हाल ही में संसद में बजट के भेदभाव के आरोप पर वित्त मंत्री ने एक बयान दे दिया है! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार बजट 2024-25 पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी दलों पर आंकड़ों के जरिए जोरदार हमला बोला। इस बार का बजट पेश होने के बाद अधिकांश विपक्षी दलों ने सदन के भीतर और बाहर यह कहा कि केवल दो राज्यों का बजट है बाकी राज्यों का नाम भी नहीं लिया गया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष यह भ्रम फैला रहा है कि बजट में सिर्फ दो राज्यों का नाम लिया और बाकी राज्यों को कुछ नहीं मिला। वित्त मंत्री ने साल 2004 से लेकर 2014 तक के यूपीए के दस साल के बजट का एक आंकड़ा संसद में दिया। इन आंकड़ों के जरिए उन्होंने कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों को आईना दिखाया। उन्होंने कहा जो यह आरोप लगा रहे हैं उन्हें पता भी है कि उनके बजट में क्या होता था।वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के कारण कोविड महामारी के बाद भारत ने ऊंची वृद्धि हासिल की और आज हमारा देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।आंकड़ों के जरिए निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में 2004-05 में तत्कालीन वित्त मंत्री ने 17 राज्यों का नाम नहीं लिया। क्या उन सभी 17 राज्यों को पैसा नहीं मिला। अगले साल 2005-2006 के बजट में 18 राज्यों का नाम नहीं था। उसके अगले साल 2006-2007 में 13 राज्यों का नाम नहीं गिनाया।
उसके बाद 2007-2008 में 16 राज्यों का नाम नहीं था भाषण में फिर उसके बाद अगले वित्त वर्ष में 2008-2009 में 13 राज्यों का नाम नहीं था। 2009-2010 में 26, 2010-2011 में 19,2012-2013 में 16 और 2013-2014 में 10 राज्यों का नाम बजट में शामिल नहीं था। क्या यूपीए कार्यकाल के पहले और यूपीए के दूसरे कार्यकाल में राज्यों का नाम नहीं था तो बजट नहीं मिला।
महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर बजट में इसके नाम की घोषणा नहीं की गई तो क्या महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर दिया गया। वधावन बंदरगाह को 76,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। टीएमसी पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि कल टीएमसी ने बजट पर सवाल उठाया कि पश्चिम बंगाल को कुछ नहीं दिया गया है।
पीएम मोदी द्वारा दी गई कई योजनाएं बंगाल में लागू भी नहीं की गई हैं और अब आपके पास मुझसे पूछने की हिम्मत है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के कारण कोविड महामारी के बाद भारत ने ऊंची वृद्धि हासिल की और आज हमारा देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।
सीतारमण ने कहा हमारी आर्थिक वृद्धि न केवल बेहतर है बल्कि हम राजकोषीय घाटे को कम करने के रास्ते पर भी हैं। 2023-24 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है और भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाले प्रमुख देश का दर्जा बरकरार रखा है। उन्होंने कहा हम राजकोषीय मजबूती के तहत 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य की दिशा में बढ़ रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में इसके 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बता दें कि यह आरोप लगा रहे हैं उन्हें पता भी है कि उनके बजट में क्या होता था।आंकड़ों के जरिए निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में 2004-05 में तत्कालीन वित्त मंत्री ने 17 राज्यों का नाम नहीं लिया। क्या उन सभी 17 राज्यों को पैसा नहीं मिला। अगले साल 2005-2006 के बजट में 18 राज्यों का नाम नहीं था। उसके अगले साल 2006-2007 में 13 राज्यों का नाम नहीं गिनाया। बता दें कि महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर बजट में इसके नाम की घोषणा नहीं की गई तो क्या महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर दिया गया। वधावन बंदरगाह को 76,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। टीएमसी पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि कल टीएमसी ने बजट पर सवाल उठाया कि पश्चिम बंगाल को कुछ नहीं दिया गया है। इसका श्रेय बेहतर अर्थव्यवस्था प्रबंधन को जाता है। वित्त मंत्री ने विपक्षी दलों के सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन कम करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट दस्तावेज इसके उलट बयां करता है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह पिछले वित्त वर्ष से ज्यादा है।