Wednesday, April 17, 2024
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मुख्तार अंसारी लखनऊ में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए

नई दिल्ली सपा के पूर्व विधायक और जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ से वापस बांदा जेल  में बंद करने के एक साल बाद लखनऊ जेलमें शिफ्ट किया जाएगा. मुख्तार को सोमवार तड़के बांदा जेल से एंबुलेंस में बाहर निकाला गया और कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से लखनऊ लाया जा रहा है. रास्ते में उनके काफिले में शामिल वज्र वाहन खराब खराब हो गया, इसके बाद उन्हें बिना वज्र वाहन सिर्फ एंबुलेंस से लाया जा रहा है माफिया मुख्तार अंसारी को साल 2021 में पंजाब से बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था. फिलहाल वह जेल की बैरक नंबर-16 में रह रहा है. मिलाई पर रोक के बावजूद अक्सर उसका बेटा, पत्नी और भाई मिलने के लिए जेल पहुंचते हैं. जेल के भीतर और बाहर पुलिस का सख्त पहरा है. चर्चा है कि बांदा से मुख्तार को लखनऊ शिफ्ट किया जा सकता है. हालांकि अभी इसे लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है काफिले में पुलिस के अलावा मुख्तार के खास लोग भी शामिल थे. यह काफिला लखनऊ के पीजीआई इलाके से होते हिए कैसरबाग पहुंचा था. खबर के मुताबिक एंबुलेंस में मुख्तार के साथ ही कई वकील की मौजूद थे. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी को एक बार फिर से बांदा जेल से शिफ्ट किया जा सकता है. खबर के मुताबिक उसे बांदा से अब लखनऊ शिफ्ट किया जा सकता है.

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे और नवनिर्वाचित विधायक अब्बास बिन मुख्तार अंसारी ने बताया कि उन्हें डर है कि उनके पिता को रास्ते में नुकसान पहुंचाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “मुझे समझ में नहीं आता कि बिना किसी पूर्व सूचना के शिफ्ट क्यों किया जा रहा है। मुझे पता चला कि मेरे पिता को लखनऊ शिफ्ट करने की तैयारी रविवार देर रात शुरू हुई है अब्बास अंसारी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा था, ‘रात लगभग 12:30 बजे उच्च अधिकारी बिना नंबर की इनोवा से बांदा जेल के अंदर दाखिल हुए हैं. अधिकारियों द्वारा कोई जवाब ना मिलना गंभीर शंका पैदा कर रहा है. अंसारी ने हर गतिविधि को ट्वीट के जरिए लोगों तक सार्वजनिक किया, 28 मार्च सुबह करीब 6:30 पर अब्बास ने ट्वीट कर लिखा, सारी रात तथा कथित उच्च अधिकारी बांदा जेल के अंदर बाहर करते रहे और मीडिया के द्वारा किए हर सवालों से बचते रहे. अब एंबुलेंस जेल गेट पर खड़ी है पर प्रशासन अभी भी मौन है.’ मुख्तार पर साल 2020 में लखनऊ में एक लेखपाल ने एफआईआर करवाई थी. मामला शत्रु सम्पत्ति पर अवैध कब्जे से संबंधित था. इसी मामले में सोमवार को MP-MLA कोर्ट में सुनवाई थी.

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