Tuesday, December 17, 2024
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एक राज्य में कैसे बनाया जाता है नया जिला? जानिए!

जब एक राज्य में जनसंख्या अधिक बढ़ जाती है तो उसे नए जिले की आवश्यकता जरूर होती है! पिछले कुछ वर्षों में देश में जिलों की संख्या बढ़ी है। कई राज्यों में इसकी संख्या दूसरे राज्यों के मुकाबले अधिक बढ़ी है। हाल ही में पश्चिम बंगाल में सात नए जिले बनाए जाने की घोषणा हुई है। 1961 के बाद से देखा जाए तो देश में जिलों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। 1961 में जिलों की संख्या 339 थी लेकिन 2022 में देश में जिलों की संख्या बढ़कर 757 तक पहुंच गई है। समय-समय पर अलग-अलग राज्यों में नए जिलों के गठन की घोषणा की जाती है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह जिले बनाए कैसे जाते हैं। इसका पैमाना क्या है। इन जिलों को बनाता कौन है और नए जिले के लिए कौन सी जरूरी बात है जो होनी चाहिए। क्या इसमें केंद्र की भी कोई भूमिका होती है।

कैसे बनता है जिला

नए जिले बनाने या मौजूदा जिलों को बदलने या समाप्त करने की शक्ति राज्य सरकारों के पास है। यह या तो एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से या राज्य विधानसभा में एक कानून पारित करके किया जा सकता है। कई राज्य केवल आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके कार्यकारी मार्ग पसंद करते हैं। नए जिले के लिए प्रपोजल स्टेट रेवेन्यू डिपार्टमेंट या बोर्ड ऑफ रेवेन्यू जो भी राज्य में है, उसकी ओर से रखा जाता है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से कमिटी का गठन किया जाता है जो प्रपोजल को देखती है। उसके बाद सरकार की ओर से इस पर फैसला होता है।

नया जिला बनाने की मंजूरी मिलने के बाद सबसे पहले डीएम और एसपी की नियुक्ति होती है जो उस जिले में कानून व्यवस्था को देख सके। कुछ महीनों के बाद जिले में और अधिकारियों की जरूरत होती है जो दूसरे विभागों के कार्य को देख सके। जैसे पीडब्लयूडी, कृषि, ग्रामीण विकास दूसरे विभाग। इसके बाद जिला सत्र न्यायालय जो हाई कोर्ट के निर्देशानुसार होगा और राज्य सरकार उसके लिए भूमि उपलब्ध कराएगी।

साल 1961 में देश में जिलों की जितनी संख्या थी वो 2022 आते-आते दोगुनी हो चुकी है। 1961 में जिलों की संख्या 339 थी और 2022 में देश में जिलों की संख्या बढ़कर 757 तक पहुंच गई है। तमिलनाडु में सबसे अधिक जिलों की संख्या इस बीच बढ़ी, वहीं गोवा वह राज्य है जहां जिलों की संख्या इस दौरान घटी है।

1961 के बाद से राज्यों में जिलों की जो संख्या बढ़ी है उसमें कई राज्य ऐसे हैं जहां इनकी संख्या काफी बढ़ी है। असम राज्य में 1961 में जिलों की संख्या 11 थी जो 2021 में बढ़कर 35 हो गई। बिहार में 1961 में जिलों की संख्या 17 थी और 2021 में 38 हो गई। दिल्ली में 1 जिले से बढ़कर संख्या 11 हो गई। देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 54 जिले थे और 2021 में जिलों की संख्या बढ़कर 75 हो गई। पश्चिम बंगाल में 16 जिलों की संख्या थी जो बढ़कर 23 हुई। हालांकि दूसरे राज्यों के मुकाबले यहां जिलों की संख्या में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं देखने को मिली।

देश में जिलों की संख्या और आबादी को देखा जाए तो औसत आबादी एक जिले की 18 लाख है। ऐसा नहीं है कि किसी जिले में 18 लाख से अधिक आबादी नहीं है। कई राज्य ऐसे हैं जहां औसत आबादी से अधिक जनसंख्या है। पश्चिम बंगाल वो राज्य है जहां जिलों में आबादी औसत जनसंख्या से कहीं अधिक है। इस राज्य में जिलों की औसत आबादी देखी जाए तो 43 लाख के करीब है।

जिलों में कोई बदलाव या नया जिला बनाने में केंद्र की कोई भूमिका नहीं होती है। राज्य इस बारे में निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं। गृह मंत्रालय इस पूरे पिक्चर में तब आता है जब कोई राज्य किसी जिले में स्थित रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहता है।जिलों में कोई बदलाव या नया जिला बनाने में केंद्र की कोई भूमिका नहीं होती है। राज्य इस बारे में निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं। गृह मंत्रालय इस पूरे पिक्चर में तब आता है जब कोई राज्य किसी जिले में स्थित रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहता है। राज्य सरकार के अनुरोध को अन्य विभागों और एजेंसियों जैसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण विज्ञान और रेल मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा जाता है। राज्य सरकार के अनुरोध को अन्य विभागों और एजेंसियों जैसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण विज्ञान और रेल मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा जाता है।

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