पैसों की कमी होती जा रही है लेकिन एक व्यक्ति के खर्चे कम नहीं हो रहे! इस महीने त्योहारों की धूम है। त्योहारों में लोग जम कर मौज-मस्ती कर रहे हैं। ढेर सारे लोग जम कर खरीदारी भी कर रहे हैं। लेकिन इस मौज मस्ती में भूल रहे हैं कि इसी महीने 24 तारीख को दिवाली भी है। इससे पहले 13 तारीख को करवा चौथ है। इसमें भी भारी खर्च होना है। लेकिन उन्होंने अपनी आधी या इससे ज्यादा सैलरी तो दशहरा में ही खर्च कर दी। बीते महीने मतलब सितंबर महीने का वेतन सबके खाते में क्रेडिट हो गया है। जिन्हें महीने की सात तारीख को वेतन मिलता था, उनकी कंपनी ने भी दशहरा से पहले वेतन क्रेडिट कर दिया। ताकि कर्मचारी अच्छे तरीके से दशहरा मना सके। दशहरा से पहले वेतन मिल गया तो लोगों ने जम कर त्योहार का आनंद लिया। बच्चों के साथ मस्ती की, बाहर खाया-पीया। लेकिन, इस चक्कर में पूरी सैलरी खत्म हो गई। अब, जबकि दशहरा बीत चुका है तो लोगों को याद आने लगा है कि अभी तो दिवाली आना बाकी ही है।
नवरात्र शुरू होते ही ई कामर्स कंपनियों ने जबरदस्त सेल चला दी। इस दौरान ढेरों सामानों पर न सिर्फ शानदार ऑफर मिले बल्कि क्रेडिट और डेबिट कार्ड कंपनियों की तरफ से अलग से 10 फीसदी इंस्टेंस्ट डिस्काउंट मिला। इस चक्कर में सैलरी तो खर्च हुई ही, पहले की बचत भी खर्च हो गया। एक रिपोर्ट आई है कि ई कामर्स कंपनियों ने नवरात्रे के दौरान ही करीब 40,000 करोड़ रुपये का सामान बेच दिया है।नोएडा की एक कंपनी में काम करने वाले राकेश प्रभाकर का कहना है कि दिवाली तो मनेगी ही, अगले सप्ताह करवा चौथ भी है। करवा चौथ पर पत्नी को साड़ी तो दिलवाना ही पड़ेगा। एक-आध जेवर की भी डिमांड है। इसके लिए राकेश ने कंपनी से एडवांस या लोन के लिए आवेदन दे दिया है। उनका कहना है कि कंपनी प्रबंधन से बात हो गई है। लोन मिल जाएगा। यदि समय पर लोन डिसबर्स हो जाता है तो करवा चौथ भी मनेगा और दिवाली भी मन जाएगी।
दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले अवधेश का कहना है कि वेतन जितना मिला था, खर्च हो चुका है। अब तो क्रेडिट कार्ड से ही उम्मीद है। उनका कहना है कि अब जियो मार्ट, फ्लिपकार्ट ग्रोसरी और ऐमजॉन फ्रेश पर त्योहार मनाने का सभी सामान मिल जाता है। यहां तक कि खील-खिलौने भी। सब चीजों की खरीदारी जम कर करेंगे और पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करेंगे। इस तरह से दिवाली मन जाएगी।
फरीदाबाद की एक कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले रामकिशन की कहानी कुछ अलग है। उन्हें इस महीने जो वेतन मिला था, वह तो दशहरे में ही खर्च हो गया। दसे सप्ताह बाद दिवाली आने वाली है। इस दौरान बच्चों को नया कपड़ा चाहिए। घर में मिठाई आएगी। बेटे पटाखे दिलाने की मांग कर रहा है। हालांकि उन्हें बोनस (Bonus) के रूप में कुछ पैसे कंपनी से मिलेंगे। लेकिन इतना पर्याप्त नहीं है। इसलिए रामकिशन ने एक रिश्तेदार को बोल रखा है। वहां से कुछ पैसे उधार मिलेंगे। उसी से दिवाली मनेगी। बाद में इस उधारी को चुका दिया जाएगा।
एक नामी आईटी कंपनी में काम करने वाले सुभाष का कहना है कि इस बार दशहरा में कुछ ज्यादा ही खर्च हो गया है।दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले अवधेश का कहना है कि वेतन जितना मिला था, खर्च हो चुका है। अब तो क्रेडिट कार्ड से ही उम्मीद है। उनका कहना है कि अब जियो मार्ट, फ्लिपकार्ट ग्रोसरी और ऐमजॉन फ्रेश पर त्योहार मनाने का सभी सामान मिल जाता है। यहां तक कि खील-खिलौने भी। सब चीजों की खरीदारी जम कर करेंगे और पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करेंगे। इस तरह से दिवाली मन जाएगी। नवरात्री के सेल में एक ई कामर्स कंपनी से बड़ी खरीदारी भी कर ली है।इस दौरान बच्चों को नया कपड़ा चाहिए। घर में मिठाई आएगी। बेटे पटाखे दिलाने की मांग कर रहा है। हालांकि उन्हें बोनस (Bonus) के रूप में कुछ पैसे कंपनी से मिलेंगे। लेकिन इतना पर्याप्त नहीं है। इसलिए रामकिशन ने एक रिश्तेदार को बोल रखा है। वहां से कुछ पैसे उधार मिलेंगे। उसी से दिवाली मनेगी। बाद में इस उधारी को चुका दिया जाएगा। अब दिवाली के लिए उन्होंने अपने बैंक से पर्सनल लोन ले लिया है। चूंकि उसी बैंक में उनका कारपोरेट सैलेरी अकाउंट भी है, इसलिए उन्हें आसानी से पर्सनल लोन मिल गया। उसी से अब दिवाली मनाई जाएगी।