आखिर कैसे पहुंचा बाबा राम रहीम जेल?

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आज हम आपको बताएंगे कि बाबा राम रहीम जेल कैसे पहुंचा था! हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा किसी पहचान का मोहताज नहीं है। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम का विवादों से पुराना नाता है। पिछले महीने गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने हत्या के एक मामले में हाई कोर्ट ने बरी किया था। राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। एक सामान्य इंसान से करोड़ों की संपत्ति वाले डेरा प्रमुख की कहानी पूरी फिल्मी है। राम रहीम का जन्म राजस्थान के गंगानगर में जिले में हुआ था। एक इंटरव्यू के दौरान राम रहीम ने खुद दावा किया था कि उनका जन्म संतों के आशीर्वाद की वजह से हुआ था। 17 साल की उम्र में घरवालों ने हरजीत कौर से उनकी शादी कर दी। पत्नी ने 1 बेटा और दो बेटियों को जन्म दिया। 23 साल की उम्र पूरी होने के बाद डेरा के आदेश पर उन्होंने संन्यास ले लिया। शाह सतनाम सिंह ने 1990 में राम रहीम को डेरा सच्चा सौदा का तीसरा प्रमुख बनाया था। यह डेरा 1948 में शाह मस्ताना ने स्थापित किया था। राम रहीम के बेटे जसमीत की शादी पंजाब के पूर्व एमएमएल की बेटी के साथ हुई थी। वहीं, बड़ी बेटी चरणप्रीत कौर और छोटी बेटी अमरप्रीत कौर है। इसके अलावा राम रहीम हनीप्रीत कौर को भी गोद लिया है।

बाद में डेरा प्रमुख ने फिल्में भी बनाई। डेरा प्रमुख ने अपना हुलिया बदलकर बिल्कुल रॉक स्टार जैसा बना लिया। उन्होंने कई रॉकस्टार कॉन्सर्ट भी किए। उन्होंने साल 2015 में मैसेंजर ऑफ गॉड फिल्म बनाई। इसके बाद ‘एसएजी-2’, ‘एसएजी-ऑनलाइन गुरुकुल’, ‘एसएजी-द वारियर लायन हार्ट’, ‘हिन्द का नापाक को जवाब’ फिल्में भी रिलीज हुईं। राम रहीम ने खुद ही इन फिल्मों को प्रोड्यूस करने से लेकर स्क्रिप्ट, डायरेक्शन और म्यूजिक भी दिया था। डेरा सच्चा सौदा का दावा है कि उनके के दुनियाभर में पांच करोड़ अनुयायी हैं। हरियाणा में ही 25 लाख अनुयायी हैं। देशभर में डेरे के 50 से अधिक आश्रम हैं। डेरा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में है। डेरा के पास कई सौ करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक डेरे के अनुयायी हैं। डेरा पर वहां रहने वाले साधुओं को नपंसुक बनाने के भी आरोप लगे। फतेहाबाद के रहने वाले हंसराज चौहान ने जुलाई 2012 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डेरा सौदा प्रमुख पर 400 साधुओं को नपंसुक बनाने का आरोप लगाया था। इसमें 166 साधुओं का नाम भी दिया गया था।

डेरा पहली साल 1998 में पहली बार विवाद में आया था। डेरा की जीप से दबकर एक बच्चे की मौत हो गई थी। यह खबर वहां अखबार में छप गई। इसके बाद डेरा के लोगों ने अखबार के ऑफिस में जाकर हंगामा किया। बाद में डेरा की तरफ से माफी मांगी गई। साल 2002 में एक गुमना चिट्ठी से डेरा प्रमुख के पतन की शुरुआत हो गई। उस समय एक कथित साध्वी ने तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिख गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगाया था। उसी साल ही डेरा के खिलाफ खबरें लिखने वाले पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या का भी डेरा प्रमुख पर आरोप लगा। चिट्ठी सामने आने के बाद जुलाई 2002 में डेरा के मैनेजर रणजीत सिंह की भी हत्या हो गई। इसके बाद साल 2007 में राम रहीम गुरुगोबिंद सिंह की वेशभूषा में नजर आए। इसके बाद पंजाब में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारी सिखों और डेरा समर्थकों के बीच जमकर हिंसा हुई। बठिंडा में डेरा प्रमुख का पुतला फूंका गया। कई जगह सिखों और डेरा समर्थकों में टकराव की घटनाएं हुईं। इस पर पंजाब में डेरा प्रमुख के जाने पर रोक लग गई। पंजाब में डेरा प्रमुख के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। बाद में पंजाब सरकार ने मामला वापिस ले लिया।

25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में राम रहीम को 20 साल कैद हुई। इसके बाद 17 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्र कैद हुई। पत्रकार छत्रपति की हत्या में राम रहीम को उम्रकैद और यौन शोषण के दो मामलों में 10-10 साल की कैद हुई थी। याचिका दायर कर डेरा सौदा प्रमुख पर 400 साधुओं को नपंसुक बनाने का आरोप लगाया था। इसमें 166 साधुओं का नाम भी दिया गया था।इसके अलावा डेरा मैनेजर रणजीत सिंह के हत्या मामले में अक्टूबर 2021 में सीबीआई कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम को इस मामले में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया।