
आज हम आपको राहुल गांधी का हिंदुओं पर बयान बताने जा रहे हैं! कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बहुत विवादित बयान दिया है। ऐसा बयान जो करोड़ों हिंदुओं की भावना को आहत करने वाला है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वो चौबीसों घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा; नफरत, नफरत, नफरत; असत्य, असत्य, असत्य। राहुल के इस बयान पर लोकसभा में भारी हंगामा हो गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़े होकर राहुल के इस विचार पर आपत्ति जताई। हालांकि, जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस को नफरती और हिंसक कहा है, ना कि पूरे हिंदू समाज को। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए सिर्फ इतना कहा था, ‘ये विषय बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना ये गंभीर विषय है।’ इतने पर राहुल गांधी बोलने लगे, ‘नरेंद्र मोदी पूरे हिंदू समाज नहीं हैं। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है।’ हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए और राहुल गांधी से माफी की मांग की। उन्होंने कहा, ‘शोर-शराबा करके इतने बड़े वाकये को छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष के नेता ने कहा है कि जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा करते हैं। मैं फिर से दोहराता हूं कि जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं। हिंसा करते हैं?’
शाह ने कहा, ‘इस देश में शायद इनको मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग अपने आपको गर्व से हिन्दू कहते हैं। क्या वो सभी लोग हिंसा की बात करते हैं? हिंसा की भावना को किसी धर्म से जोड़ना ठीक नहीं। संवैधानिक पद पर बैठे राहुल गांधी से गुजारिश है कि माफी मांगें। इस्लाम में अभय मुद्रा पर विद्वानों और गुरुनानक पर SGPC से मत ले लें। भाषण में बीजेपी और आरएसएस को कहना चाहता हूं कि हमारे आइडिया के बारे में है जिसका पूरा विपक्ष इस्तेमाल कर रहा है। यह आइडिया कहां से आता है, यह कैसे हमें ताकत देता है? यह हमें ताकत देता है कि बिना डरे आगे बढ़ो।’अभय की बात करने का हक इनका नहीं है कि इमरजेंसी में पूरे देश को भयभीत किया। दिल्ली में दिन दहाड़े हजारों सिख भाइयों का कत्लेआम हुआ। ये अभय की बात कर रहे हैं। नेता विपक्ष को पहले भाषण में सदन के संग पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’
इससे पहले, लोकसभा में भगवान शिव की तस्वीर दिखाने से रोकने पर विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी ने सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से बार-बार पूछा कि क्या इस सदन में शिव जी का चित्र दिखाने से मनाही है? क्या इस सदन में शिव जी की तस्वीर नहीं दिखाई जा सकती है? राहुल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल हुए और अपनी बातें भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर ही शुरू की। इस पर अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें सदन के नियमों का हवाला दिया।
राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, ‘आप यहां 55 घंटे से बैठे हैं, आप पत्थर जैसे हैं, आप हिलते क्यों नहीं? मैं आज अपने भाषण में बीजेपी और आरएसएस को कहना चाहता हूं कि हमारे आइडिया के बारे में है जिसका पूरा विपक्ष इस्तेमाल कर रहा है। यह आइडिया कहां से आता है, यह कैसे हमें ताकत देता है? यह हमें ताकत देता है कि बिना डरे आगे बढ़ो।’
इतना कहते ही जब उन्होंने भगवान शिव की तस्वीर अपने हाथों में उठाई और लोकसभा अध्यक्ष के टोकने पर कहा, ‘यहां शिव जी का चित्र दिखाना मना है क्या? ये चित्र पूरे हिन्दुस्तान के दिल में है। हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए और राहुल गांधी से माफी की मांग की। उन्होंने कहा, ‘शोर-शराबा करके इतने बड़े वाकये को छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष के नेता ने कहा है कि जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा करते हैं। मैं फिर से दोहराता हूं कि जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं। हिंसा करते हैं?’सब इस इमेज को जानता है।’ राहुल ने आगे कहा, ‘जब भगवान शिव अपने गले में सांप लपेटते हैं तो वो कहते हैं कि वह हकीकत को स्वीकार करते हैं। उनकी बायीं हाथ की तरफ त्रिशूल है। त्रिशूल हिंसा का प्रतीक नहीं है बल्कि ये अहिंसा का प्रतीक है। अगर ये हिंसा का प्रतीक होता तो वह दायें हाथ में होता है।’