यमुना का प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैl इसका प्रमुख कारण यह है, कि दिल्ली में सीवरेज का पानी यमुना में गिरता है, तथा अपशिष्ट प्रबंधन उचित रूप से नहीं किया जा रहा है l इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरणRashtriya harit adhikarn ( एनजीटी ) ने गहरी चिंता व्यक्त की है , और साथ ही साथ दिल्ली सरकार पर 6100 करोड़ का जुर्माना भी लगा दिया हैl
एनजीटी का मानना है, कि दिल्ली सरकार सीवेज ट्रीटमेंट के मानदंडों का पालन नहीं कर रही हैl इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एनजीटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना के प्रदूषण स्तर में कोई सुधार नहीं हो पाया है , तो वही कूड़ा प्रबंधन पर भी दिल्ली सरकार को विचार करने के लिए कहा हैl
इससे पहले भी एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 2022 में 900 करोड़ का जुर्माना लगा चुकी है, परंतु दिल्ली सरकार इसका भुगतान नहीं कर पाई है l राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना 18 अक्टूबर 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2014 के तहत किया गया था l
इस संस्था को स्थापित करने वाला भारत विश्व का तीसरा राष्ट्र है, क्योंकि उससे पहले इसकी स्थापना ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हो गई थीl इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर तेजी से निपटारा करना हैl इससे देश के अदालतों में लगे मुकदमे के बोझ को कम किया जा सकेl