अरविंद केजरीवाल जी के ख़िलाफ़ कुछ निकालें,लेकिन इस बार आनन-फ़ानन में ग़लती कर दी वो फाइल भेज दी जो पहले दो बार CBI के पास भेज चुके थे। जब बस ख़रीद का टेंडर नहीं हुआ, बस ख़रीदी नहीं गई तो घोटाला कैसे हुआ?

दुर्गेश पाठक ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगे आरोपों पर बोलते हुए कहा कि LG रोज़ एक फ़र्ज़ी जांच बैठा देते हैं। आज जिस DTC बस ख़रीद की जांच CBI को दी, पूर्व LG ने उसमें Clean Chit दी है। इनका मक़सद ठेकेदारों को Message देना है कि हिस्सा कहाँ देना है? LG से विनती है कि हम ईमानदार लोग हैं। हमसे ये नहीं होगा। आप ख़ुद ठेकेदारों से Deal कर लो। पाठक ने आगे कहा कि रोज़ सुबह उठकर Inquiry? जो जाँच हो चुकी, LG ने Clean Chit दे दी, उसपर फिर जाँच? अपनी जाँच भी तो कराइये। आपके Head Cashier ने लिख कर दिया कि आपके ब्लैक के पैसे व्हाइट करता था, बेटी को टेंडर दिए आपने, कोर्ट की अवहेलना कर कैश पेमेंट की उनकी जाँच में मिर्ची लगती है?

दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन सौरभ भारद्वाज ने इन आरोपों पर तंज कसते हुए तीन तोतों वाली तस्वीर ट्वीट की। सौरभ ने कहा कि कितना आसान है – भाजपा की शिकायत, भाजपा का LG,भाजपा की CBI खुद शिकायत करो, LG से चिट्ठी लिखवाओ, खुद CBI को जाँच भेजो, रोज़ बोलो भ्रष्टाचार हो गया एक भाषा बोलने वाले तोते हैं।

आम आदमी पार्टी पर लगे आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी ने भी खूब निशाना साधा। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने डीटीसी बस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का स्वागत किया है। उन्होंने इसके साथ कहा कि आम आदमी पार्टी का भ्रष्टाचार का एक और चेहरा सामने आ गया है। डीटीसी बसों की खरीद के लिए पहले टेंडर जारी किए गए उसके बाद नियमों का उल्लंघन किया गया। कॉन्ट्रैक्ट एक ऐसी कंपनी को दिया गया जिस कंपनी ने उस बोली में शामिल ही नहीं थी। जांच के बाद पता चलेगा कि कितना बड़ा घोटाला हुआ है।

बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि अरविंद सरकार का नया घोटाला, पहले हवाला कांड फिर शराब कांड फिर स्कूल कमरों का घोटाला और अब डीटीसी बस घोटाला। केजरीवाल रकार में ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां भ्रष्टाचार नहीं हुआ हो। खुराना ने मंत्रियों को भी बर्खास्त करने की मांग की है। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि ‘पहले से ही आबकारी विभाग में घोटाला, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में घोटाला और अब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में घोटाला… फिर कैसे कहा जाए कि दिल्‍ली में कट्टर ईमानदार सरकार है।’

यह सबको पता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सबसे मजबूत है। दिल्ली की जनता आप की ओर से चलाई जा रही स्कीम, स्कूलों में बदलाव के चलते दो बार भारी वोटों से विजयी बनाया है। आम आदमी पार्टी अपने आपको हर मौकों पर कट्टर ईमानदार बताती आई है। दिल्ली के अलावा अब आम आदमी पार्टी की पंजाब में भी सरकार है। वहीं गुजरात, हिमाचल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में चुनाव हैं। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल के चलते पंजाब के बाद बाकी राज्यों में प्रचार के दौरान जोर-शोर से इसे प्रमोट करेंगे। गुजरात में तो उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है जिसे वह आगे लेकर जाएंगे। बस भाजपा की नजर इसी दिल्ली मॉडल को निशाना बनाने की है। एबीपी सी-वोटर सर्वे में भी आबकारी नीति से केजरीवाल सरकार को बहुत नुकसान होता हुआ दिखााई नहीं दे रहा है। वहीं कई सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि अरविंद केजरीवाल मोदी को चुनौती देते हुए दिख रहे हैं।

इन सबके बाद दिल्ली में बीजेपी इन्हीं कथित घोटालों को लेकर आप को बैकफुट में धकेलना चाहती है। जिस दिल्ली मॉडल की चर्चा केजरीवाल देश ही नहीं विदेशों में भी करते नहीं थकते उसी मॉडल पर भारतीय जनता पार्टी चोट करना चाहती है। आबकारी और अब डीटीसी के माध्यम से भाजपा यह साबित करने में जुटी है कि केजरीवाल सरकार जिस कट्टर ईमानदारी की दुहाई देती हुई नहीं थकती उसकी सच्चाई कुछ और ही है। कई प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बीजेपी यह साबित करने में जुटी है कि इस सरकार की कट्ट्र ईमानदारी वाली बात झूठी है और यह जनता को मूर्ख बना रही है। भाजपा को यह भी पता है कि अगर दिल्ली मॉडल को वह फ्लॉप बताने में सफल हो जाती है तो बाकी राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान उसे फायदा और AAP को नुकसान हो सकता है। अब यह तो वक्त ही बताएगा कि कौन किसपर भारी पड़ेगा क्योंकि फैसला जनता को करना है।

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