NEET जैसी बड़ी एग्जाम पर क्या बोले प्रशासन के लोग?

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आज हम आपको बताएंगे कि NEET जैसी बड़ी परीक्षा पर प्रशासन के लोगों ने क्या कहा है! नीट पेपर लीक केस में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। अलग-अलग राज्यों में शिकायतों के मद्देनजर जांच को लेकर स्पेशल टीमें बनाई गई है। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि NEET-UG 2024 ‘पेपर लीक’ मामला लोकल स्तर पर हुआ है। इसमें कोई बड़ा गैंग शामिल नहीं है। पूरे देश के 4,500 केंद्रों पर परीक्षा में एक लाख छात्रों का चयन इसका प्रमाण है। सरकार ने यह भी कहा कि छात्रों और अभिभावकों की चिंताओं को दूर करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) में सुधार किया जाएगा, जो अनियमितताओं के आरोपों के बाद आवश्यक हो गया है। अगली NEET-UG परीक्षा से पहले यह सुधार किए जाएंगे। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि छात्रों में दहशत फैलाने वाले कोचिंग सेंटरों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस साल जनवरी में कोचिंग सेंटरों पर जारी की गई एक केंद्रीय सलाह का ठीक से पालन नहीं किया गया है और इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। NEET-UG में जिन 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उनमें से 52 फीसदी ने दोबारा परीक्षा दी। शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि सरकार छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है।

बिहार में NEET ‘पेपर लीक’ मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी जांच तेज करते हुए रविवार को पांच और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारियां झारखंड के देवघर में की गईं, जिससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 18 हो गई है। गिरफ्तार किए गए पांचों लोग नालंदा के रहने वाले हैं। इनके नाम बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह हैं। NTA ने गड़बड़ी का पता चलने के बाद बिहार के केंद्रों से 17 और छात्रों को बाहर किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संदर्भ के आधार पर सीबीआई ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है। करीब 24 लाख छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा दी है। मंत्रालय को कथित अनियमितताओं की जांच के लिए कई शहरों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग माननी पड़ी। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पांच मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं, धोखाधड़ी के कुछ मामले सामने आए हैं। एक समीक्षा के बाद परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए यह निर्णय लिया गया कि मामले को व्यापक जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाए। बता दें कि EOU की रिपोर्ट के अनुसार, जले हुए कागजातों से एक स्कूल का परीक्षा केंद्र कोड भी बरामद किया गया, जो झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल का था। यह स्कूल CBSE से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल है, जिसे NTA ने परीक्षा केंद्र बनाया था। EOU ने इस मामले की जांच के लिए फोरेंसिक लैब की मदद ली है। EOU की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इस मामले की जांच CBI को सौंपने का फैसला किया। ईओयू के अनुसार, जले हुए कागजातों में मिले 68 प्रश्न न केवल मूल प्रश्नपत्र से हूबहू मेल खाते हैं, बल्कि इन प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं। हालांकि जले हुए कागजात 5 मई को ही बरामद कर लिए गए थे, जब संदिग्ध अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, EOU को इन कागजातों का मिलान NEET-UG के प्रश्नपत्र से करने में देरी हुई क्योंकि NTA शुरुआत में राज्य सरकार के साथ जानकारी, खासकर प्रश्नपत्र, साझा करने से हिचकिचा रहा था। फिलहाल बिहार EOU यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पेपर लीक कब और कहां से हुआ था।

ओएसिस स्कूल के प्राचार्य एहसानुल हक का कहना है कि हो सकता है कि पैकेट के स्कूल पहुंचने से बहुत पहले पेपर लीक हो गया हो। बता दें कि हजारीबाग में चार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। एहसानुल हक परीक्षा आयोजित करने के लिए जिला समन्वयक थे। ‘बताया कि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि स्कूल के केंद्र अधीक्षक और NTA द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक ने 5 मई (परीक्षा के दिन) की सुबह दो बैंकों में से एक से पैकेट प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि पैकेट स्कूल पहुंचने के बाद निरीक्षक और छात्रों के सामने पेपर वाला पैकेट खोला गया। जब उनसे पूछा गया कि जले हुए स्क्रैप ओएसिस परीक्षा केंद्र का बताया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि अगर स्कूल की ओर से कोई गड़बड़ी होती तो स्कूल के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया जाता, लेकिन अब तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है, ना ही पूछताछ किया गया है।