नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दूसरे कार्यकाल की शुरुआत होते ही काफी सख्त नजर आ रहे है। मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली समेत कई राज्यों में रामनवमी व हनुमान जन्मोत्सव के दौरान हुए उपद्रव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर अपनाया है। उन्होंने अफसरों को दो टूक कह दिया है कि प्रदेश में बिना अनुमति के कोई शोभायात्रा पा धार्मिक सन निकलने दिया जाए अनुमति भी केवल उन्हें दी जाए जो परंपरागत हो। किसी नई परंपरा की शुरुआत न होने दी जाए। सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा। उन्माद फैलाने और अफवाह फैलाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई जाएगी प्रदेश में अब बिना अनुमति के कोई भी शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस नहीं निकाल पाएंगे.इसके लिए यूपी सरकार की ओऱ से आदेश जारी कर दिए गए हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शोभायात्रा निकालने से पहले आयोजकों से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि सभी लोगों को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है. इसके लिए माइक और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि साउंड सिस्टम की आवाज उस धार्मिक परिसर से बाहर न जाए l बता दें कि हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा हुई थी. हालांकि हिंसा मामले में पुलिस अब तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस हिंसा में शामिल दो नाबालिग भी पुलिस हिरासत में हैं. पुलिस के मुताबिक जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें से 8 लोग पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल हो चुके हैं. सीसीटीवी और दूसरे सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है. घटनास्थल से पुलिस को 3 पिस्तौल और 5 तलवारें मिली हैं मुख्यमंत्री अपने दूसरे कार्यकाल में फील्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहली वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे। उन्होंने अलीगढ़, सहारनपुर और लखनऊ के गुडंबा की घटना पर भी नाराजगी जाहिर की और सभी उच्च अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। राजधानी में सरेशाम हुई फायरिंग की घटना में किसी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई न करने पर नाराज हुए। उन्होंने कहा कि गुडंबा के थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। सीएम योगी कहते है कि हल्के के दरोगा और बीट के सिपाहियों पर भी कार्रवाई की जाए और कार्रवाई होने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए। तो वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ और सहारनपुर में भी अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई न करने पर नाराजगी जाहिर की।