यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अमेरिका का राष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति से ताकतवर होता है या नहीं! रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सत्ता में दमदार वापसी की है। वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के कड़े मुकाबले में उन्होंने डेमोक्रेट प्रत्याशी कमला हैरिस को रेस से बाहर कर दिया। नए चुने गए राष्ट्रपति 20 जनवरी 2025 को 4 साल के लिए अपने पद की शपथ लेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप को जीत की बधाई दे दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति को दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों में से एक माना जाता है। ऐसे में जानते हैं कि ट्रंप को राष्ट्रपति बनने पर क्या-क्या मिल सकता है़? उन्हें क्या उड़ता ह्वाइट हाउस भी मिलेगा? अमेरिकी राष्ट्रपति को देश-विदेश के दौरों के लिए एक मरीन हेलीकॉप्टर और एयर फोर्स वन प्लेन भी मिलता है। अमेरिकी राष्ट्रपति वॉशिंगटन में अपने आधिकारिक आवास से एयरपोर्ट तक मरीन वन हेलीकॉप्टर में जाते हैं। इसमें भी उनके साथ मरीन कमांडो और सीक्रेट सर्विस के अफसर होते हैं।
एयरफ़ोर्स वन हवाई जहाज में करीब 4 हजार वर्ग फुट जगह होती है। इसे ‘फ्लाइंग कैसल’ और ‘फ्लाइंग व्हाइट हाउस’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह बेहद सुरक्षित है। इसमें राष्ट्रपति के लिए अपने रोजाना के कामकाज को करने के लिए व्हाइट हाउस की तरह ही सभी जरूरी सुविधाएं होती हैं। इसमें राष्ट्रपति के अलावा एक बार में 100 से ज्यादा लोग सफर कर सकते हैं। एयरफोर्स वन के साथ उसके जैसे दिखने वाले 2 और Boeing 747-200Bs विमान घेरा बनाकर उड़ते हैं। एक तीसरा जंबो विमान भी साथ चलता है, जिसमें ऑफिस स्टॉफ और सुरक्षा अधिकारी होते हैं। 1953 में पहली बार एयर फोर्स वन का आइडिया आया था। उस वक्त आइजनआवर राष्ट्रपति थे। उस वक्त उनका विमान कमर्शियल एयरलाइन फ्लाइट के रास्ते में आ गया था।
एयरफोर्स वन में बेहद तगड़ी सुरक्षा होती है। इसमें डायरेक्टेड इन्फ्रारेड काउंटर मेजर्स (DIRCM) सिस्टम लगा होता है, जो किसी भी हाल में राष्ट्रपति की सुरक्षा में मुस्तैद रहता है। इसमें किसी दुश्मन की मिसाइलों को नाकाम करने का सिस्टम होता है, एयरफोर्स वन की तरफ बढ़ रही मिसाइलों को हवा में ही मार गिराता है। एयरफोर्स वन से ही किसी आपात स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति को परमाणु हमले की शुरुआत करने की अनुमति है। इसके लिए उसे कांग्रेस की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। प्लेन में कई तरह के जैमर्स लगे होते हैं।
एयरफोर्स वन में 386 किमी लंबी वायरिंग शील्ड होती है। यह एक तरह से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कवच जैसा होता है, जो किसी भी परमाणु हमले से बचाने में मददगार होता है। अमेरिका के राष्ट्रपति एंड्रयूज एयर फोर्स बेस से अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें लेते हैं। एयरफोर्स वन में एक कॉन्फ्रेंस रूम भी होता है। इसे सिचुएशन रूम भी कहा जाता है। इसमें एक प्लाज्मा टीवी लगा होता है, जिससे राष्ट्रपति टेलीकॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों को संबोधित करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति को यात्रा करने के लिए एक लिमोजिन कार मिलती है। उनके साथ चलने वाले सीक्रेट सर्विस के अफसरों का लिमोजिन कारों का काफिला होता है। किसी देश के दौरे पर राष्ट्रपति के साथ एक डमी राष्ट्रपति भी होता है, जिसे हूबहू राष्ट्रपति जैसा ही तैयार किया जाता है, ताकि दुश्मन कन्फ्यूज रहे। लिमोजिन कारें एआई सिक्योरिटी और एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस होती हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति एक सरकारी सेवक माना जाता है, जो सीधे चुनाव से जीतकर आता है। इसीलिए वो सीधे जनता के प्रति जवाबदेह होता है। ऐसे में देश के सरकारी खजाने से उसकी सैलरी और खर्चों का भुगतान किया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति का वेतन किसी अमेरिकी से 6 गुना से ज्यादा होती है। एक अमेरिकी औसतन सालाना तकरीबन 53 लाख रुपए कमाता है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति की सैलरी करीब 3.35 करोड़ रुपए सालाना होती है। उसे बतौर खर्च करीब 42 रुपए और मिलते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की सैलरी में 2001 के बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। 2001 में जब जॉर्ज डब्ल्यू बुश राष्ट्रपति थे, तभी वेतन बढ़ा था।
अमेरिका के राष्ट्रपति का सरकारी निवास और ऑफिस वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस है। उसे यहां सब कुछ फ्री मिलता है। अगर ट्रंप जीतते हैं तो उन्हें व्हाइट हाउस आने पर पहली बार करीब 85 लाख रुपए मिलेंगे, जिसे वो मनमुताबिक अपने सरकारी निवास को सजाने और व्यवस्थित करने में खर्च कर सकते हैं। राष्ट्रपति को मनोरंजन, स्टाफ और कुक के लिए सालाना 60 लाख रुपए भी मिलते हैं। उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति को कई और भी सुविधाएं मिलती हैं। अमेरिका के पहले राष्ट्रपति को सालाना करीब 1.68 लाख रुपए वेतन मिलता था। 1789 के हिसाब से यह बहुत बड़ी रकम थी। राष्ट्रपति के पद से रिटायर होने के बाद तकरीबन 2 करोड़ रुपए पेंशन मिलती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के मुकाबले भारतीय राष्ट्रपति की सैलरी बहुत कम होती है। भारत के राष्ट्रपति को सालाना 60 लाख रुपए वेतन मिलता है। साथ ही राष्ट्रपति को फ्री मेडिकल, टेलीफोन बिल, आवास, बिजली समेत कई सारे भत्ते भी मिलते हैं। राष्ट्रपति को आने-जाने के लिए गाड़ी मिलती है। राष्ट्रपति के पास 86 स्पेशल गार्ड होते हैं, जिन्हें प्रेसिडेंशियल बॉडीगार्ड कहा जाता है।
भारतीय राष्ट्रपति के पास सीमित शक्तियां होती हैं। हमारे देश में वास्तविक शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होती हैं। भारतीय राष्ट्रपति केंद्रीय कैबिनेट की सलाह पर ही काम करते हैं। हालांकि, वो तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं। भारत में कोई भी बिल तभी कानून बनता है, जब राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर करते हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति ही सुप्रीम पावर होते हैं। वो बिना सलाह के भी कोई कानून या आदेश पारित कर सकते हैं, क्योंकि वो जनता के बीच सीधे चुनकर आते हैं। किसी देश पर परमाणु हमला करना है तो भारत में उसका आदेश सिर्फ प्रधानमंत्री दे सकते हैं। वहीं,अमेरिका में परमाणु हमले का आदेश देने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है।