यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर यातायात नियमों का उल्लंघन कब तक चलता रहेगा! शॉर्टकट हमेशा खतरनाक होता है। खास तौर पर अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। सरकार हो या प्रशासन या फिर घर के बड़े-बुजुर्ग, सभी ये समझाते हैं कि सड़क पर यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। इसके बावजूद भी अकसर लोग थोड़ा सा समय बचाने के लिए रॉन्ग साइड ड्राइविंग से परहेज नहीं करते। वो भी ये जानते ही हुए ये कितना खतनाक हो सकता है। ऐसा ही भीषण हादसा द्वारका एक्सप्रेसवे फ्लाईओवर के नीचे देखने को मिला, जब सवारियों को बिठाने के बाद ई-रिक्शा ड्राइवर समय बचाने के लिए रॉन्ग साइड जाने लगा। तभी अचानक एक एसयूवी से ई-रिक्शे की सीधी टक्कर हो गई। हादसा कितना भयानक था ये इसी से समझा जा सकता है कि टक्कर के बाद ई-रिक्शा ड्राइवर और इसमें सवार यात्री हवा में उछल गए। दिल दहला देने वाले इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हैं। इस एक्सीडेंट में एसयूवी का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं थ्री-व्हीलर के मानो परखच्चे ही उड़ गए। इस हादसे के बारे में जिसने भी सुना वो सन्न रह गया। सवाल यही कि आखिर कब तक चुप रहकर जान देते रहेंगे। पूरा मामला दिल्ली से सटे गुरुग्राम के धनवापुर चौक का है। जानकारी के मुताबिक, द्वारका एक्सप्रेसवे फ्लाईओवर के नीचे सड़क पर ई-रिक्शे की एक एसयूवी से जोरदार टक्कर हुई। पुलिस ने बताया कि सोमवार को ई-रिक्शा ड्राइवर समय बचाने के लिए सड़क के गलत साइड से आ रहा था, तभी शाम करीब 6 बजे किआ सेल्टोस से उसकी सीधी टक्कर हो गई। एसयूवी से टकराने के बाद थ्रीव्हीलर दो बार पलट गया। भीषण हादसे ई-रिक्शा ड्राइवर और सात यात्री हवा में उछल गए और फिर सड़क पर गिरकर बुरी तरह से घायल हो गए। राहगीरों ने तुरंत ही घायल यात्रियों को सेक्टर 10 के सिविल अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने राजस्थान के जोधपुर से आए 22 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर रवि कुमार को मृत घोषित कर दिया गया। ई-रिक्शा चला रहे पंकज कुमार ने भी मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। घायल हुए छह अन्य यात्रियों का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। राजेंद्र पार्क थाने के हेड कांस्टेबल विनोद ने बताया कि हादसे में घायल सभी लोग दिहाड़ी मजदूर हैं। वो धनवापुर के आसपास अलग-अलग प्रोजेक्ट साइट्स पर काम करते हैं। शाम करीब 5.45 बजे वे राजिंदर पार्क जाने के लिए ई-रिक्शा में बैठे थे। वे दिनभर काम करने के बाद घर जा रहे थे। समय बचाने के लिए ई-रिक्शान ड्राइवर पवन ने रॉन्ग साइड ही जाने का फैसला किया, इसी वजह से ये हादसा हुआ।
बताया जा रहा कि मानेसर जा रही जिस एसयूवी से एक्सीडेंट हुआ उसमें पांच लोग सवार थे। पुलिसकर्मी ने बताया कि ई-रिक्शा से टकराने के बाद कार के एयरबैग खुल गए। एसयूवी में सवार किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई। शुरुआती जांच में पता चला है कि कार की रफ्तार भी तेज नहीं थी। घायल मजदूरों में से एक राम कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में आईपीसी की धारा 304ए (तेज गति से या लापरवाही से किसी की मौत), 337 (तेज गति से या लापरवाही से किसी को घायल करना) और 279 सार्वजनिक मार्ग पर तेज गति से वाहन चलाना के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
राजेंद्र पार्क थाने के इंस्पेक्टर यशवीर सिंह ने कहा कि हालांकि एसयूवी ड्राइवर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन उन्हें यह पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने की जरूरत है कि गलती किसकी थी। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद दोनों मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए। इस दुर्घटना ने एक बार फिर नए खुले एक्सप्रेसवे के आसपास यातायात नियमों के पालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, पुलिस ने जोर देकर कहा कि वे एक्सप्रेसवे और इसकी सर्विस रोड पर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम लगाने के लिए प्रयास तेज कर रहे हैं।
फिलहाल पुलिस और प्रशासन भले ही कह रहा हो कि एक्सप्रेस-वे से जुड़ने वाले रास्तों पर वो नजर रखते हैं। यातायात नियमों का पालन भी कराया जाता है। बावजूद इसके ऐसी घटनाएं सवाल खड़े करती हैं। आखिर ई-रिक्शे में बैठे उन मजदूरों की क्या गलती है। वो बेचारे तो दिनभर काम करने के बाद अपने घर के लिए निकले थे। चाहे गलती रॉन्ग साइड ड्राइविंग करने वाले उस ई-रिक्शा ड्राइवर की हो या फिर एसयूवी चलाने वाले शख्स की, लेकिन सबसे ज्यादा कीमत तो उस 22 वर्षीय मजदूर ने चुकाई, जिसकी जान चली गई। महज 22 साल की उम्र में वो अपने परिवार से दूर हो गया। रॉन्ग साइड ड्राइविंग में उस ई-रिक्शा ड्राइवर की भी जान चली गई। जैसा कि पुलिस बता रही कि वक्त बचाने के लिए ई-रिक्शा ड्राइवर ने रॉन्ग साइड लिया तो क्या वो ये नहीं सोच सकता था कि उसके रिक्शे में और भी लोग हैं। अब उनमें से एक की मौत हो गई। छह मजदूर अभी भी अस्पताल में हैं। ऐसे में सवाल यही आखिर हम लोग जागरुक कब होंगे। क्या वो मजदूर जो रिक्शे में थे वो उस ड्राइवर को नहीं रोक सकते थे कि रॉन्ग साइड ड्राइविंग नहीं करो। ई-रिक्शा ड्राइवर खुद तो गया ही एक युवक के और मौत की वजह बना।
इस घटना ने फिर लोगों को अलर्ट किया कि ट्रैफिक नियमों का पालन करना कितना जरूरी होता है। ये कोई अकेला मामला नहीं है, रॉन्ग साइड के कारण हर साल हजारों लोगों की जिंदगियां काल के गाल में समा जाती हैं। ट्रांसप्रोर्ट मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में नेशनल हाईवे पर 7332 लोगों की मौत हुई थी। 44 फीसदी मौत रॉन्ग साइड ड्राइविंग के चलते हुई थी। ऐसे हादसे नहीं हो इसके लिए जरूरी है कि सड़क पर ड्राइव कर रहे लोग थोड़ा अलर्ट रहें। वो जरा सा समय बचाने के लिए रॉन्ग साइड ड्राइविंग से परहेज करें तो खुद के साथ कई जिंदगियां बच सकती हैं। गलत दिशा में गाड़ी चलाने के घातक परिणाम हो सकते हैं, जैसा कि इस मामले में देखने को मिला। यह दुखद घटना राजमार्गों पर सावधानी से गाड़ी चलाने और चौकस रहने के महत्व को रेखांकित करती है।