अविश्वास पत्र पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास पत्र पर एक बयान दिया है! लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार बहस हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को बोलेंगे। इससे पहले आज भाजपा की संसदीय दल की बैठक में मोदी ने बड़ी बात कह दी। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम ने कहा, ‘आखिरी गेंद पर छक्का लगाएंगे।’ प्रधानमंत्री ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भी बताई। उन्होंने आज सुबह कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ यानी I.N.D.I.A खुद अविश्वास से भरा हुआ है और अपने घटक दलों के विश्वास को परखने के लिए वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन को ‘घमंडिया’ करार दिया और दिल्ली सेवा विधेयक पर मतदान में ‘सेमीफाइनल’ जीत के लिए पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को बधाई दी। सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में मतदान को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल बताया था। मोदी ने लोकसभा में होने वाली चर्चा की ओर सदस्यों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वे 2024 के चुनावों से पहले आखिरी गेंद पर ‘छक्का’ लगाएं। लोकसभा में इसका असर भी दिखा। गौरव गोगोई के बाद जब भाजपा सांसद निशिकांत दूबे खड़े हुए तो उन्होंने राहुल और सोनिया गांधी पर जमकर हमला बोला। पीएम ने 2018 के अपने भाषण का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने विपक्ष से 2023 में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी।

दिल्ली सेवा विधेयक को सोमवार को संसद की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के बाद हुए मतदान में 131 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 101 ने खिलाफ मतदान किया। बैठक में मौजूद भाजपा के एक सांसद के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘विपक्ष अविश्वास से भरा हुआ है… और अपने सहयोगियों का विश्वास परखने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।’

आज लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। विपक्ष की ओर से इस चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने की। गोगोई ने मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके। लोकसभा में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का विफल होना तय समझा जा रहा है।

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके नेता सामाजिक न्याय की बात करते हैं लेकिन उन्होंने वंशवादी, तुष्टिकरण और भ्रष्ट राजनीति से इसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह समय भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का है।

मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान सांसदों को रेल मंत्रालय से संबंधित कार्यों के लिए जोर नहीं देना पड़ेगा क्योंकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रजेंटेशन दिया था, जिसमें संकेत दिया गया है कि जारी विकास परियोजनाओं में उनकी मांगों का ध्यान रखा जाएगा। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर चुन-चुन कर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कांग्रेस की तरफ से देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी को निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान तीन घटनाओं का जिक्र किया। इसमें 1962 के चीन युद्ध के साथ ही 1966 में एयरफोर्स के जरिये नगालैंड पर हमले की बात शामिल थी। पीएम मोदी ने राजीव गांधी के शासनकाल में नेवी के युद्धपोत के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने 1962 से लेकर 1984 के बीच 22 साल के दौरान की तीन घटनाओं का जिक्र कर कांग्रेसी दिग्गजों पर निशाना साधा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष और खासकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए। 132 मिनट लंबे अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर चुन-चुनकर हमले किए। उन्होंने कहा कि देश की जनता को कभी इस सरकार पर अविश्वास नहीं रहा। जनता तो बार-बार कांग्रेस में नो कॉन्फिडेंस का फैसला दे रही है। प्रधानमंत्री ने तमाम राज्यों में कांग्रेस की दुर्गति का हवाला देते हुए सदन में ‘कांग्रेस नो कॉन्फिडेंस’ का एक तरह से नारा तक लगवा दिया। उन्होंने तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा, यूपी, बिहार जैसे तमाम राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि देश के कई हिस्सों में कांग्रेस को जीत दर्ज करने में अनेक दशक लग गए हैं। इन राज्यों के लोग एक ही बात कहते हैं- कांग्रेस नो कॉन्फिडेंस।