आज हम आपको राज्यसभा चुनाव की पूरी कहानी बताने वाले हैं! इस बार के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी बीजेपी से लेकर तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का पूरा ध्यान रखा है। बीजेपी ने जातीय समीकरण को साधा है। वहीं, टीएमसी ने भी बंगाल में मतुआ संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाली ममता बाला ठाकुर को ऊपरी सदन में भेजने का फैसला कर आम चुनाव से पहले एक बड़ा दांव खेला है। दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन को संसद के उच्च सदन में भेजने की तैयारी है। वहीं सोनिया को भी पार्टी ऊपरी सदन के रास्ते ही संसद पहुंचाना चाहती है। बीजेपी ने इसबार बिहार के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी को ऊपरी सदन के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया है। इसके अलावा सरोज पांडेय को भी दोबारा नहीं भेजा रहा है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण पर खास ध्यान दिया है और नए चेहरों पर दांव लगाया है। यूपी के 7 पूर्व राज्यसभा सांसदों में से केवल सुंधाशु त्रिवेदी को फिर से ऊपरी सदन भेजा जा रहा है। इसके अलावा पार्टी ने आरपीएन सिंह को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और पार्टी के प्रवक्ता अनिल बलूनी की जगह नए चेहरों को भगवा दल ने ऊपरी सदन भेजा है। माना जा रहा है कि ये दोनों नेता लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं। कुछ दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा से जनसभा वाला बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद ही कयास लगाए जाने लगे थे कि इसबार के चुनाव में कुछ नेताओं को लोकसभा के समर में पार्टी उतार सकती है।गृह मंत्री अमित शाह के चुनाव से पहले CAA लागू करने के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय से आने वाली ममता बाला ठाकुर को ऊपरी सदन भेजने का फैसला किया है। पिछली बार के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस बिरादरी ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया था। ऐसे में ममता ने मतुआ समुदाय के कैंडिडेट पर दांव लगाकर इस समुदाय के वोटर को लुभाने की कोशिश की है।पार्टी ने नए चेहरों के साथ-साथ जातीय समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और पार्टी के प्रवक्ता अनिल बलूनी की जगह नए चेहरों को भगवा दल ने ऊपरी सदन भेजा है। माना जा रहा है कि ये दोनों नेता लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं। कुछ दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा से जनसभा वाला बयान दिया था। गृह मंत्री अमित शाह के चुनाव से पहले CAA लागू करने के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय से आने वाली ममता बाला ठाकुर को ऊपरी सदन भेजने का फैसला किया है। पिछली बार के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस बिरादरी ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया था।उनके इस बयान के बाद ही कयास लगाए जाने लगे थे कि इसबार के चुनाव में कुछ नेताओं को लोकसभा के समर में पार्टी उतार सकती है। कांग्रेस गलियारे में इस बात की जबरदस्त चर्चा है कि पार्टी पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम को राज्यसभा कैंडिडेट बना सकती है। इसके अलावा देश की सबसे पुरानी पार्टी अपनी पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा भेज सकती है। पार्टी राज्यसभा कैंडिडेट पर आज ऐलान कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य वजहों से सोनिया लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। इसलिए पार्टी उन्हें ऊपरी सदन भेजने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि रघुराम को पार्टी महाराष्ट्र या कर्नाटक से ऊपरी सदन भेज सकती है।
गृह मंत्री अमित शाह के चुनाव से पहले CAA लागू करने के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय से आने वाली ममता बाला ठाकुर को ऊपरी सदन भेजने का फैसला किया है। पिछली बार के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस बिरादरी ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया था। ऐसे में ममता ने मतुआ समुदाय के कैंडिडेट पर दांव लगाकर इस समुदाय के वोटर को लुभाने की कोशिश की है।पार्टी ने नए चेहरों के साथ-साथ जातीय समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा है।पिछली बार के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस बिरादरी ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया था। ऐसे में ममता ने मतुआ समुदाय के कैंडिडेट पर दांव लगाकर इस समुदाय के वोटर को लुभाने की कोशिश की है।