ऐसा कोई नहीं जिसने Maggi नहीं खाई हो Maggi हर किसी की फ़ेवरेट है सभी उम्र के लोग इसे खाना पसंद करते हैं चाहे वह बच्चे हो, बड़े हो या फिर बूढ़े हो. दुनिया की सबसे बड़ी फूड एंड बेवरेज कंपनी नेस्ले (Nestle) हैं. भागदौड़ वाली जिंदगी को जिसने दी 2 मिनट वाली मैगी पर प्रैक्टिकली देखे तो असल में Maggi 2 मिनट मे नहीं बनती है. नेस्ले (Nestle) मौजूदा समय में दुनियाभर में 2,000 से अधिक ब्रांड्स के प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनी है. नेस्ले इंडिया लिमिटेड कंपनी है, जो मैगी को साल 1984 में भारत लाई. वर्ष 1947 में ब्रांड Maggi का स्विट्जरलैंड की कंपनी नेस्ले के साथ विलय हुआ था, जिसके बाद से अब तक मैगी नेस्ले का सबसे फ़ेमस ब्रांड बनी हुई है. नेस्ले इंडिया विज्ञापन पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करती है, जिसमें मैगी की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. अस्सी के दशक मे जब पहली बार नेस्ले ने मैगी ब्रांड के तहत नूडल्स लॉन्च किए तो वह शुद्ध रूप से उन शहरी लोगों के लिए नाश्ते का विकल्प था, जिनके पास खाने और पकाने का ज्यादा समय नहीं होता था. धीमे–धीमे बदलती लाइफ़स्टाइल के साथ खाने की आदतें भी उसी अनुपात में बदल रही थीं. वर्ष 1991 के बाद आए आर्थिक उदारीकरण के दौर में जब हमारे बाजारों के दरवाजे दुनिया के लिए खुलने लगे तो बदलावों की गति तेज हो गई. मैगी (Maggi) को भी इसका फायदा मिला. 2 मिनट में तैयार होने वाली मैगी हर किचन की जरूरत बनने लगी.
इन दिनों एयरपोर्ट मैं मैगी खाने का मामला काफ़ी शेयर की जा रही है जिसमें 16 रुपये की मैगी के लिए चुकाने पड़े 193 रुपये. जैसा कि आप सभी को पता है मार्केट में (Maggi) कई प्राइस में मौजूद है जैसे कि 14 रुपये से लेकर बीस और 50 रुपये तक की मैगी लेकिन इंस्टाग्राम के यूज़र सेजल सूद (@SejalSud) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें बिल की फ़ोटो है. जिसे देख लोग कहीं अलग अलग बातें कर रहे हैं कोई कह रहा है शायद यह (Maggi) एयरोप्लेन के तेल से बनी होगी इसलिए इतनी महँगी है तो कोई और कह रहा है यह एयरपोर्ट में सबसे सस्ते मेन्यू में से एक है. सेजल सूद ने बिल शेयर करते हुए लिखा “ मैंने अपनी एयरपोर्ट पर ₹193 में मैगी (Maggi) ख़रीदी है.” वह यह बात समझने में असफल है कि आख़िर यह मैगी इतनी महँगी क्यों बेची जा रही है क्या महँगाई 16 रुपये से 193 रुपये तक बढ़ती जा रही है? क्या कुछ अलग चीज़ें डली हुई है इसमें ? जो इसका प्राइस इतना हाई है. उनकी इस पोस्ट को मिलियन लोग देख रहे हैं क़रीब 10, हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस पोस्ट को देखते हुए लाइक को भी किया है.
ये है अभी काफ़ी इंट्रेस्टिंग मुद्दा बना हुआ है जिस पर लोग जमकर कॉमेंट करने में लगे हुए हैं सभी लोग अलग अलग तरह का कॉमेंट कररहे हैं जिसे देख कर यक़ीनन आपको हँसी आ जाएगी जैसे की एक यूज़र ने लिखा यदि आप पटरी पर खाओगे और एयरपोर्ट पर खाओगे तो क़ीमत में तो अंतर होगा ही. तो कोई कह रहा है इतनी महँगी थी तो ख़रीदी ही क्यों ? अब कौन बताय यूज़र्ज़ को महिला भूखी हो सकती है परंतु महिला ने इस बात का जवाब देते हुए कहा पिछले 2 घंटों से वह भूखी थी इसलिए उन्हें यह मैगी ऑर्डर करना पड़ा. शेयर किए गए बिल में रिसीपट नंबर और तारीख़ आसानी से देखी जा सकती है साथ ही मैगी (Maggi) का प्राइस 184 रुपये चार्ज किया गया है लेकिन साथ में 9.20 रुपये की GST लगायी गई है जिसे टोटल करने पर 193 रुपये होते हैं.
ऐसे ही पोस्ट पिछले महीने भी किया गया था जिसमें त्रिदीप मंडल नाम के एक ट्विटर यूजर ने PVR INOX का एक बिल शेयर था. यूजर को नोएडा में PVR सिनेमा आउटलेट पर पॉपकॉर्न और कोला ड्रिंक्स के लिए 820 रुपए चुकाने पड़े थे. 55 ग्राम पनीर पॉपकॉर्न के लिए 460 रुपए, 600 मिलीलीटर पेप्सी के लिए 360 रुपए वसूले गए थे. यूजर ने कहा था- इसमें कोई चौंकाने वाली बात नहीं कि लोग अब सिनेमाघरों में नहीं जाते. परिवार के साथ फिल्म देखना अब मुश्किल हो गया है. इस पोस्ट को देखने के बाद कंपनी ने 40 पर्सेंट कटौती करने का फ़ैसला लिया जिसके बाद कई चीज़ों के रेट को घटाया गया था साथ ही 18% GST को घटाकर 5% कर दिया गया था.