यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इंडिगो अब बिजनेस क्लास शुरू करने वाला है या नहीं! देश के एविएशन सेक्टर में विस्तारा एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय होने के बाद अब एक नई दौड़ शुरू होने वाली है। यह है ‘बिजनेस क्लास रन’। जिसकी शुरूआत 14 नवंबर से देश की सबसे बड़ी बजट एयरलाइंस इंडिगो की ओर से दिल्ली-मुंबई रूट की फ्लाइट में 12 बिजनेस क्लास सीट से हो रही है। देश में अभी तक बिजनेस क्लास का सबसे बड़ा बिजनेस एयर इंडिया और मर्जर से पहले विस्तारा के पास ही था। जिसमें अब इंडिगो सेंध लगाने के लिए मैदान में कूद गया है। इसका ऐलान पांच अगस्त को एयरलाइंस की 18वीं वर्षगांठ पर इंडिगो के एमडी राहुल भाटिया और सीईओ पीटर एल्बर्स ने किया था। अब इस ऐलान को लागू करने का समय आ गया है। जो 14 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसी के साथ ही देश में बिजनेस क्लास यात्रियों को अपनी-अपनी फ्लाइट में खींचने के लिए एक नया युद्ध शुरू हो जाएगा। इंडिगो ने घोषणा भी की थी कि उनके बिजनेस क्लास में यात्रियों को वर्ल्ड क्लास आरामदायक सीट और सुविधाएं मिलेंगी। जिसमें एक्स्ट्रा लगेज कैरी करने के साथ ही फेयर भी बहुत अधिक नहीं होगा। इंडिगो ने दिल्ली-मुंबई रूट पर बिजनेस क्लास के सफर की शुरूआत 18018 रुपये से की है। जबकि अन्य एयरलाइंस का इस रूट पर बिजनेस क्लास का किराया इससे कहीं अधिक है।
फिलहाल, इंडिगो अपने 220 सीट वाले ए-321 नियो एयरक्राफ्ट में 12 बिजनेस क्लास सीटों से इसकी शुरूआत कर रहा है। बाकी 208 सीट इकॉनमी होंगी। लेकिन आने वाले समय में इंडिगो की योजना है कि वह देश के तमाम बिजनेस एयर रूटों पर अपने एयरक्राफ्ट में बिजनेस क्लास सर्विस देना शुरू करे। अभी तक इंडिगो इकॉनमी क्लास के लिए ही जाना जाता था। यह पहली बार होगा जब इंडिगो बिजनेस क्लास में भी अपने हाथ आजमाने उतरा है।
दिल्ली-मुंबई रूट पर भी इंडिगो अगले साल जनवरी तक अपने तमाम एयरक्राफ्ट में बिजनेस क्लास सर्विस देना शुरू कर देगा। इसके बाद 2025 मार्च के अंत तक इसमें बेंगलुरु और चेन्नई वाले एयर रूट पर भी यह सर्विस शुरू करने की योजना है। बाकी 2026 मई तक इंडिगो अपने बेड़े के सभी एयरक्राफ्ट में बिजनेस क्लास सर्विस देने की प्लानिंग कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि विस्तारा का एयर इंडिया में विलय होने के बाद इंडिगो के लिए भी यह बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि, एयर इंडिया अपने पहले के मुकाबले और अधिक एयरक्राफ्ट के साथ यात्रियों को बिजनेस क्लास की सर्विस दे सकेगी।
देश में भारतीय एयरलाइंस में अभी तक एयर इंडिया और मर्जर से पहले विस्तारा का ही बिजनेस क्लास में वर्चस्व था। अब इसमें इंडिगो एयरलाइंस भी आ गई है। ऐसे में आने वाले समय में एयरलाइंस इकॉनमी क्लास की तरह बिजनेस क्लास के लिए भी यात्रियों को सस्ती टिकट उपलब्ध करा सकती हैं। इससे और कुछ हो या ना हो, लेकिन इतना जरूर है कि यात्रियों को इसका फायदा जरूर होता दिखाई दे रहा है। जिसमें यात्रियों को और अधिक आरामदायक सीटें, पसंद का लजीज खाना-पीना, एक्स्ट्रा लगेज और ऑन बोर्ड अन्य सुविधाएं मिल सकती हैं।
इसी बीच बता दे कि छठ पर पूर्वांचल जाने के लिए दिल्ली ही नहीं, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरू और हैदराबाद के तमाम फ्लाइट्स में मारामारी है। ट्रेवल एजेंट राकेश अरोड़ा का कहना है कि फेस्टिव सीजन में एयर फेयर हर बार ही महंगे होते हैं। इस बार कुछ डेस्टिनेशन से पूर्वांचल के फ्लाइट्स कुछ अधिक महंगे आ रहे हैं। इसके बावजूद आसानी से फ्लाइट की बुकिंग नहीं मिल पा रही हैं। ट्रेनों का हाल तो इससे भी बुरा है। फ्लाइट में कुछ अधिक पैसा देकर कम से कम टिकट तो मिल जा रही है, ट्रेनों में तो एजेंट को पैसा देने के बावजूद कन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रही है। हालांकि, इस मारामारी को देखते हुए कुछ लोग समय रहते सड़क मार्ग से भी निकल रहे हैं।
इस हिसाब से यह पटना और दरभंगा जाना इन देशों में जाने से महंगा पड़ रहा है। हालांकि, 6 अक्टूबर और इसके बाद से पटना, दरभंगा और रांची से दिल्ली, मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत समेत देश के अन्य शहरों में जाने वाली तमाम फ्लाइटों के किराए एकदम बेहद कम होते हुए आधे से भी कम हो गए हैं। यानी, छछ पूजा पर बिहार जाने वाली तमाम फ्लाइटों के किराए महंगे हो गए हैं, जबकि छठ के बाद से वही किराए आधे से भी कम में मिल रहे हैं।
त्योहारों के मौसम में यह भी बड़ी विडंबना है। रेलवे में कन्फर्म टिकट नहीं मिलता तो फ्लाइटों के किराए आसमान छूने लगते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय समेत एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए को सख्त कदम उठाने चाहिए। एयरलाइंस को केवल चेतावनी देने से काम नहीं चलने वाला। इस पर कंट्रोल भी करना होगा। हालांकि, पॉलिसी के तहत एयर फेयर कंट्रोल करना सरकार के हाथ में नहीं है, लेकिन होली, दिवाली और छठ जैसे त्योहारों पर फ्लाइटों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए और अधिक फ्लाइट तो ऑपरेट की ही जा सकती हैं। इससे एयर फेयर में बेतहाशा बढ़ोतरी होने से कुछ राहत मिल सकेगी।