Friday, November 22, 2024
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बिहार के कानून मंत्री पर कितने केस? जानिए!

बिहार में नए मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है!आरजेडी कोटे से कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह के आसपास बिहार की सियासत घूमने लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे-सीधे पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। दरअसल, बीजेपी आरोप लगा रही है कि पटना के आरजेडी एमएलसी कार्तिकेय सिंह को अपहरण के मामले में जिस दिन कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। बिहार में 16 अगस्त (कल) को ही मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। अगले ही दिन से नीतीश को सफाई देनी पड़ रही है।

अनंत सिंह से कार्तिकेय का रिश्ता

कहा जाता है कि जब से अनंत सिंह ने सियासत में कदम रखा, तब से मास्टर साहेब (कार्तिकेय सिंह) उनके साथ हैं। हर सुख-दुख में साया की तरह ‘छोटे सरकार’ के साथ मास्टर कार्तिकेय बने रहे। मोकामा से आरजेडी के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खासमखास और आरजेडी उम्मीदवार कार्तिक मास्टर ने सत्ताधारी जेडीयू प्रत्याशी को एमएलसी चुनाव में शिकस्त दी थी। राजनीति ने करवट ली और अनंत सिंह की विधायकी चली गई मगर उनके ‘मास्टर साहेब’ नीतीश कैबिनेट में कानून मंत्री बन गए। बीजेपी का आरोप है कि कार्तिकेय सिंह अपहरण के केस में फरार चल रहे हैं।

बाहुबली अनंत सिंह के राइट हैंड माने जाने वाले कार्तिकेय सिंह पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की ओर से सवाल उठाए जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ मालूम नहीं है। बुधवार को पटना में पत्रकारों ने जब सीएम नीतीश से पूछा कि कि कार्तिकेय सिंह अपहरण के मामले में वारंटी हैं तो उन्हें कानून मंत्री कैसे बनाया गया। इस पर सीएम नीतीश ने कहा, ‘मुझे इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।’ सुशील मोदी पहले ही कह चुके हैं कि अगर सीएम नीतीश को इस बारे में पहले से पता नहीं है तो अब मामला सामने आने पर कार्तिकेय सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।

बिहार के नए नवेले मंत्री कार्तिकेय सिंह अपने समर्थकों के बीच ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से मशहूर हैं। अनंत सिंह जब से राजनीति में आए, उसी समय से कार्तिकेय सिंह उनके करीबी रहे हैं। 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी। बाद में अनंत सिंह के अहम चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिक मास्टर को पहचान मिली। कहा तो यहां तक जाता है कि अनंत सिंह के साम्राज्य को भी कार्तिक मास्टर संभालते हैं। पर्दे के पीछे रहकर तमाम गोटियां सेट करते हैं। राजद विधायक अनंत सिंह के अच्छे-बुरे और हर सुख-दुख के सबसे बड़ा साथी मास्टर कार्तिक ही रहे हैं। अनंत सिंह उन्हें ‘मास्टर साहेब’ कहकर बुलाते हैं। वैसे सियासत की राह पकड़ने से पहले कार्तिकेय सिंह स्कूल में पढ़ाते थे। वो एक शिक्षक थे। यही वजह रही कि उनके नाम के साथ ‘मास्टर’ शब्द जुड़ गया। कार्तिकेय सिंह भी मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है। कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार से मुखिया हैं।

कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं। मोकामा, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामलों में एफआईआर है। हालांकि किसी भी मामले में अब तक कोर्ट ने इन्हें दोषी नहीं बताया है। फिलहाल जिस मामले को लेकर विवादों में हैं, वो बिहटा थाने से जुड़ा हुआ है। यहां के कारोबारी राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं। बिहटा थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज है। इसी मामले कोर्ट ने वारंट जारी किया है। धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है। कार्तिकेय सिंह ने अब तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इसी बात को लेकर बीजेपी नेता बयानबाजी कर रहे हैं।

कार्तिकेय सिंह ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार एमएलसी बना हूं और अब मंत्री भी बन गया हूं, इसलिए जिम्मेदारी काफी अधिक हो गई है। मैं अब पूरे बिहार का काम देखूंगा लेकिन मेरी प्राथमिकता उन लोगों के प्रति होगी जिन्होंने मुझे जिताकर यहां भेजा है। मैं सरकरी शिक्षक था, 2015 में वीआरएस लिया। मेरे बाबा स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। मैं शुरू से ही राजनीति से जुड़ा रहा। जब दिलीप सिंह मोकामा का प्रतिनिधित्व करते थे तब से मैं उनके साथ काम करता रहा। अनंत सिंह जब से राजनीति में आए तब से मैं उनके साथ काम करता रहा। सुशील मोदी की ओर से लगाए गए आरोप पर कार्तिकेय सिंह ने कहा कि चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी जा चुकी है। वहां कोई बात छुपाई नहीं जाती है। केस होना या नहीं होना अलग बात है, लेकिन केस में दोषी पाया जाना अलग बात है। वहीं, आरजेडी कार्तिकेय सिंह का बचाव कर रही है।

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