मशहूर टिकटोकर और बीजेपी की नेता रही सोनाली फोगाट की गोवा में मौत हो गई थी। पहले उनकी मौत को दिल का दौरा आने से जोड़ा जा रहा था परंतु पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कई राज़ से पर्दा उठ गया। जिसमें यह बताया गया दरअसल उनकी मौत किसी दिल के दौरे से नहीं बल्कि ड्रग्स देने से हुई है। सोनाली फोगाट को ड्रग्स उन्हीं के पिए सुधीर सागंवन ने ड्रिंक में मिलाकर दी थी। साथ ही सुधीर सांगवान के खुलासे के आधार पर कर्लीज रेस्टोरेंट के वॉशरूम में सोनाली को दी गई ड्रग्स जप्त कर ली गई है। सोनाली को दी गई ड्रग मेथमफेटामाइन है। आइए जानते हैं क्या होती है यह मेथमफेटामाइन ड्रग जिसने सोनाली फोगाट को मौत के घाट उतार दिया?
क्या है मैथमफेटामाइन ड्रग्स?
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन द कभी उसकी रिपोर्ट के मुताबिक मैथमफेटामाइन पावरफुल एडिक्टिव ड्रग है जो मानव शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम ज्ञानी तंत्रिका तंत्र पर गहरा असर करता है। मेथमफेटामाइन की खोज 1893 में की गई थी आपको बता दें कि मेथमफेटामाइन को क्रैंक स्पीड और मैथ नाम से भी जाना जाता है। यह ड्रग बेहद ही शक्तिशाली और उत्तेजक है जो सीधा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर गहरा असर डालता है। क्रिस्टल मेथमफेटामाइन कांच के टुकड़े जैसा चमकदार दिखता है। यह रासायनिक रूप से एम्फैटेमिन के समान है। जिसका उपयोग अटैंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, नारकोलेप्सी और स्लीप डिसऑर्डर की इलाज के लिए किया जाता है। आमतौर पर इसका असर 6 से 8 घंटे तक रहता है। परंतु इसका असर 24 घंटे तक भी रह सकता है। इसलिए इसे लेने वाले शख्स को यूफोरिया यानी बेहद ख़ुशी का एहसास होता है। यह आमतौर पर देखने में सफेद होता है। इस ड्रग की खास बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार की कोई खुशबू नहीं होती। हालांकि इसका स्वाद थोड़ा सा कड़वा होता है। मेथमफेटामाइन नमक की तरह पानी में बहुत ही आसानी से घुल जाता है।
मैथमफेटामाइन हानिकारक फिर भी उपयोग?
यह ड्रग शरीर के लिए बेहद ही खतरनाक है परंतु फिर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। मेथमफेटामाइन एडिक्टेड इसे विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं। जो इसे सिगरेट की तरह जलाकर इस्तेमाल करते हैं। तो कुछ लोग पानी में मिलाकर कर लेते हैं। वहीं दूसरी और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ गोली की तरह निगते हैं तो कई इसे सूंघ कर नशा लेते हैं। साथ ही साथ में शराब में मिलाकर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है यह नाक के रास्ते खींचकर और इंजेक्ट कर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
मैथमफेटामाइन का शरीर पर होता है बेहद ही गहरा असर?
कोई भी ड्रग हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही खतरनाक होता है। मेथमफेटामाइन ड्रग सीधा हमारे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर करता है। यह शरीर के अंदर पहुंचकर ब्रेन में नेचुरल केमिकल डोपामाइन की मात्रा को अधिक कर देता है। डोपामाइन रिलीज होने पर व्यक्ति बेहद खुश महसूस करता है। डोपामाइन के रिलीज होने पर एनर्जी लेवल बढ़ जाता है और लोगों को अच्छा महसूस होने लगता है। इसकी वजह से इंसान भ्रम, मतिभ्रम गुस्सा और हिंसा के लिए उतारू हो ऐसी प्रवृत्ति करने लगता है। यह डोपामाइन केमिकल को बढ़ा देता है यह खुशी उत्सव देना की अनुभूति कराने वाला केमिकल है यही वजह है कि इस ड्रग को लेने से इंसान को अस्थाई तौर पर बेहद खुशी होती है।
मेथमफेटामाइन ड्रग लेने के बाद इंसान को थोड़ी देर ख़ुशी का एहसास होता है। उसका दिमाग बिल्कुल शांत हो जाता है। हालांकि इसकी ज्यादा मात्रा भी ली जाए तो गुस्सा होना, हाइपरएक्टिविटी, साइकोसिस शरीर का तापमान बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक आने का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि मेथमफेटामाइन की अधिक मात्रा में लेने से वजन कम हो जाना चिंता, याददाश्त कम होना, नींद संबंधी परेशानी हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक फास्ट मेथमफेटामाइन का सेवन करता है तो एचआईवी और हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस सी का खतरा हो सकता है।
चेतावनी:-
इस प्रकार की ड्रग्स लेना मानवीय शरीर को बेहद नुकसान पहुंचता है तथा उसका गहरा असर हमारी तंत्रिका पर पड़ता है ।किसी भी प्रकार का ड्रग लेना कानूनी तौर पर अपराध है तथा यह देश में प्रतिबंध भी है पर फिर भी इल्लीगल तरीके से ड्रग्स का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे से रक्षा कारोबार अभी तक फल फूल रहा है ऐसा क्यों होता है?