वर्तमान में बांग्लादेश बॉर्डर पर अवैध घुसपैठ का कारोबार चल रहा है! बांग्लादेश से अगर किसी घुसपैठिए को भारत में घुसपैठ करनी है तो इसकी कीमत मात्र 4 हजार रुपये है। जी हां, चार हजार रुपये में हमारे बॉर्डर की सुरक्षा को धत्ता बताते हुए बांग्लादेश से बॉर्डर पार करा भारत में घुसपैठ कराई जा रही है। इसी कोशिश में पश्चिम बंगाल में बीएसएफ ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इनके साथ एक भारतीय एजेंट को भी दबोचा गया है। जो भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। भारत में फेस्टिव सीजन शुरू होने पर बॉर्डर पर इस तरह से घुसपैठ करने के मामले को गंभीर माना जा रहा है। चारों के पास भारत के नकली आधार कार्ड भी थे। जो की बांग्लादेश में ही प्रति एक हजार बांग्लादेशी टका देकर बनवाए गए थे। सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए चार बांग्लादेशी नागरिकों में मोहम्मद बच्चु, मोनिरूल अली, मोहम्मद अनारूल इस्लाम और मोहम्मद युसूफ अली हैं। चारों बांग्लादेश के रहने वाले हैं। जबकि इन चारों को प्रति चार हजार रुपये लेकर बांग्लादेश से बॉर्डर पार कराकर भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करा रहे आरोपी हसन अली को भी पकड़ा गया है। यह भारत का नागरिक है। इन सभी को 15 अक्टूबर की दोपहर बाद बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की 73वीं बटालियन की सीमा चौकी बामनाबाद के जवानों ने पकड़ा।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह सभी बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल में घुसपैठ करके चेन्नै जाने की फिराक में थे। इन्हें पकड़ने के लिए बीएसएफ को क्यूआरटी का भी इस्तेमाल करना पड़ा। चारों बांग्लादेशियों के पास भारतीय आधार कार्ड मिले। पूछताछ करने पर इन्होंने बताया कि यह सब नकली हैं। जिन्हें प्रति एक हजार बांग्लादेशी टका लेकर बांग्लादेश के राजशाही के उपजिला गोदागरी में बांग्लादेशी दलाल ने बनवाकर दिए थे। केवल आधार कार्ड ही नहीं भारत के नकली वोटर कार्ड भी यहां बन जाते हैं। चारों बांग्लादेशियों ने बताया कि वह बांग्लादेश के गोदागरी के रहने वाले हैं। फिलहाल इनकी असलियत जानने के लिए विदेश मंत्रालय की मदद ली जाएगी कि यह बांग्लादेशी हैं या अन्य किसी देश के।
आरोपी विदेशी नागरिकों ने यह भी बताया कि वह तो पकड़े गए, लेकिन उनसे पहले कितने ही बांग्लादेशियों ने इसी चैनल से भारत में घुसपैठ की है। वह सब चेन्नै, बैंगलुरू, दिल्ली और मुंबई समेत अन्य शहरों में भी घुलमिल चुके हैं। सभी के पास बांग्लादेश से नकली आधार कार्ड बनवाकर दिए गए। ताकि अगर भारत में कोई उनके आधार कार्ड देखे तो एकदम से उनके भारतीय होने पर यकीन कर ले। सूत्रों का कहना है कि इन चारों को पकड़कर संबंधित पुलिस को आगे की जांच के लिए सौंप दिया है। बाकी पता लगाया जा रहा है कि यह सब भारत में मजबूरी करने के लिए घुसपैठ कर रहे हैं या फिर इनका कोई और इरादा है?
बता दे कि बांग्लादेश से भारत में बड़ी संख्या में घुसपैठ कराने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की हिफाजत करने वाली बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल में रहने वाले भारत की तरफ के मास्टरमाइंड को पकड़ा है। इससे पूछताछ में इस रैकेट के सरगना के बारे में भी पता लगा है। जो बांग्लादेश के श्याम नगर में बैठा है। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह कुछ ही समय में 100 से अधिक बांग्लादेशियों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करा चुका है। बहरहाल, मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को अन्य एजेंसियों के सुपुर्द कर दिया गया है। जिससे की यह पता लगाया जा सके कि जो घुसपैठ कराई गई हैं क्या उसमें किसी आतंकवादी और असामाजिक तत्व भी शामिल हैं? या फिर सामान्य बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं। जो बांग्लादेश छोड़कर भारत में गुजर-बसर करने के इरादे से लाए गए।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बांग्लादेश में बैठा इस रैकेट का सरगना अपने तीन साथियों के साथ मिलकर बांग्लादेशी नागरिकों को नाव में बैठाकर नदी के माध्यम से भारत बॉर्डर तक छोड़ता था। जहां से यह भारतीय दलाल उन्हें अपने साथ लाकर पश्चिम बंगाल में छोड़ देता था। इसके लिए वह प्रति बांग्लादेशी घुसपैठ के 3500 बांग्लादेशी टका लेता था। करीब दो सालों में इस तरह से उसने 100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में घुसपैठ कराई है। बीएसएफ के डीआईजी एन के पांडेय ने बताया कि मामले में संबंधित एजेंसी आगे की तफ्तीश कर रही हैं।