यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर विनय त्यागी की मर्डर मिस्ट्री कैसे सुलझा पाएगी! टाटा स्टील के अधिकारी विनय त्यागी के हत्या की गुत्थी सुलझ नहीं सकी है। एक ओर पुलिस जहां 3 घंटे वाले सवाल पर जांच को आगे बढ़ा रही है तो वहीं परिवारवालों का कुछ अलग ही कहना है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि किसी ने हत्या की योजना बनाई होगी। विनय के पिता विशम्भर सिंह त्यागी ने बताया कि उनका बेटा 17 अप्रैल को कोलकाता से स्टील कंपनी के दिल्ली ऑफिस में जॉइन किया। वह अपने कुछ सहकर्मियों और डिस्ट्रीब्यूटर के प्रदर्शन से खुश नहीं था और उनके खिलाफ एक्शन लिया। उन्होंने बताया कि एक रेस्टोरेंट मालिक ने शिकायत की थी कि उत्तराखंड के एक वितरक ने नए स्टील के दरवाजे लगाने के लिए उससे 70 लाख रुपये लिए थे, लेकिन कई दिनों बाद भी काम शुरू नहीं किया। उन्होंने बताया कि मेरे बेटे ने रेस्टोरेंट का दौरा किया और डिस्ट्रीब्यूटर को हटा दिया। पुलिस का कहना है कि त्यागी पर लूटपाट के प्रयास में हमला किया गया होगा, उनका लैपटॉप, पर्स और फोन गायब था। त्यागी को उनके परिवार के सदस्यों ने शालीमार गार्डन में खेतान पब्लिक स्कूल के पीछे सड़क किनारे एक गड्ढे में पाया। परिवारवालों का कहना है कि शुक्रवार को त्यागी ने रात 11.21 बजे अपनी पत्नी रुचि को फोन किया और राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन से उसे पिक करने के लिए कहा। उसने व्हाट्सएप पर अपनी लोकेशन उसके साथ शेयर की, लेकिन थोड़ी देर बाद उसे डिलीट कर दिया और कहा कि वह पैदल घर लौटेगा। जब वह एक घंटे बाद भी घर नहीं आया, तो हमने उसे फोन करना शुरू किया, लेकिन उसका फोन बंद था। हम मेट्रो स्टेशन पहुंचे, लेकिन वह वहां भी नहीं मिला।
मेट्रो स्टेशन त्यागी के घर से डेढ़ किलोमीटर दूर है। परिवार ने त्यागी की तलाश शुरू कर दी। सुबह 3 से 3.30 बजे के बीच वे खेतान स्कूल के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने अपने घर से बमुश्किल 200 मीटर दूर एक नाले से एक हाथ बाहर निकलता देखा। जब हम वहां पहुंचे, तो हमने विनय को नाले में पड़ा पाया। हमने उसे बाहर निकाला और पाया कि उसके सीने में दो चाकू के घाव थे। हम उसे पास के अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
विशम्भर सिंह ने कहा कि विनय की हत्या से पहले उसने 1 लाख 40 हजार रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर किए थे। उन्होंने कहा हमारा मानना है कि उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया होगा। वहीं पुलिस ने बताया कि त्यागी के फोन की आखिरी लोकेशन लोनी में कहीं थी। आरोपी ने त्यागी के सिम को करीब तीन मिनट के लिए दूसरे फोन में ट्रांसफर किया था और फिर डिवाइस को बंद कर दिया था। हालांकि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलने के बाद त्यागी ने करीब तीन घंटे तक क्या किया।
डीसीपी ट्रांस-हिंडन निमिष पाटिल के अनुसार, त्यागी रात 8.17 बजे राजेंद्र नगर स्टेशन से बाहर आकर पास की शराब की दुकान पर गए। वहां जाकर वोदका की एक बोतल खरीदी। इसके अलावा, हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। हालांकि परिवार ने कहा कि त्यागी ने रात 11.21 बजे उन्हें फोन किया और अपनी पत्नी से उसे मेट्रो स्टेशन से लेने के लिए कहा। बता दें कि वितरक ने नए स्टील के दरवाजे लगाने के लिए उससे 70 लाख रुपये लिए थे, लेकिन कई दिनों बाद भी काम शुरू नहीं किया। उन्होंने बताया कि मेरे बेटे ने रेस्टोरेंट का दौरा किया और डिस्ट्रीब्यूटर को हटा दिया। पुलिस का कहना है कि त्यागी पर लूटपाट के प्रयास में हमला किया गया होगा, उनका लैपटॉप, पर्स और फोन गायब था। त्यागी को उनके परिवार के सदस्यों ने शालीमार गार्डन में खेतान पब्लिक स्कूल के पीछे सड़क किनारे एक गड्ढे में पाया।फिर डिवाइस को बंद कर दिया था। हालांकि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलने के बाद त्यागी ने करीब तीन घंटे तक क्या किया। परिवारवालों का कहना है कि शुक्रवार को त्यागी ने रात 11.21 बजे अपनी पत्नी रुचि को फोन किया और राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन से उसे पिक करने के लिए कहा। लेकिन स्टेशन से बाहर निकलने के बाद से उन तीन घंटों का क्या हुआ? हमें इसका पता लगाना है। सीसीटीवी फुटेज खंगालने वाली पुलिस टीम बाइक पर सवार तीन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो उस इलाके में घूम रहे थे जहां त्यागी मृत पाए गए थे।