देश के सर्वश्रेष्ठ सलाहकार अजीत डोभाल के बारे में तो आपने सुना ही होगा! इस साल फरवरी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था। ‘जेड प्लस’ सुरक्षा वाले एनएसए के जनपथ स्थित आधिकारिक आवास में एक व्यक्ति ने जबरन घुसने की कोशिश की थी। उसने अपनी कार से आवास के मेन गेट को टक्कर मारी थी। डोभाल के सुरक्षा चक्र का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि उस एक लापरवाही पर 3 कमांडो बर्खास्त कर दिए गए हैं। 2 बड़े अधिकारियों को हटा दिया गया है। वह भी तब जब शख्स को तत्काल हिरासत में लेकर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था।एनएसए डोभाल की सुरक्षा में उस चूक के 6 महीने बाद इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के 3 कमांडो को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा डोभाल की सिक्यॉरिटी यूनिट में तैनात 2 सीनियर अफसरों का ट्रांसफर कर दिया गया है। एनएसए डोभाल को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।
कमांडो और अफसरों के खिलाफ ये कार्रवाई सीआईएसएफ की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जिन तीन कमांडो को बर्खास्त किया गया है वे सुरक्षा प्रदान करने के लिए उस दिन एनएसए के आवास पर मौजूद थे। सीआईएसएफ की स्पेशल सिक्यॉरिटी ग्रुप यूनिट की तरफ से डोभाल को सिक्यॉरिटी कवर मुहैया कराई गई है। बर्खास्त किए गए तीनों कमांडो SSG यूनिट के हैं। इसके अलावा सिक्यॉरिटी यूनिट का नेतृत्व कर रहे डेप्युटी इंस्पेक्टर जनरल कौशिक गांगुली और उनके पद के ठीक नीचे के कमांडेंट रैंक के एक सीनियर अफसर नवदीप सिंह हीरा को हटा दिया गया है।
सुरक्षा में चूक का ये मामला 16 फरवरी 2022 का है। अजीत डोभाल दिल्ली के बेहद हाई सिक्यॉरिटी वाले इलाके लुटियंस जोन के 5 जनपथ बंगले में रहते हैं। उनसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल इस बंगले में रहते थे। डोभाल के बंगले के पास ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बंगला है। उस दिन एक ‘मानसिक रूप से अस्थिर’ शख्स ने डोभाल के आवास के गेट को अपनी एसयूवी से टक्कर मार दी थी।
संदिग्ध की पहचान बेंगलुरु के रहने वाले शक्तिधर रेड्डी (43) के तौर पर हुई। वह 13 फरवरी को दिल्ली आया था और नोएडा सेक्टर 63 के एक होटल में ठहरा था। उसने एक सेल्फ-ड्राइव कार रेंटल सर्विस फर्म से एक लाल रंग की महिंद्रा XUV 300 कार को रेंट पर लिया। वह 16 फरवरी को सुबह करीब 8 बजे एनएसए डोभाल के आवास पर रॉन्ग साइड से ड्राइव करते हुए पहुंचा और अपनी एसयूवी से मेन एंट्रेस गेट को टक्कर मार दी।
सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि रेड्डी आवास के भीतर कुछ मीटर तक जाने में कामयाब हो गया था। आखिरकार उसे हिरासत में लेने के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था। वह सुरक्षाकर्मियों से कह रहा था कि उसके शरीर में कोई चिप प्लांट किया गया है जिसका पता एमआरआई कराने पर भी नहीं चल सकता है। रेड्डी उस वक्त ‘अल्प्राक्स’ नाम के ड्रग का सेवन किया हुआ था। वह बार-बार सुरक्षाकर्मियों से कह रहा था कि चीन और अमेरिका से तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उसके दिमाग और शरीर को किसी ने कंट्रोल में किया हुआ है। चिप की वजह से उसके बॉडी और माइंड पर किसी अन्य का कंट्रोल है।
Z+ सिक्यॉरिटी एसपीजी हाइएस्ट कैटिगरी की सिक्यॉरिटी कवर होती है जो राष्ट्रपति और कुछ चुनिंदा वीवीआईपी को मिलती हैं। डोभाल को इसी श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इस सुरक्षा में अत्याधुनिक हथियारों और सुरक्षा उपकरणों से लैस कुल 50 से 55 कमांडो होते हैं। इनमें से 10 एसएसजी (National Security Guards) और एसपीजी (Special Protection Group) कमांडो होते हैं। खास बात ये है कि SPG के कमांडो ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा करते हैं, जो देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा है। इनके अलावा आईटीबीपी, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के जवान भी सुरक्षा में तैनात होते हैं। Z+ सिक्यॉरिटी में 3 घेरे की सुरक्षा होती है। पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है। दूसरे घेरे में एसपीजी के अधिकारी तैनात होते हैं। इसके अलावा पैरामिलिट्री के जवान तैनात होते हैं। जेड प्लस सिक्यॉरिटी वाले शख्स को बुलेटप्रूफ कार और 3 शिफ्ट में एस्कॉर्ट मिलती है। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाती है। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त एनएसजी कमांडो को भी तैनात किया जाता है।