Friday, October 18, 2024
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ताइवान कर रहा चीन का डटकर सामना, जानिए कैसे?

ताइवान के सर पर अमेरिका ने अपना हाथ रख दिया है! यूरोप के एक कोने में पिछले छह महीने से एक युद्ध चल रहा है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। लेकिन 24 फरवरी को शुरू होने से कई महीनों पहले यूक्रेन-रूस सीमा पर जंग का माहौल बनने लगा था। सभी को लग रहा था कि रूस जैसी महाशक्ति के सामने यूक्रेन जैसा छोटा देश कितने दिनों तक टिकेगा। लेकिन पश्चिमी देशों के सहयोग से यूक्रेन ने न सिर्फ लड़ाई का रुख पूरी तरह बदल दिया बल्कि रूस को भारी नुकसान भी पहुंचाया है। कुछ ऐसी ही तस्वीर अब हजारों किमी दूर एशिया में भी देखने को मिल रही है जहां दो देशों के बीच रूस-यूक्रेन जैसा ही तनाव है और अंतर भी।एशिया में एक तरफ चीन है जो अपने लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, मिसाइलों और ड्रोन को आगे रखकर ‘धमकी भरे लहजे’ में बात करता है तो वहीं दूसरी ओर ताइवान है जो हर मामले में चीन से छोटा है, क्या क्षेत्रफल, क्या क्षमता। लेकिन अमेरिका, जिसके साथ उसके औपचारिक संबंध भी नहीं हैं, का साथ पाकर छोटा-सा देश भी ड्रैगन से टक्कर लेने को तैयार है। ताइवान अब आत्मविश्वास से लबरेज दिख रहा है और लगातार चीन पर पलटवार कर रहा है और इसकी शुरुआत अगस्त की शुरुआत में अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा से हुई थी। आज उन घटनाक्रमों पर नजर डालते हैं जो दिखाते हैं कि पेलोसी की यात्रा के बाद से ताइवान का जोश ‘हाई’ है।

पेलोसी की यात्रा के बाद चीन ने ताइवान की घेराबंदी कर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास किया था। तब से चीन की घुसपैठ और उकसाने वाली कार्रवाइयां लगातार जारी हैं। सोमवार को भी चीन का एक ड्रोन ताइवान नियंत्रण वाले एक द्वीप में दाखिल होने का प्रयास कर रहा था। ताइवान ने पहली बार वॉर्निंग शॉट्स दागते हुए चीन की इस हरकत का जवाब दिया। गोलीबारी से ड्रोन वापस चीन लौट गया। इससे पहले 29 अगस्‍त को ताइवान ने चीन को आगाह किया था कि अगर कोई भी ड्रोन उसकी सीमा की तरफ आया या फिर उसने दाखिल होने की कोशिश की तो फिर उसे तुरंत गिरा दिया जाएगा। एक दिन बाद ही चीन ने अपना ड्रोन ताइवान की ओर भेजा और ताइवान ने वही किया जो उसने कहा था। PLA का यह ड्रोन ताइवान के नियंत्रण वाले किनमैन द्वीप की तरफ बढ़ रहा था जो चीन से सिर्फ 3 किमी की दूरी पर स्थित है।

खबरों की मानें तो बाइडन प्रशासन ताइवान को 1.1 अरब डॉलर के हथियार बेचने की योजना बना रहा है और इस संबंध में अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी मांगी गई है। इनमें 60 एंटी-शिप मिसाइलें और 100 एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल होंगी। सूत्रों के हवाले से सोमवार को Politico ने अपनी खबर में इसकी जानकारी दी। औपचारिक राजनयिक संबंधों के अभाव के बावजूद वाशिंगटन ही ताइवान का सबसे मजबूत समर्थक और हथियार सप्लायर है। जून में भी अमेरिका ने 12 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के कल-पुर्जे ताइवानी नौसैनिक जहाजों के लिए देने का ऐलान किया था।

कुछ दिनों पहले अमेरिका के दो युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय जल के माध्यम से ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजरे थे। अमेरिकी नौसेना ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी थी। पेलोसी की यात्रा के बाद से यह इस तरह का पहला ऑपरेशन था। जाहिर है कि चीन इससे बेहद नाराज हुआ था और इस तरह की कार्रवाइयों को ‘उकसाने वाला’ करार दिया था। चीन की नौसेना ताइवान जलडमरुमध्य से गुजरे अमेरिकी युद्धपोतों पर करीब से नजर रख रही थी। अमेरिका ने कहा था कि गाइडेड-मिसाइल क्रूजर, यूएसएस एंटियेटम और यूएसएस चांसलर्सविले, अंतरराष्ट्रीय जल के माध्यम से नेविगेशन की स्वतंत्रता का प्रदर्शन कर रहे हैं। यूएस नेवी ने अपने बयान में कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से होकर गुजरना ‘अमेरिका की एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति प्रतिबद्धता’ का प्रदर्शन करता है।

ताइवान ने साल 2023 के लिए रक्षा बजट में 13.9 फीसदी का इजाफा किया और यह 17.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। निक्‍केई एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्‍तावित बजट में 108.3 न्‍यू ताइवान डॉलर नए एडवांस्‍ड जेट, समुद्री सुरक्षा और हवाई युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए रखे गए हैं। अब ताइवान का कुल रक्षा बजट 586.3 न्‍यू ताइवान डॉलर हो गया है। अगले महीने से शुरू होने वाले संसद के सत्र में इस बजट को पास होने के लिए पेश किया जाएगा। इसी साल जनवरी में ताइवान ने 8.6 अरब डॉलर का रक्षा बजट पास किया था जो आने वाले 5 साल के लिए था।

पिछले हफ्ते अमेरिकी सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न ताइवान आई थीं। अगस्त में ताइवान आने वाली वह चौथी राजनेता थीं। ब्लैकबर्न अमेरिका के टेनेसी से रिपब्लिकन पार्टी की सांसद हैं जिन्होंने ताइवान में खड़े होकर चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि ‘हम झुकेंगे नहीं।’ इससे पहले इंडियाना के रिपब्लिकन गवर्नर एरिक होलकोम्ब भी ताइवान आए थे। अमेरिकी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी अगस्त के मध्य में ताइवान आया था। महीने की शुरुआत में नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे की खबर तो पूरी दुनिया को थी। अगस्त में ताइवान में अमेरिकी राजनेताओं का तांता लगा रहा जिसने ड्रैगन के खिलाफ ताइवान के जोश को ‘हाई’ कर दिया है।

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