Tuesday, September 17, 2024
HomeIndian Newsअब लोकसभा नहीं विधानसभा पर फोकस करें चुनाव आयोग!

अब लोकसभा नहीं विधानसभा पर फोकस करें चुनाव आयोग!

वर्तमान में चुनाव आयोग अब लोकसभा नहीं विधानसभा पर फोकस करने लग गया है! लोकसभा चुनाव-2024 खत्म होने के बाद अब चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसे देखते हुए सबसे पहले इन चारों राज्यों की वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम शुरू किया जा रहा है। इसमें जो भी नौजवान 1 जुलाई को 18 साल के हो रहे हैं। वह भी अपना नाम वोटर लिस्ट अपडेट करने के इस स्पेशल समरी रिवीजन के माध्यम से जुड़वा सकते हैं। आयोग ने बताया कि इसके लिए बीएलओ हर घर में जाकर इस बात को सुनिश्चित भी करेंगे कि वहां जो वोटर थे। उनमें कोई शिफ्ट तो नहीं हो गया, किसी की डेथ तो नहीं हो गई या फिर किसी का नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना है। वोटर लिस्ट को अपडेट करने संबंधित तमाम जानकारियां लेकर लिस्ट को अपडेट किया जाएगा। जिसका फाइनल प्रकाशन 20 अगस्त को अपडेट करने के साथ ही लॉक कर दिया जाएगा। फिर चुनाव इसी वोटर लिस्ट के आधार पर कराए जाएंगे। आयोग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024, झारखंड का 26 नवंबर और महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को खत्म हो रहा है। इन्फोर्मेशन स्लिप के वितरण के दौरान बनाई गई सूची से मिलान करते हुए मतदाता सूची से शिफ्टेड, डुप्लीकेट और मृत मतदाताओं के नाम नियमानुसार हटाने के निर्देश दिए।ऐसे में इन तीनों राज्यों के लिए समय रहते विधानसभा चुनाव कराने हैं। इसके लिए सबसे पहले वोटर लिस्ट को अपडेट करना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इसी साल 30 सितंबर से पहले तक जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराने अनिवार्य हैं। ऐसे में इन चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।आयोग का यह भी कहना है कि इस दौरान इन सभी राज्यों में चुनाव के दौरान कितने पोलिंग स्टेशन बनाए जाने चाहिए। इसका भी आंकलन किया जाएगा। जिसमें ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, झुग्गी बस्तियां, शहर के बाहरी इलाके और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मतदाताओं के हिसाब से उनके नजदीक में ही पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। ताकि किसी भी वोट डालने के लिए काफी दूर ना जाना पड़े।

हालांकि, जिस तरह से हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं। इसे देखते हुए इस राज्य में विधानसभा चुनाव कराना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। आशंका है कि चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान आतंकवादी राज्य में कहीं ना कहीं हमले कर सकते हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव में जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर वोट डालने में भाग लिया। इसे देखते हुए आयोग बहुत उत्साहित है। आयोग का कहना है कि हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र समेत जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची से गलत तरीके से कई लोगों के नाम हटाए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ऐसी शिकायतों का नियमानुसार सत्यापन करते हुए कार्रवाई की जाए। उन्होंने वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप के वितरण के दौरान बनाई गई सूची से मिलान करते हुए मतदाता सूची से शिफ्टेड, डुप्लीकेट और मृत मतदाताओं के नाम नियमानुसार हटाने के निर्देश दिए।

बताया गया कि अभी भी जिन मतदाताओं के पास पुराना लेमिनेटेड मतदाता पहचान पत्र है, उसे बदलते हुए नए रंगीन आईडी उपलब्ध कराए जाएंगे। किसी भी कारण से अब तक छूटे मतदाताओं को भी मतदाता सूची से जोड़ने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा। निर्वाचन कार्य से जुड़े पदाधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्रों में भ्रमण करते हुए मतदाता सूची के निर्माण कार्य की प्रक्रिया को गति देने का निर्देश दिया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी बीएलओ सुपरवाइजर घर-घर जाकर बीएलओ के कार्यों का सत्यापन करें। बीएलओ के सत्यापित घरों में से 10 प्रतिशत घरों का बीएलओ सुपरवाइजर भौतिक सत्यापन करें एवं मुख्यालय से मिले स्टिकर चिपकाएं। जिसमें ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, झुग्गी बस्तियां, शहर के बाहरी इलाके और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मतदाताओं के हिसाब से उनके नजदीक में ही पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। ताकि किसी भी वोट डालने के लिए काफी दूर ना जाना पड़े।बताया गया कि 1 जुलाई से मुख्यालय के पदाधिकारी जिलों का भ्रमण करेंगे और मतदाता सूची को स्वच्छ बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के मापदंडों के अनुरूप कार्यों की समीक्षा करेंगे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments