आज हम आपको कंधार हाईजैक की पूरी कहानी सुनाने जा रहे हैं! कंधार प्लेन हाईजैक का जिक्र आते ही चंदर मोहन कात्याल और उनके परिवार के 24 साल पुराने जख्म फिर से हरे हो जाते हैं। विमान अपहरण कांड में उन्होंने अपने 25 साल के इकलौते बेटे रुपिन कात्याल को खो दिया था। रुपिन की महज 20 दिन पहले 3 दिसंबर ही हरियाणा के सोनीपत की रचना कात्याल से शादी हुई थी। नवविवाहित जोड़ा काठमांडू से हनीमून मनाकर लौट रहे थे लेकिन 24 दिसंबर की शाम को आतंकियों ने रुपिन की बेरहमी से हत्या कर दी थी। गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को पांच हथियारबंद आतंकियों ने 178 यात्रियों के साथ एयर इंडिया के विमान आईसी 814 को काठमांडू से हाइजैक कर लिया था। आतंकी विमान को काठमांडू से अमृतसर और लाहौर के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। यात्रियों की सुरक्षित रिहाई के बदले भारत सरकार को मौलाना मसूद अजहर समेत 3 खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। इन्हीं में एक था- मुश्ताक अहमद जरगर। पिछले दिनों अल उमर मुजाहिदीन के सरगना मुश्ताक जरगर की जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौहट्टा इलाके स्थित संपत्ति को कुर्क कर दिया गया है। कंधार विमान हाईजैक खूंखार आतंकी मसूद अजहर मुश्ताक, अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद की रिहाई के साथ खत्म हुआ था। अब आते हैं 24 दिसंबर 1999 की घटनाक्रम पर, जब पांच आतंकियों ने आईसी 814 के यात्रियों को बंधक बना लिया था। एक ओर देश पल-पल विमान में बैठे यात्रियों की सलामती की दुआ कर रहा था, दूसरी ओर आतंकियों ने उसी दिन मासूम निर्दोष लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। इनमें से दो की जान बच गई थी जबकि रुपिन कात्याल ने दम तोड़ दिया था।
रुपिन के साथ विमान में उनकी 21 साल की पत्नी रचना कात्याल भी मौजूद थीं लेकिन पति की मौत से पूरी तरह अनजान थी। उन्हें लग रहा था कि रुपिन अभी भी विमान के किसी दूसरे हिस्से में मौजूद हैं। 8 दिन बाद जब 31 दिसंबर को रचना विमान के बाकी यात्रियों के साथ दिल्ली पहुंचीं तो उनकी तस्वीरें नैशनल मीडिया पर छा गई थीं।
वह सबसे दर्दनाक तस्वीरों में से एक थी। रचना लाल सूट में थीं और हाथ में चूड़ा भी पहना हुआ था लेकिन उनका सुहाग उजड़ चुका था। रचना के लिए पूरे देश में भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा। तब तक रचना इस बात से बिल्कुल अंजान थी कि आतंकियों ने उनके पति की निर्मम हत्या कर दी है। वह हर ओर अपने पति को ढूंढ रही थीं। एयरपोर्ट पर रुपिन के पिता चंदर कात्याल और उनका परिवार रचना को लेने आया था। कई साल पहले एक इंटरव्यू में रचना ने बताया था, ‘मुझे मीडिया से बचाते हुए घर ले जाया गया। घर पर भी गेट बंद थे और मेरे ससुर ने मीडियाकर्मियों से दूर रहने की गुहार लगाई थी। जब मैंने बहुत जिद करके रुपिनके बारे में पूछा तो मेरे ससुर ने एक बड़ी तस्वीर की ओर इशारा करते हुए टूटे शब्दों में कहा- यह तुम्हारा रुपिन है। बस यही अब हमारे पास बचा है।’
रचना ने घटना के एक साल बाद दिए इंटरव्यू में बताया था, ‘अपहरण के पहले दिन से मैंने रुपिनको नहीं देखा था। हाइजैकर्स रुपिनऔर कुछ दूसरे पुरुष यात्रियों को विमान की इकॉनमी क्लास से एक्जिक्यूटिव क्लास में ले गए थे। उस दिन से आज एक साल हो गया है। मैंने महसूस किया कि किसी प्रियजन के जाने के बाद भी जीवन नहीं रुकता है। रुपिन के माता-पिता और मुझे, आगे बढ़ना है।’
आईसी 814 विमान के कैप्टन देवीशरण के अनुसार,’हाईजैकर्स अमृतसर में विमान में ईंधन भरने में हो रही देरी को लेकर नाराज थे। उन्होंने यात्रियों को उठाकर मारना शुरू कर दिया था। 25 साल के रुपिन कात्याल पर उन्होंने कई वार किए। रुपिन ने एक कंबल के अंदर आखिरी सांस ली जिसे आतंकियों ने उनके खून से लथपथ शरीर पर फेंक दिया था। जब तक रुपिन होश में थे, वह बार-बार यही दोहराते रहे- पापा पानी, पापा पानी।’
25 दिसंबर को आईसी 814 विमान के अपहरण के एक दिन बाद, एक विशेष आईए राहत विमान से 27 यात्रियों को दुबई से बचाकर लाया गया। इसमें 13 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल थे और साथ में रुपिन कात्याल का शव था। दिल्ली में दर्ज एफआईआर रिपोर्ट के अनुसार, रुपिन के शरीर पर चाकू के कई निशान थे। एक बड़ा घाव पेट पर था, चार बड़े घाव छाती पर, दो घाव गर्दन पर, चेहरे पर छह घाव और नाक पर एक खरोंच का निशान था।
रचना को मानवीय आधार पर इंडियन एयरलाइंस में नौकरी मिल गई थी। इसके बाद उन्होंने ससुराल में रहते हुए ही एमबीए की पढ़ाई की। साल 2001 में कात्याल परिवार ने ही रचना की दूसरी शादी कराई और चंदर मोहन ने उनका कन्यादान किया था। सास-ससुर कहते हैं, हमारे पास अब सिर्प रचना है और अब वह हमारी बेटी है। हमें उसकी लाइफ दोबारा बनानी है।