Saturday, March 15, 2025
HomeIndian Newsक्या तीसरे चरण के मतदान में बीजेपी को मात दे पाई कांग्रेस?

क्या तीसरे चरण के मतदान में बीजेपी को मात दे पाई कांग्रेस?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या तीसरे चरण की मतदान में बीजेपी को कांग्रेस मात दे पाई है या नहीं! लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए जिन सीटों पर आज यानी 7 मई को वोटिंग शुरू है उसमें अधिकांश सीटों पर पिछली बार बीजेपी ने जीत हासिल की थी। तीसरे चरण में 11 राज्यों की 93 सीटों पर वोटिंग हो रही है और पिछले चुनाव में इन 93 लोकसभा सीटों में से 71 पर BJP ने जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस को केवल चार सीटों पर जीत मिली थी। वहीं इन्हीं सीटों पर एनडीए के पिछले आंकड़े को देखा जाए तो जीती हुई सीटों की संख्या और भी अधिक थी। 2019 में एनडीए ने 78 सीटों पर बढ़त हासिल की। वहीं मौजूदा ‘इंडिया’ गठबंधन के विपक्षी दलों को 12 सीटों पर जीत मिली थी। अन्य दलों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। इंडिया गठबंधन में इस बार कई दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और ऐसे में देखना होगा कि वह एनडीए को कितनी चुनौती दे पाते हैं। सीटों की संख्या के हिसाब से बीजेपी के लिए यह काफी महत्वपूर्ण फेज है। वहीं इंडिया गठबंधन के सामने चुनौती बड़ी है। 2019 में इन सीटों पर एनडीए का औसत जीत का अंतर 21 प्रतिशत था तो वहीं इंडिया गठबंधन का 11 फीसदी के करीब। जीत का अंतर दोनों गठबंधन के बीच अधिक था। इस चरण में जिन राज्यों में मतदान शुरू है उनमें गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं – ये तीनों ही भारतीय जनता पार्टी के गढ़ हैं। ऐसे में कांग्रेस की संभावनाएं तभी बढ़ेंगी जब एनडीए के वोटों में भारी सेंध लगेगी। गुजरात में 25, कर्नाटक में 14, मध्य प्रदेश में नौ, महाराष्ट्र में 11, उत्तर प्रदेश में 10, पश्चिम बंगाल में चार, असम में चार, बिहार में पांच, छत्तीसगढ़ में सात सीटों पर वोटिंग शुरू है। जिन 93 सीटों पर वोटिंग हो रही है उसमें बीजेपी अकेले 81 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस फेज में जिन दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा उनमें गांधीनगर से अमित शाह, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह राजगढ़ से, शिवराज सिंह चौहान विदिशा से वहीं यूपी की मैनपुरी सीट से डिंपल यादव, मनसुख मंडाविया पोरबंदर से, प्रहलाद जोशी धारवाड़ से और बारामती से सुप्रिया सुले प्रमुख हैं।

पिछले चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी के सीटों की संख्या अधिक है सिर्फ यही एक बात नहीं है बल्कि जीत का अंतर भी अधिक था। पिछले चुनाव में बीजेपी ने इन 93 सीटों में 38 सीटों पर 50-60 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। वहीं 20 सीटों पर उसका वोट शेयर 60 से 70 फीसदी के बीच था। वोट शेयर के लिहाज से देखें तो बीजेपी को जिन 20 सीटों पर जीत मिली वहां 70 फीसदी वोट शेयर था। 5 साल बाद चुनाव हो रहे हैं यह सही बात है लेकिन कांग्रेस के पक्ष में नतीजे आएं इसके लिए बड़े बदलाव की जरूरत होगी। इस चुनाव में पहले के दो चरणों में कम वोटिंग पर भी चर्चा हो रही है। विपक्षी दल इसको अपने पक्ष में बता रहे हैं। लेकिन 2019 के चुनाव नतीजों को देखा जाए तो जिन 62 सीटों पर मतदान में गिरावट आई थी, उनमें से 14 सीटों पर विजेता बदल गए। इसके अलावा जिन 31 सीटों पर ज्यादा वोटिंग हुई उनमें से नौ पर मौजूदा उम्मीदवार हार गए।

राज्य की 26 सीटों पर वोटिंग हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अहमदाबाद के पोलिंग बूथ पर अपना वोट डाला। गुजरात बीजेपी का मजबूत किला है। गुजराती अस्मिता की अहम भूमिका है क्योंकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही इस राज्य से आते हैं। बीजेपी एक बार फिर यहां सभी 26 सीटों पर जीत की उम्मीद कर रही है क्योंकि वोट शेयर के मामले में कांग्रेस पर बीजेपी की पूरे देश में बढ़त 19 प्रतिशत है तो गुजरात में यह 30 फीसदी है।

पश्चिम बंगाल में जिन चार सीटों पर वोटिंग हो रही है उसमें तीन सीटें मालदा, मुर्शिदाबाद, जंगीपुर पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। 2019 में कांग्रेस को मालदा दक्षिण सीट पर जीत मिली थी वहीं कांग्रेस और तृणमूल के बीच वोटों के बंटवारे के कारण बीजेपी के खाते में मालदा उत्तर सीट मिल गई थी। इस बार कांग्रेस-वाम दलों का गठबंधन और अल्पसंख्यक वोटों पर उनकी नजर है। पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल को 63% मुस्लिम वोट मिले थे और टीएमसी फिर जीत का दावा कर रही है। नए मुख्यमंत्री और विदिशा से शिवराज सिंह चौहान के जुड़े होने के कारण मध्य प्रदेश भाजपा इकाई को नए नेतृत्व में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखने की उम्मीद है। कांग्रेस, जिसने दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया जैसे पुराने दिग्गजों को मैदान में उतारा है, वह भी सांसदों के खिलाफ स्थानीय सत्ता विरोधी लहर के सहारे कुछ सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। महाराष्ट्र में बारामती सीट पर पारिवारिक कलह के चलते मुकाबला रोमांचक हो गया है, क्योंकि सुप्रिया सुले का मुकाबला उनकी भाभी और अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से है। 11 सीटों पर जहां वोटिंग हो रही है उनमें 2019 में एनडीए ने 11 सीटों में से सात पर जीत हासिल की थी।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments