अमरनाथ में सटीक अनुमान नहीं लगा पाया था मौसम विभाग?

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अमरनाथ में अभी हाल के दिनों में बादल फटने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं! सरकार ने बृहस्पतिवार को इस बात से इनकार किया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) पिछले दिनों पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना का सटीक पूर्वानुमान देने में असफल रहा है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि आठ जुलाई को क्षेत्र के ऊपर तीव्र एवं अचानक बारिश हुई थी लेकिन वह घटना बादल फटने के मानदंडों को पूरा नहीं करती।

उन्होंने कहा कि आठ जुलाई को शाम में 1730 से 1830 बजे के बीच पवित्र गुफा के पास अत्यधिक वर्षा हुई थी, जो अत्यन्त छोटे क्षेत्र में हुई थी। उन्होंने कहा कि पवित्र गुफा से 50 मीटर नीचे स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग के स्वचालित मौसम केन्द्र (एडब्ल्यूएस) ने एक घंटे के भीतर 25 मिमी वर्षा दर्ज की थी।सिंह ने कहा, ‘‘यह क्षेत्र के ऊपर एक अल्पावधि की व तीव्र एवं अचानक बरसात थी। हालांकि, यह घटना बादल फटने के मानदंडों को पूरा नहीं करती है। बादल फटने की घटना तब मानी जाती है जब लगभग 20-30 वर्ग किमी के भौगोलिक क्षेत्र में 10 सेमी प्रति घंटा या उससे अधिक दर से वर्षा होती है।’’

उन्होंने कहा कि भारी बारिश और ऊपरी इलाकों से प्रवाह-दोनों के मिलने से पवित्र अमरनाथ गुफा के पास अचानक बाढ़ आ गई। उन्होंने कहा कि आठ जुलाई को यात्रा प्रबंधक ने आईएमडी के परामर्श के अनुसार सुबह पांच बजे यात्रा की अनुमति दी थी और एक घंटे की तेज वर्षा से पहले तक, मौसम सुहाना था इसलिए यात्रा पूरे दिन अच्छी तरह से चली।सिंह ने कहा कि घटना की अवधि के दौरान क्षेत्र में कम तीव्रता से वर्षा होने का पूर्वानुमान आईएमडी द्वारा व्यक्त किया गया था और दुनिया भर में कहीं भी बादल फटने की घटना का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अमरनाथ गुफा मंदिर के समीप पर्वतों की ऊंची चोटियों पर बारिश के कारण अचानक बाढ़ आयी होगी।’’आईएमडी के अनुसार, बारिश की घटना को तब बादल फटने की श्रेणी में रखा जाता है जब किसी मौसम केंद्र में एक घंटे में 100 मिमी. बारिश दर्ज की जाती है।

आईएमडी का अमरनाथ गुफा मंदिर के समीप स्वचालित मौसम केंद्र है, जो तीर्थयात्रा के दौरान मौसम पूर्वानुमान देता है। हालांकि, आसपास के पर्वतों में दुर्गम क्षेत्र होने के कारण कोई मौसम निगरानी केंद्र नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास अचानक बाढ़ आने के कारण कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी और मंदिर के समीप टेंट तथा सामुदायिक रसोई भी बह गयी।

श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक सोनम लोटस ने कहा, ‘‘यह पवित्र गुफा के पास अत्यधिक स्थानीय बारिश की घटना थी। ऐसी बारिश इस साल की शुरुआत में भी आयी थी।’’आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि अमरनाथ गुफा मंदिर के ऊपर के क्षेत्र में शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े छह बजे तक 28 मिलीमीटर बारिश हुई।मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के समीप मची तबाही बादल फटने के कारण नहीं हुई, बल्कि स्थानीय स्तर पर तेज बारिश की एक घटना के कारण हुई। इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अमरनाथ गुफा मंदिर के पास शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे से शाम साढ़े छह बजे तक 31 मिलीमीटर बारिश हुई, जो बादल फटने जैसी किसी घटना के हिसाब से कम है।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने पीटीआई-भाषा को बताया क‍ि अमरनाथ गुफा मंदिर के समीप पर्वतों की ऊंची चोटियों पर बारिश के कारण अचानक बाढ़ आयी होगी। आईएमडी के अनुसार, बारिश की घटना को तब बादल फटने की श्रेणी में रखा जाता है जब किसी मौसम केंद्र में एक घंटे में 100 मिमी. बारिश दर्ज की जाती है।

आईएमडी का अमरनाथ गुफा मंदिर के समीप स्वचालित मौसम केंद्र है, जो तीर्थयात्रा के दौरान मौसम पूर्वानुमान देता है। हालांकि, आसपास के पर्वतों में दुर्गम क्षेत्र होने के कारण कोई मौसम निगरानी केंद्र नहीं है। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास अचानक बाढ़ आने के कारण कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी और मंदिर के समीप टेंट तथा सामुदायिक रसोई भी बह गयी।श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक सोनम लोटस ने कहा क‍ि यह पवित्र गुफा के पास स्थानीय बारिश की घटना थी। ऐसी बारिश इस साल की शुरुआत में भी आयी थी। आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि अमरनाथ गुफा मंदिर के ऊपर के क्षेत्र में शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े छह बजे तक 28 मिलीमीटर बारिश हुई।