Monday, November 4, 2024
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बनारस में गंगा आरती के समय ‘लता मंगेशकर’ के लिए किया गया खास प्रोग्राम

नई दिल्ली। बनारस में गंगा आरती में भारत रत्न लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रविवार की शाम को होने वाली गंगा आरती लता मंगेशकर के नाम रही। मोक्ष दायिनी मां गंगा के तट पर दीपों से स्वर की देवी को दीपांजलि दी गई। मां गंगा में दीप दान पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई। कोरोना काल में पिछले कुछ हफ्तों से मां गंगा की आरती सांकेतिक रूप से संपन्न की जा रही है।

बता दे कि इस आरती में इस दौरान संस्था के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा, आशीष तिवारी, हनुमान यादव व भव्या रूपानी मौजूद रहे। पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने कहा कि आज मैंने सुना तो इतना दु:ख हुआ कि मैं इसका वर्णन नहीं कर सकता। वे मुझे बहुत मानती थीं। मैं मुंबई जब उनके घर गया तब हाथ पकड़कर अंदर ले गईं। देखा कि कोने में दो तानपूरा रखे थे। लता जी की आवाज में जो सुरीलापन था, वह बहुत कम लोगों में मिलता है। ऐसी गायिका सदियों में एक ही पैदा होती हैं। लता जी की आवाज में जो ओज था। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।

संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि लता मंगेशकर के जाने से एक युग का अंत हो गया। वे ऐसी गायिका थीं जिन्हें शास्त्रीय व लाइट म्यूजिक वाले दोनों पसंद करते थे। उन्होंने पंडित भीमसेन जोशी व राजन-साजन के साथ भी गायन किया। सदियों के अंतराल के बाद ऐसे कलाकार जन्म लेते हैं। युवा कलाकारों के लिए लता जी एक आदर्श हैं।

पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि इस धरती पर जागृत सरस्वती देवलोक को प्रस्थान कर गईं। प्रथम श्रुति की गर्भनाल जैसे आज टूट गई। संगीत आज मौन हो गया। लता जी का बिछोह व्यक्तिगत आघात सा है। देवी को कृतज्ञ प्रणाम नमन वंदन। उनके जाने से संगीत जगत में जो रिक्तता आई है उसको भरना मुश्किल है।

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का होना एक देवी स्वरूपा का हमारे युग में होने जैसा था। वरना नाद ब्रह्म में विश्वास करने वाले हम लोग यह यकीन रखते हैं कि आवाज कभी खत्म नहीं होती ब्रह्मांड में विचरण करती रहती हैं। इस अर्थ में लता जी सदा हमारे दिलों में रहेंगी अपने गाए हजारों गीतों के माध्यम से। उनके गीत हमारे हृदय की गहराइयों में हैं। उनके गानों सुनकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। – अरुण पांडेय, वरिष्ठ उद्घोषक, आकाशवाणी

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के देहांत के बाद केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इसके तहत रविवार को शहर के तीन प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर तिरंगे को झुका दिया गया। इनमें कैंट, बनारस और वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में लगाए गए तिरंगे को राष्ट्रीय शोक की वजह से झुका दिया गया।

लता मंगेशकर के निधन पर भाजपा जनों ने शोक जताते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने शोक जताते हुए कहा कि लता मंगेशकर के निधन से एक युग का अंत हो गया। क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने लता मंगेशकर के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि देश की शान लता जी का जाना देश के साथ ही संपूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

शोक जताने वालों में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ नीलकंठ तिवारी, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, एमएलसी अशोक धवन, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, सुरेंद्र नारायण सिंह, डॉ. अवधेश सिंह, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्या सागर राय आदि रहे।

लता मंगेशकर के निधन पर लाट भैरव भजन मंडल के सभागार में देर शाम श्रद्धांजलि दी गई। गायक कलाकारों ने राम धुन व भजनामृत प्रस्तुत कर महान स्वर साधिका को स्मरण किया। इस दौरान केवल कुशवाहा, शिवम अग्रहरि, धर्मेंद्र शाह, धर्मेंद्र शाह, उत्कर्ष, रामप्रकाश, नरेंद्र, प्रवीण, यतीश मौजूद रहे।

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