वर्तमान में देश में साइबर ठगों के इरादे बढ़ चुके हैं!दो वक्त की रोटी और अपने परिवार को एक अच्छी जिंदगी देने के लिए आम इंसान कभी मेहनत से पीछे नहीं हटता है और पाई- पाई जोड़कर अपने बच्चों को अच्छा भविष्य देने की कोशिश करता है, लेकिन कई बार चोरों की काली नजर उन आम इंसान के सपनों के तिजोरी पर पड़ जाती है और वो उस परिवार के चमकते भविष्य के सपने को तहस नहस कर देते हैं। इन दिनों चोरों से ज्यादा आम लोगों साइबर ठगी का डर सताता है कि कब वो इन ठगों के शिकार बन जाएं। बता दें कि देश में 7 लाख से अधिक लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं। इन लोगों से चार महीने में ही हजारों करोड़ों की साइबर ठगी की गई है। इस स्कैम को लेकर शुरुआती चार महीने में 20 हजार से अधिक मामले में दर्ज हुए। जिसमें डिजिटल अरेस्ट के 4599 मामले सामने आए हैं। जिसमें लोगों को 120 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। अभी 2024 का आधा साल भी नहीं गुजरा है महज शुरुआती चार महीने में देश में 7 लाख से अधिक लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं। साइबर क्राइम के सिर्फ 26 हजार 49 मामले आए थे। जिसके बाद 2020 में आंकड़ा लाखों में पहुंच गया। साल 2020 में ये मामले बढ़कर 2 लाख 57 हजार 777 पर पहुंच गया थे।इन लोगों से चार महीने में ही हजारों करोड़ों की साइबर ठगी की गई है। ईटी की एक रिपोर्ट में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के हवाले से बताया गया है कि सिर्फ इस साल के पहले चार महीनों में ही भारतीयों को साइबर फ्रॉड के चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार साल 2024 के पहले चार महीनों में भारतीयों ने 1,750 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिसके लिए 7 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने फ्रॉड की शिकायत दर्ज की हैं। साइबर ठग पैसों के लालच देकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। बता दें कि इस साल में 1420 करोड़ की ठगी तो साइबर ठगों ने ट्रेडिंग स्कैम के जरिए की है।रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक में हर रोज 7 हजार शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं। जिसमें से 85 फीसदी शिकायतें ऑनलाइन फ्रॉड की हैं। बता दें कि ये मामले बीते सालों की तुलना में काफी ज्यादा हैं।
देश में बढ़ रहे साइबर ठगी के मामलों ने साल दर साल तेजी आ रही है। बीते पांच सालों में साइबर ठगी के मामलों का ग्राफ तेजी से ऊपर की तरफ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में साइबर क्राइम के सिर्फ 26 हजार 49 मामले आए थे। जिसके बाद 2020 में आंकड़ा लाखों में पहुंच गया। साल 2020 में ये मामले बढ़कर 2 लाख 57 हजार 777 पर पहुंच गया थे। उसके बाद 2021 में 4 लाख 52 हजार 414 पर और 2022 में 9 लाख 66 हजार 790 पर पहुंच गए थे। पिछले साल देश में साइबर ठगी के मामले 15 लाख 56 हजार 218 पहुंच गए। साइबर ठगी के मामलों में आई तेजी के दो ही कारण हैं कि साइबर ठग हर रोज एक नए तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं वहीं दूसरा कि अभी भी देश में काफी लोग हैं जो साइबर ठगी से बचने के तौर तरीकों को लेकर लापरवाही दिखाते हैं और लालच में आकर इन ठगों का शिकार आ जाते हैं।
हमारे देश में लोग साइबर ठगी के मामलों में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह लालच है। साइबर ठग पैसों के लालच देकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। बता दें कि इस साल में 1420 करोड़ की ठगी तो साइबर ठगों ने ट्रेडिंग स्कैम के जरिए की है। बता दें कि चोरों से ज्यादा आम लोगों साइबर ठगी का डर सताता है कि कब वो इन ठगों के शिकार बन जाएं। अभी 2024 का आधा साल भी नहीं गुजरा है महज शुरुआती चार महीने में देश में 7 लाख से अधिक लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं। जिसके लिए 7 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने फ्रॉड की शिकायत दर्ज की हैं। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक में हर रोज 7 हजार शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं। जिसमें से 85 फीसदी शिकायतें ऑनलाइन फ्रॉड की हैं। बता दें कि ये मामले बीते सालों की तुलना में काफी ज्यादा हैं।इन लोगों से चार महीने में ही हजारों करोड़ों की साइबर ठगी की गई है। इस स्कैम को लेकर शुरुआती चार महीने में 20 हजार से अधिक मामले में दर्ज हुए। जिसमें डिजिटल अरेस्ट के 4599 मामले सामने आए हैं। जिसमें लोगों को 120 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया।