Tuesday, January 28, 2025
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क्या नीट एग्जाम के वास्तविक पेपर खत्म कर दिए गए थे?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या नीट एग्जाम के वास्तविक पेपर खत्म कर दिए गए थे या नहीं! बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने नीट पेपर लीक की जांच तेज कर दी है। रविवार को पांच और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों को एक दिन पहले झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया था। इसके साथ ही मामले में अब तक 18 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। सीबीआई ने पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है। बता दें कि बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किये गए अभ्यर्थियों के घर से जले हुए कागजात बरामद किए थे, जिनमें परीक्षा के प्रश्नपत्र की फोटो कॉपी भी थे। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने इन जले हुए कागजातों का मिलान NTA की ओर से उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया। जांच में पाया गया कि जले हुए कागजातों में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू मेल खाते हैं। इतना ही नहीं प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं। EOU की रिपोर्ट के अनुसार, जले हुए कागजातों से एक स्कूल का परीक्षा केंद्र कोड भी बरामद किया गया, जो झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल का था। यह स्कूल CBSE से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल है, जिसे NTA ने परीक्षा केंद्र बनाया था। EOU ने इस मामले की जांच के लिए फोरेंसिक लैब की मदद ली है। EOU की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इस मामले की जांच CBI को सौंपने का फैसला किया। ईओयू के अनुसार, जले हुए कागजातों में मिले 68 प्रश्न न केवल मूल प्रश्नपत्र से हूबहू मेल खाते हैं, बल्कि इन प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं। हालांकि जले हुए कागजात 5 मई को ही बरामद कर लिए गए थे, जब संदिग्ध अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, EOU को इन कागजातों का मिलान NEET-UG के प्रश्नपत्र से करने में देरी हुई क्योंकि NTA शुरुआत में राज्य सरकार के साथ जानकारी, खासकर प्रश्नपत्र, साझा करने से हिचकिचा रहा था। फिलहाल बिहार EOU यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पेपर लीक कब और कहां से हुआ था।

ओएसिस स्कूल के प्राचार्य एहसानुल हक का कहना है कि हो सकता है कि पैकेट के स्कूल पहुंचने से बहुत पहले पेपर लीक हो गया हो। बता दें कि हजारीबाग में चार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। एहसानुल हक परीक्षा आयोजित करने के लिए जिला समन्वयक थे। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए हक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि स्कूल के केंद्र अधीक्षक और NTA द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक ने 5 मई (परीक्षा के दिन) की सुबह दो बैंकों में से एक से पैकेट प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि पैकेट स्कूल पहुंचने के बाद निरीक्षक और छात्रों के सामने पेपर वाला पैकेट खोला गया। जब उनसे पूछा गया कि जले हुए स्क्रैप ओएसिस परीक्षा केंद्र का बताया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि अगर स्कूल की ओर से कोई गड़बड़ी होती तो स्कूल के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया जाता, लेकिन अब तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है, ना ही पूछताछ किया गया है।

आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट पेपर लीक मामले अब तक 18 लोग गिरफ्तार कर चुकी है। ईओयू के अनुसार, गिरफ्तार किए गए पांच लोगों की पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में हुई है। ये सभी नालंदा के रहने वाले हैं। कुख्यात संजीव कुमार उर्फ लुटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को परीक्षा से एक दिन पहले नीट-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका कथित तौर पर उसके मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में प्राप्त हुई थी। बयान में मुखिया गिरोह के सदस्यों पर कई राज्यों में प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप लगाया गया है।

EOU के अनुसार, अब तक की जांच से पता चला है कि बलदेव और उसके साथियों ने चार मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक घर में इकट्ठा हुए छात्रों को हल की गई उत्तर पुस्तिकाएं दी गई थी ताकि वे इसे याद कर लें। बयान में कहा गया कि अभ्यर्थियों को पहले से गिरफ्तार किए गए दो लोगों-नीतीश कुमार और अमित आनंद द्वारा वहां लाया गया था। बयान के अनुसार, लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्नपत्र मुखिया गिरोह द्वारा झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया गया था। जांच टीम ने पटना के एक घर से बरामद आंशिक रूप से जले हुए प्रश्नपत्र का मिलान राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रश्नपत्र से किया, जिससे प्रश्नपत्र लीक की पुष्टि हुई।

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