यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इस्राइल ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को ड्रोन से खत्म करना चाहता है या नहीं! इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान से उसके 200 मिसाइल हमलों का बदला ले ही लिया। इजरायल की डिफेंस फोर्सेंज (IDF) ने कहा है कि वो ‘ईरान के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले’ कर रही है। उसने यह भी कहा है कि ‘दुनिया के किसी भी दूसरे संप्रभु राष्ट्र की तरह इजरायल के पास जवाब देने का अधिकार है और ये उसका कर्तव्य है।’ वहीं, ईरान के सरकारी मीडिया ने बताया है कि राजधानी तेहरान में कई धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं। आईडीएफ़ के प्रवक्ता डेनियल हगारी का कहना है कि 7 अक्टूबर, 2023 के बाद ‘ईरान में मौजूद शासन और क्षेत्र में मौजूद उसके साथियों ने इजरायल पर लगातार हमले किए हैं।’ माना जा रहा है कि इन हमलों के पीछे हर्मीस 900 हत्यारे ड्रोन का भी हाथ हो सकता है। खुद ईरान की सेना ने कहा है कि इजरायल ने ज्यादातर हमले ड्रोन से किए हैं। जानते हैं डेथ ड्रोन 900 के बारे में। ईरान पर इजरायली हमले के बाद पीएमओ ऑफिस की ओर तस्वीर शेयर की गई है। इसमें प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बंकर में रक्षा मंत्री और आईडीएफ के जनरलों के साथ मीटिंग करते दिख रहे हैं। सूत्रों से जानकारी के मुताबिक यह बंकर तेल अवीव में किरिया मिलिट्री बेस का है।
इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने अपने सैन्य अफसरों से इजरायल का हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है। माना जा रहा है कि इजरायल का अगला कदम खामनेई को निशाना बनाने का हो सकता है। इजरायल ने हमास, हिजबुल्लाह के बाद अब ईरान की लीडरशिप को निशाना बनाने की तैयारी कर ली है। ऐसे में खामेनेई भी अगला निशाना हो सकते हैं। दरअसल, हर्मीस 900 ड्रोन एकदम सटीक निशाना बना सकते हैं। हालांकि, इस पर कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। खामनेई सोए ही थे कि जब इजरायली हमले हुए।
इजरायल डिफेंस फोर्सेस (IDF) के पास एक बेहद अनूठा और खतरनाक हथियार आया है। इसका नाम है हर्मीस 900 ड्रोन। इसे कोशेव या द स्टार भी कहा जा रहा है। ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस ड्रोन का निशाना इतना सटीक है कि अगर एक चलती कार में चार लोग हैं और सिर्फ ड्राइवर को निशाना बनाना है तो यह ड्राइवर को ही खत्म करेगा। बाकी पैसेंजर्स को हमले से कोई नुकसान नहीं होगा। हर्मीस 900 इजरायल के आसमान को महफूज बनाएगा। इसे हर्मीस 400 का ही अपडेटेड वर्जन बताया जा रहा है। हर्मीस 900 को हिब्रू में कोशेव या द स्टार कहा गया है। ये कई तरह के गाइडेड बम ले जा सकता है। यह एक बार में 30 घंटे उड़ान भर सकता है। 500 किलोग्राम वजन ले जा सकता है। यह HD ऑप्टिकल सेंसर्स से लैस होता है। इसके अलावा, इसमें स्पेशल एरियल सर्विलांस सिस्टम और पिन पॉइंट लेजर टारगेट मार्कर्स भी होते हैं।
माना जाता है कि इजरायल ने हमास और हिजबुल्लाह की कमर इसी डेथ ड्रोन से तोड़ी थी। IDF की ग्राउंड ऑपरेशन फोर्स और नेवी को यह बिल्कुल सटीक टारगेट और लोकेशन बताएगा। अगर इनके लिए टारगेट दूर रहा तो यह हर्मीस 900 खुद टारगेट हिट करेगा। हर्मीस 900 के सभी कैमरे रियल टाइम कवरेज करेंगे। कंट्रोल रूम पामचिन एयरबेस पर बनाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 दिसंबर, 2014 को इजरायल ने गाजा में पहली बार इसका इस्तेमाल किया। कंट्रोल रूम में सिर्फ दो पायलट (ऑपरेटर) मौजूद रहेंगे। यह आखिरी सेकेंड में भी बम का डायरेक्शन बदल सकते हैं। इसके कैमरे कभी बंद नहीं होंगे। हर्मीस का पहला ड्रोन 2012 में आया था। इ इसमें मिसाइलें भी इस्तेमाल की जा सकती हैं।
इसी साल, 2 फरवरी को शेफर्ड मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया था कि इजरायल ने अडानी-एलबिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड से 20 भारतीय निर्मित हर्मीस 900 ड्रोन की डिलीवरी ली थी। इस रिपोर्ट के बाद में भारत में काफी विवाद हुआ था। हालांकि, किसी ने यह बात स्वीकार नहीं की थी। अभी इजरायल अपने युद्ध को जारी रखने पर तुला हुआ है। वजह यह है कि वो महसूस करता है कि वो अंतरराष्ट्रीय दबाव के सामने टिका रह सकता है। वह जो भी खतरे हैं, उसे मिटा देना चाहता है। इजरायल ने हमास प्रमुख की हत्या कर दी जब वो तेहरान में ईरान के मेहमान था। इसने हसन नसरल्लाह समेत हिज़्बुल्लाह के पूरे नेतृत्व को ख़त्म कर दिया। इसने सीरिया में राजनयिक इमारत में मौजूद ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या कर दी। कहा जा रहा है कि इजरायल का प्लान अभी दुश्मनों के खिलाफ ऑपेरशन को रोकने की नहीं है।