इस बार परंपरा में बदलाव और पेपरलेस बजट सबसे लंबा भाषण देने सहित कई रिकॉर्ड बनाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेआज यानि मंगलवार को संसद में अपना चौथा आम बजट पेश किया. इस बजट में डिजिटल करेंसी के साथ साथ पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग से जोड़ने, विदेश यात्रा सुगम बनाने के लिए ई-पासपोर्ट सेवा शुरू करने जैसी कई अहम और बड़ी घोषणाएं हुईं |वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में आम बजट 2022-23 (Union Budget 2022) पेश किया.मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है. बजट में आयकर दरों या स्लैब में किसी तरह का रहत देती सरकार नजर नहीं आ रही है .टैक्सपेयर्स को निराशा हाथ लगी है. आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है बल्की भरने की अवधि को और बढ़ा दिया गया है . लोगों की यह जानने में भी उत्सुकता रही कि बजट में क्या महंगा हुआ और जरूरत की किन वस्तुओं के लिए अब उन्हें ज्यादा कीमत चुकानी होगी. बजट के कारण जहां इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, जवाहरात-आभूषण, घड़ियां और कैमिकल्स सस्ते होंगे, वहीं विदेशी वस्तुए महंगे हो जाएंगे |
आसान शब्दों में समझने की कोशिश किया जाए तो इस बार के बजट में नौकरीपेशा लोगों, किसानों और कारोबारियों को कोई भी बडा सौगात नहीं मिली है. इसमें डिजिटल करेंसी, डिजिटल बैंकिंग यूनिट का बड़ा ऐलान शामिल है. कोरोना काल में स्कूली पढ़ाई लिखाई को पहुंचे नुकसान को देखते हुए सरकार ने डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया है, जो ऑनलाइन एजुकेशन में मदद करेगी. साथ ही 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट भी स्थापित करने की घोषणा की गई है. हालांकि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं होने लेकिन इसमें सबसे बडी बदलाव के स्तर पर छूट के अवधि को देखा जा रहा है . मध्यमवर्गीय और वेतनभोगियों को फिर मायूसी हाथ लगी है. सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है |
अब दो साल पुराने ITR में अपग्रेड किया जा सकेगा. ड्यूटी घटने से कपड़े, चमड़े, पॉलिश्ड डायमंड, मोबाइल फोन, चार्जर और कृषि उपकरण सस्ते होंगे. सहकारी संस्थाओं पर भी अब कॉरपोरेट टैक्स की तरह 15 फीसदी टैक्स लगेगा. सरकार ने राज्य कर्मियों को NPS में योगदान 14 फीसदी करने की छूट दी है, वही इस बजट में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का ऐलान और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही, इनकम बेस को भी 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की घोषणा की गई है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा.
केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर भारत के तहत गतिशक्ति योजना की जहां लंबी लकीर खींचने की कोशिश की है, वहीं सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में राजधर्म अनुशासन का पालन करने की भी कोशिश की है. उन्होंने अपने डेढ़ घंटे के बजट भाषण के दौरान महाभारत के शांतिपर्व में वर्णित राजधर्म अनुशासन का जिक्र भी किया.शांतिपर्व में कहा गया है |
दापयित्वा करं धर्म्यं राष्ट्रं नित्यं यथाविधि | अशेषान्कल्पयेद्राजा योगक्षेमानतन्द्रितः ।।
अर्थात्, किसी राष्ट्र का राजधर्म किसी भी विधि से जनता का कुशलक्षेम और कल्याण ही है.बता दें कि शान्ति पर्व महाभारत का 12वां पर्व है. इसमें धर्म, दर्शन, राजानीति और अध्यात्म ज्ञान की विशद व्याख्या की गई है. इस पर्व में महाभारत युद्ध के बाद शोकाकुल लोगों को युधिष्ठिर राजधर्म का अनुशासन पढ़ाते हैं. इसी के तहत वह मोक्ष धर्म का भी उपदेश देते हैं.
आम आदमी यानी मिडिल क्लास की उम्मीदें हर बार की तरह इस बार भी टैक्स में राहत मिलने से ही जुड़ी थीं. लेकिन एक बार फिर से आम आदमी को इस बजट 2022-23 में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी पीड़ा ज़ाहिर करनी शुरू कर दी है और मीम्स की बाढ़ आ गई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री और नेता इसे आत्मनिर्भर भारत का बजट बता रहे हैं. जानिए, कौन-क्या कह रहा है, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बजट की तारीफ़ करते हुए ट्वीट किया, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 2022-23 का बेहतरीन बजट पेश करने के लिए बधाई. यह एक ऐसा बजट है जो मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देगा, मांग में बढ़ोतरी करेगा और एक मज़बूत, समृद्ध और आत्मविश्वास से परिपूर्ण भारत का निर्माण करेगा.”
Digitalisation of land reforms will transform India’s rural economy and it will go a long way in creating new opportunities for the farmers and the agriculture sector.
I wholeheartedly welcome this year’s Budget announcements.#AtmaNirbharBharatKaBudget
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 1, 2022
वही अमित शाह ने कहा है “जीरो बजट खेती, प्राकृतिक खेती, रिवर लिंकिंग, एक स्टेशन-एक उत्पाद और किसान ड्रोन जैसे विभिन्न प्रयास हमारे किसान भाइयों को लाभ देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को आधुनिक व आत्मनिर्भर बनाने के नरेंद्र मोदी जी के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभायेंगे”
जीरो बजट खेती, प्राकृतिक खेती, रिवर लिंकिंग, एक स्टेशन-एक उत्पाद और किसान ड्रोन जैसे विभिन्न प्रयास हमारे किसान भाइयों को लाभ देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को आधुनिक व आत्मनिर्भर बनाने के @narendramodi जी के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभायेंगे।#AatmanirbharBharatKaBudget
— Amit Shah (@AmitShah) February 1, 2022
कांग्रेस पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने आम बजट की आलोचना की है. शशि थरूर ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बजट बहुत ही निराशाजनक है और इसमें कुछ भी नहीं है.
शशि थरूर ने कहा, ”मैंने जो भाषण में सुना उसमें न तो मनरेगा की बात है और न ही रक्षा क्षेत्र की. लोग जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनकी बात भी नहीं है. महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है. अभी 25 साल और इंतज़ार करना होगा, अच्छे दिन आने के लिए. गति शक्ति और डिज़िटल करेंसी की बात नारे के अलावा कुछ भी नहीं है.”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर बजट की आलोचना की है. ममता ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”आम आदमी के लिए बजट शून्य है. जो महंगाई और बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए बजट में कुछ नहीं है.”
BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING – A PEGASUS SPIN BUDGET
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है कि इस बजट में वेतनभोगी, मध्यमवर्ग, ग़रीब-वंचित, युवा, किसान और छोटे उद्योगों के लिए कुछ नहीं है |
M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!
Nothing for
– Salaried class
– Middle class
– The poor & deprived
– Youth
– Farmers
– MSMEs— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022