उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों को जानना बेहद आवश्यक है! देश के प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘फ्लिपकार्ट’ पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा है। वजह ये कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर निर्धारित मानक से कमतर गुणवत्ता के प्रेशर कुकर बेचने की इजाजत दी। आसान शब्दों में कहें तो फ्लिपकार्ट ने खराब क्वॉलिटी के प्रेशर कुकर को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचने की इजाजत दी थी। उस पर यह जुर्माना केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) ने उपभोक्ता अधिकारों यानी कंज्यूमर राइट्स के उल्लंघन को लेकर लगाया है। ऐसे में एक उपभोक्ता के तौर पर हमें भी अपने अधिकारों को जानना चाहिए क्योंकि अगर हम अपने हक को लेकर जागरूक रहेंगे तभी उसकी रक्षा भी कर सकेंगे। अगर आपके उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होता है तो कहां और कैसे शिकायत कर सकते हैं?
सबसे पहले बात फ्लिपकार्ट पर जुर्माने की। यहां फ्लिपकार्ट का गुनाह ये था कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर खराब क्वॉलिटी के प्रेशर कुकर को बिकने दिया। दरअसल, केंद्र सरकार समय-समय पर सामानों की गुणवत्ता के लिए क्वॉलिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी करती है कि किसी प्रोडक्ट की क्वॉलिटी कैसी होनी चाहिए, उसके लिए कौन से स्टैंडर्ड मार्क इस्तेमाल किए जाए। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सामान का इस्तेमाल करते वक्त जख्मी होने, नुकसान पहुंचने के जोखिम से बचाना है। प्रेशर कुकर के मामले में सरकार ने फरवरी 2021 में तय किया कि उनकी गुणवत्ता IS 2347:2017 मानक के अनुरूप होनी चाहिए। इसे ऑनलाइन बेचा जाए या ऑफलाइन, इस मानक का पालन अनिवार्य है।
सेन्ट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने खराब क्वॉलिटी के प्रेशर कुकरों की बिक्री होने देने पर फ्लिपकार्ट पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उसके प्लेटफॉर्म से ऐसे 598 कुकरों की बिक्री हुई थी। CCPA ने फ्लिपकार्ट को आदेश दिया है कि वह उन सभी ग्राहकों से कुकर वापस मंगाए और उनके पैसे वापस करे। यह काम जल्द से जल्द हो इसके लिए अथॉरिटी ने फ्लिपकार्ट को 45 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। साफ है कि कंज्यूमर ही किंग है, उसके अधिकारों का सम्मान करना ही होगा, फिर चाहे कोई छोटा दुकानदार हो या फिर बड़ी से बड़ी कंपनी। अगर उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन हुआ तो उन्हें जुर्माना या मुआवजा भरना पड़ेगा।
क्या है उपभोक्ता अधिकार
उपभोक्ता के अधिकार समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर उपभोक्ता कौन है। दरअसल, कोई भी शख्स जो कोई सामान खरीदता है या कोई सेवाल लेता है तो वह उपभोक्ता है। अब उसके अधिकार की बात। उपभोक्ता का हक है कि वह कोई सामान खरीदता है या सेवा लेता है तो वह शुद्ध हो, तय गुणवत्ता वाला हो, उसकी मात्रा उतनी हो जितना दावा किया जा रहा है, मूल्य वाजिब हो। एमआरपी से ज्यादा कीमत पर न बेची गई हो। डिफेक्टेड न हो। एक्सपायर्ड न हो। उत्पाद के बारे में झूठी या आधी-अधूरी सूचना न दी गई हो। अगर उपभोक्ता सामान या सेवा से संतुष्ट नहीं है तो उसे सुने जाने का अधिकार है। अगर उसे लगता है कि उसके अधिकार का उल्लंघन हुआ तो वह उसकी शिकायत कर सकता है।
आपने कोई सामान खरीदी लेकिन वह खराब क्वॉलिटी की निकल गई। या फिर आपने कोई सेवा ली लेकिन उससे आप संतुष्ट नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए? आप संबंधित दुकानदार या सेवा प्रदाता से शिकायत कर सकते हैं।
उपभोक्ता के अधिकार समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर उपभोक्ता कौन है। दरअसल, कोई भी शख्स जो कोई सामान खरीदता है या कोई सेवाल लेता है तो वह उपभोक्ता है। अब उसके अधिकार की बात। उपभोक्ता का हक है कि वह कोई सामान खरीदता है या सेवा लेता है तो वह शुद्ध हो, तय गुणवत्ता वाला हो, उसकी मात्रा उतनी हो जितना दावा किया जा रहा है, मूल्य वाजिब हो। एमआरपी से ज्यादा कीमत पर न बेची गई हो। डिफेक्टेड न हो। एक्सपायर्ड न हो। उत्पाद के बारे में झूठी या आधी-अधूरी सूचना न दी गई हो। अगर उपभोक्ता सामान या सेवा से संतुष्ट नहीं है तो उसे सुने जाने का अधिकार है। अगर उसे लगता है कि उसके अधिकार का उल्लंघन हुआ तो वह उसकी शिकायत कर सकता है।
आपने कोई सामान खरीदी लेकिन वह खराब क्वॉलिटी की निकल गई। या फिर आपने कोई सेवा ली लेकिन उससे आप संतुष्ट नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए? आप संबंधित दुकानदार या सेवा प्रदाता से शिकायत कर सकते हैं। अगर वहां आपकी सुनवाई नहीं हुई तो आप अपने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी रास्ते अपना सकते हैं।
अगर वहां आपकी सुनवाई नहीं हुई तो आप अपने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी रास्ते अपना सकते हैं।