नई दिल्ली:पहले चरण के नामांकन में 139 उम्मीद्वारों ने नामांकन किया था। जिसमें 34 उम्मीद्वारों का नामांकन खामियों के चलते निरस्त हो गया। इसमें समाजवादी पार्टी के तीन उम्मीद्वार शामिल हैं। एटा-मैनपुरी-मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से दो सदस्य चुने जाते हैं। एक सीट के लिए सपा के उदयवीर सिंह और भाजपा के आशीष यादव और सुभाष पार्टी के अनुज कुमार ने नामांकन किया था। जबकि दूसरे सदस्य पद के लिए सपा के राकेश सिंह यादव और भाजपा के ओमप्रकाश सिंह ने नामांकन दाखिल किया था। लखीमपुर खीरी सीट के लिए भी सपा के प्रत्याशी अनुराग वर्मा का नामांकन खारिज हो गया है। अब यहां भाजपा के अनूप गुप्ता और दूसरे निर्दल उम्मीद्वार नर सिंह के बीच मुकाबला होगा। भारतीय जनता पार्टी से एमएलसी प्रत्याशी अनूप गुप्त ने कहा कि सपा छलिया पार्टी है. दगाबाजी और धोखेबाजी करती है. आज भी उसका यह रंग देखने को मिला है जबकि इस मामले में नोटरी संजय सिंह का कहना था कि 13 मार्च 2022 तक उनका नोटरी अधिकार पत्र नवीनीकृत था. 16 मार्च अनुराग वर्मा ने नामांकन किया था. इसके पहले ही नवीनीकरण के लिए आवेदन भी कर दिया था
संजय सिंह का कहना था कि 13 मार्च 2022 तक उनका नोटरी अधिकार पत्र नवीनीकृत था। 16 मार्च 22 को अनुराग वर्मा ने नामांकन किया था इसके पहले ही नवीनीकरण के लिए आवेदन भी कर दिया था। भाजपा के वकीलों ने दलील दी कि सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो। भाजपा की तरफ से नारेबाजी होने लगी। माहौल तनावपूर्ण देखते हुए भारी पुलिस बल कलेक्ट्रेट में तैनात कर दिया गया। डीएम/ आरओ एमएलसी चुनाव महेंद्र बहादुर सिंह ने दोनों पक्षों को सुना और आदेश सुरक्षित कर लिया। लगभग सवा सात बजे शाम बजे शाम डीएम ने सपा प्रत्याशी के नामांकन को रद्द कर दिया।जिला प्रशासन ने देर रात एमएलसी चुनाव में नाम वापसी के दिन भारतीय जनता पार्टी के लखीमपुर से प्रत्याशी अनूप गुप्ता और निर्दलीय प्रत्याशी नरसिंह यादव के पर्चे स्वीकृत कर लिए हैं. अब इन दोनों के बीच मुकाबला होगा. अभी नाम वापसी की तिथि हालांकि बाकी है. इसके पहले एक प्रत्याशी नवनीत शुक्ला का भी पर्चा रिटर्निंग ऑफिसर ने खारिज कर दिया. इस घोषणा से बीजेपी खेमे में जमकर नारेबाजी हुई। निर्दलीय प्रत्याशी नवनीत शुक्ला का पर्चा भी खारिज हो गया। एक अन्य निर्दल प्रत्याशी नरसिंह यादव का नामांकन वैध पाया गया। वरिष्ठ कोषाधिकारी पर प्रश्न चिन्ह लगा है। अनुराग ने बताया कि नोटरी संजय सिंह के नाम से नोटरी कूपन वरिष्ठ कोषाधिकारी ने जारी किए। इस तरह तो तमाम शपथपत्र अवैध जारी हो गए होंगे।