चीन की मिसाइल है लगातार ताईवान को निशाना बना रही है! अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान स्ट्रेट में जंग जैसा माहौल है। चीन लगातार ताइवान को चारों ओर से घेरे हुए है और मिसाइलों से लेकर रॉकेट की बारिश कर रहा है। चीन के कई दर्जन फाइटर जेट और जंगी जहाज अब तक ताइवान की समुद्री सीमा में घुसकर उसे धमका चुके हैं। चीन ने 4 दिनों के युद्धाभ्यास के बाद ऐलान किया है कि वह अभी ताइवान के पास अपना अभ्यास जारी रखेगा और अब पनडुब्बी तथा समुद्री हमले के अभ्यास पर पूरा फोकस करेगा। इसके जवाब में ताइवान ने भी अपनी तैयारी पुख्ता कर रखी है। चीन की इस दादागिरी से पैदा हुए बेहद तनावपूर्ण माहौल में ताइवान का हाल कैसा है! सना हाशिमी ने कहा, ‘ताइवान के पास इस दादागिरी और आक्रामकता से निपटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। यह ताइवान की संप्रभुता, उसके लोगों और सबसे महत्वपूर्ण उसके अस्तित्व के बारे में है। ताइवान दशकों से चीन के बिना उकसावे के खतरे और धमकियों के साए में जी रहा है। यही वजह है कि जब चीन ताइवान के चारों ओर बारूद बरसा रहा है, तब ताइवान में जीवन सामान्य तरीके से चल रहा है। ताइवान की इस प्रतिक्रिया का यह मतलब नहीं है कि वे चीन के खतरे को किसी तरह से कम करके आंक रहे हैं। ताइवान की जनता इस तरह की धमकियों और खतरों की आदी हो चुकी है। इस बीच ताइवान की सरकार चीन के खतरे को देखते हुए प्रतिबद्धता, संयम और पूरी तैयारी दिखा रही है।’
सना ने कहा, ‘इस बार चीन की यह जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया नैंसी पेलोसी की यात्रा की वजह से है। नैंसी पेलोसी की इस यात्रा को चीन के लिए उकसावे की कार्रवाई नहीं मानना चाहिए। इसकी वजह यह स्थापित तथ्य है कि ताइवान पर चीन का दावा नहीं है और ताइपे का यह अधिकार है कि वह अमेरिकी संसद के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करे। ताइवान पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का कभी भी शासन नहीं रहा है। चीन पूरी तरह से ताइवान के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नजरअंदाज कर रहा है। पिछले कई वर्षों में ताइवान के लोग काफी ज्यादा बदल गए हैं और ज्यादातर लोग अब खुद को केवल ताइवानी नागरिक मानते हैं। नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद चीन ने 4 दिन तक लाइव फायर ड्रिल किया है और ताइवान को ब्लॉक करने की अपनी क्षमता को प्रदर्शन किया है। इसके अलावा चीन ने कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं।’भारतीय विशेषज्ञ ने कहा, ‘जहां तक बात अमेरिका की है तो चीन ने पेलोसी के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया है और जलवायु परिवर्तन समेत कई प्रमुख विषयों पर बातचीत और सहयोग को रोक दिया है। यही नहीं चीन ने ताइवान में फेक न्यूज को भी फैलाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा ताइवान पर विदेशों से कई साइबर हमले हुए हैं और पेलोसी के आने पर कई सरकारी वेबसाइट हैक हो गई थीं। चीन जहां लगातार ताइवान को धमका रहा है, ताइवान लगातार यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह अपने अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार है। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने कहा कि मैं जोर देकर कहना चाहती हूं कि हम तनाव को भड़काना नहीं चाहते हैं और न ही विवाद को बढ़ाना चाहते हैं लेकिन हम अपने देश की संप्रभुता और सुरक्षा की पूरी प्रतिबद्धता के साथ रक्षा करेंगे।’
ताइवान की सेना हाई अलर्ट है लेकिन उसने जवाबी कार्रवाई नहीं की है। ताइवान लगातार अपने ADIZ जोन और मेडियन लाइन को पार करके आए चीन के फाइटर जेट को भगाने के लिए अपने लड़ाकू विमानों को भेज रहा है। इस सैन्य अभ्यास के बाद भी चीन का तनाव को भड़काने वाला अभियान खत्म नहीं होने जा रहा है। चीन ने ऐलान किया है कि वह यलो सी और बोहाई के समुद्र में एक और सैन्य अभ्यास करने जा रहा है। साल 2016 के बाद चीन ने ताइवान के साथ हर तरह के संपर्क को खत्म कर दिया था और अमेरिका से भी इस बारे में बातचीत को खत्म कर दिया था। चीन अब पेलोसी की यात्रा का इस्तेमाल अपनी आक्रामकता को अब सामान्य घटना बनाने के लिए कर रहा है। ऐसी खबरे हैं कि चीन अब मेडियन लाइन के पूर्वी तरफ अक्सर युद्धाभ्यास करने की योजना बना रहा है।’
चीन ताइवान जलडमरूमध्य में अब यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। ताइवान ने अपनी सैन्य ताकत को दर्शाने और यह साबित करने के लिए वह अपनी रक्षा कर सकता है, 9 से 11 अगस्त तक तटीय शहर फेंग गुंग में लाइव फायर ड्रिल करने जा रहा है। ताइवान की यह प्रतिक्रिया चीन के साथ पिछले अनुभवों पर आधारित है। ताइवान को अहसास है कि वह कुछ भी करे, चीन वैश्विक स्तर पर उसकी पहुंच को कम करने के लिए प्रयास करता रहेगा और अस्तित्व के लिए खतरा बना रहेगा। हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि उदारवादी लोकतंत्र चीन को ताइवान को अब और धमकाने से रोकें और उसे यथास्थिति को मानने के लिए कहें।