Friday, October 18, 2024
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रुझान और एग्जिट पोल पर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त?

हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त ने रुझान और एग्जिट पोल पर तीखी टिप्पणी व्यक्त की है! चुनावों में मतदान खत्म होने से लेकर वोटों की गिनती वाले दिन तक एग्जिट पोल आने, फाइनल रिजल्ट आने से पहले रूझानों और परिणामों के ट्रेंड बताए जाने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। इस मामले में कड़ा ऐतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल्स से एक एक्सपेक्टेशन सेट करने से एक बहुत बड़ा डिस्टार्शन पैदा हो रहा है। मीडिया के लिए भी यह बड़ा आत्ममंथन का विषय है। जब काउंटिंग का समय शुरू होता है तो सुबह 8:05 और 8:10 बजे ही रिजल्ट आने शुरू हो जाते हैं, जस्ट नानसेंस। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पिछले कुछ चुनावों से दो-तीन चीजें एक साथ हो रही हैं। अगर हम इस पूरे कैनवास को एक साथ देंखे तो यह समझना सभी के लिए बेहद जरूरी है। जिसमें पहले एग्जिट पोल आते हैं, जिसके बारे में कुछ पता नहीं कि उसका सैंपल साइज क्या था, उसका सर्वे कहां हुआ और उसका रिजल्ट कैसे आया। ऐसे में अगर कोई एग्जिट पोल नतीजों से मैच नहीं हुआ तो मेरी क्या जिम्मेदारी है? उसमें चिंतन करने की जरूरत है। इसे भी विभिन्न बॉडीज को देखने की जरूरत है। अब इसी से जुड़ा दूसरा विषय है जो बेहद अहम है। जिस दिन पोलिंग हुई उसके बाद शाम 6 बजे के बाद एग्जिट पोल दिखाने से एक एक्सपेक्टेशन बननी शुरू हुई।

सबको लगने लगा कि यह होने वाला है यानी यह जीतता दिखाई दे रहा है और यह हारता। जबकि इसका कोई साइंटिफिक आधार नहीं है। अब काउंटिंग के दिन का समय शुरू होता है। जिसमें सुबह 8:05 बजे और 8:10 बजे से ही रिजल्ट आने शुरू हो जाते हैं। आयोग ने इसे नॉनसेंस करार दिया। क्योंकि मतगणना के दिन पहले सुबह 8 बजे से 8:30 बजे तक बैलेट पेपर काउंट होते हैं इसके बाद 8:30 बजे से ईवीएम में पड़ी वोटों की गिनती होती है।

आयोग ने कहा कि अब आप बताइए कि मेरी पहली काउंटिग ही सुबह 8:30 बजे से शुरू होती है तो फिर रिजल्ट कैसे। इस बार हमारे पास प्रमाण है जिसमें कुछ जगह लीड वाले मामले सामने लाए गए कि फलां कैंडिडेट को इतने की लीड तो दूसरे को इतने की लीड। आयोग ने हैरानी जताते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि शुरूआत में लीड वाले यह ट्रेंड एग्जिट पोल को जस्टिफाई करने के लिए किए जाते हों। जिसमें कि हमने तो ऐसा ही कहा था ट्रेंड भी यही हो रहा है और जब वास्तव में रिजल्ट सामने आते हैं तो वह मिसमैच होने लगते हैं। आयोग ने इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह गंभीर विषय है। इस पर चिंतन जरूरी है।

हरियाणा चुनाव के नतीजे आने पर जिस तरह से ईवीएम और बैटरी को लेकर छेड़छाड़ और हैक करने की बात सामने आई। इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इसमें कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने उनसे यह सवाल तक भी किया कि जब पेजर से उड़ा देते हैं तो फिर ईवीएम हैक क्यों नहीं हो सकती? जवाब में आयोग ने कहा कि पेजर कनेक्ट (किसी ना किसी सर्वर से) होता है, जबकि ईवीएम नहीं होती। उन्होंने कहा कि आयोग के पास ईवीएम को लेकर 20 शिकायतें आई हैं। वह सभी का जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि इस बार बैटरी का मसला सामने आया, अगली बार क्या नया आएगा पता नहीं, लेकिन हमें लगता है कि आएगा जरूर। बता दें कि राजीव कुमार ने कहा, ‘एग्जिट पोल को हम गवर्न नहीं करते। लेकिन आत्मचिंतन की जरूरत है जरूर है कि सर्वे का सैंपल साइज क्या था, सर्वे कहां हुआ, उसका रिजल्ट कैसे आया, अगर रिजल्ट मैच नहीं किया तो मेरा कोई उत्तरदायित्व है या नहीं? ये सब देखने की जरूरत है। एनबीएस जैसी कुछ संस्थाएं हैं जो एग्जिट पोल्स को गवर्न करती हैं। मेरे हिसाब से अब वक्त आ गया है कि ये संस्थाएं आत्मचिंतन करें।’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने संवाददाताओं से कहा कि जिस दिन पोलिंग खत्म हुई, उससे करीब-करीब तीसरे दिन मतगणना होती है। इधर, पोलिंग खत्म होने के दिन शाम छह बजे से बताया जाने लगता है कि ये होने वाला है। लोगों को भी लगता है कि यही होने वाला है। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार सार्वजनिक नहीं है। जब काउंटिंग का समय शुरू होता है तब सुबह 8 बजके 5 मिनट या 10 मिनट से रिजल्ट आने शुरू हो जाते हैं। यह बिल्कुल फालतू है। उन्होंने बताया, ‘मेरी (चुनाव आयोग की) पहली काउंटिंग 8.30 बजे शुरू होती है। हमारे पास प्रमाण है कि 8.15 या 8.30 बजे से आने लगा कि इतने की लीड, इतने की लीड। ऐसा तो नहीं है कि एग्जिट पोल्स को सही साबित करने के लिए वो ट्रेंड्स आ गए? पहले राउंड की काउंटिंग में अगर 20 मिनट भी लगा तो 8.50 बजे से पहले तो कोई ट्रेंड आ ही नहीं सकता। चुनाव आयोग 9.30 बजे पहला ट्रेंड वेबसाइट पर डालता है। फिर हर दो-दो घंटे में ट्रेंड चरण दर चरण की मतगणना के परिणाम डाले जाते हैं।’

राजीव कुमार ने कहा, ‘मानते हैं कि संवाददाता वहां मौजूद होते हैं जो पहले बता देते हैं। रिजल्ट को स्क्रीन में दिखाना पड़ता है, एजेंट के साइन लेने पड़ते हैं, ऑब्जर्वर से जस्टिफाई करवाना पड़ता है। इस तरह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आने में आधा घंटा लग सकता है। तो सवाल है कि 8.50 बजे से पहले पहला रुझान कैसे आ जाता है?’ उन्होंने कहा कि ये सब एग्जिट पोल्स से बनी उम्मीदों के कारण होता है। दबाव में फटाफट ट्रेंड्स दिखाए जाने लगते हैं, लेकिन असल परिणाम आने के बाद उम्मीदें टूटती हैं तो बखेड़ा खड़ा हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद और असलियत में अंतर और कुछ नहीं, सिर्फ फ्रस्ट्रेशन है।’ मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ये एक ऐसा विषय है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस मामले में चुनाव आयोग के हाथ बंधे हुए हैं, लेकिन उम्मीद है कि संबंधित संस्थाएं जरूर इस ओर ध्यान देंगी।

 

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