हाल ही में महाराष्ट्र चुनाव से पहले विदेश मंत्री ने एक बड़ा दाव खेल दिया है! विदेश मंत्री जयशंकर ने दीवाली से पहले मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में विकास कार्यों की रफ्तार का जिक्र किया। विदेश मंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित महाराष्ट्र की जरूरत है। जयशंकर ने कहा कि आजादी के बाद से इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में महाराष्ट्र का योगदान सबसे अधिक रहा है। विदेश मंत्री ने जर्मनी के चांसलर की भारत यात्रा और पीएम मोदी के सिंगापुर दौरे, जी-7 मीटिंग, अमेरिका दौरे का जिक्र किया। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा फोकस भारत में निवेश लाने पर है। जयशंकर ने डबल इंजन की सरकार का जिक्र कर महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी सरकार लाने की भी पैरवी भी कर दी। विदेश मंत्री ने अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग इंडस्ट्रियल पॉलिसी से जुड़े सवाल का जवाब दिया। महाराष्ट्र की दुनिया में छवि भी बनेगी। जयशंकर ने कहा कि विदेशी निवेशकों का महाराष्ट्र में बहुत रुचि होती है। ऐसे में महाराष्ट्र में ऐसी सरकार की जरूरत है जो केंद्र के साथ मिलकर नीतियों की समानता के साथ प्रोजेक्ट को जमीन पर उतार सके। उन्होंने कहा कि यदि कोई नीति बनती है तो उसे जमीन पर उतारने में राज्य सरकार की भूमिका काफी अहम होती है। विदेश मंत्री ने कई राज्यों में नीति अलग के साथ नीयत पर भी सवाल उठाए।
विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी निवेशक निवेश से पहले अपने मन में अपने हिसाब से फैसला लेता है। वह पहले राज्य सरकार की स्थिरता और प्रदर्शन को देखता है। ऐसे में अगर निवेश नहीं आता है तो वहां कि सरकार की भूमिका भी अहम होती है। ऐसे में यह कहना कि निवेश लाने में केंद्र सरकार का दोष है तो आपको अपने मेरिट के हिसाब से सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हर प्रोजेक्ट बीजेपी के शासन वाली सरकारों में नहीं आया। उन्होंने कहा कि जितना ही केंद्र और राज्य सरकार में तालमेल होगा, निवेशकों का भरोसा उतना ही मजबूत होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशकों के मन में क्वालिटी ऑफ गवर्नेंस होता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारा मानना है कि रोजगार केवल देश तक सीमित नहीं है। हम आज एक वैश्विक कार्यक्षेत्र देख रहे हैं। उन्होंने कहा, चाहे वह यूरोप हो, अमेरिका हो या मलेशिया – हमने समझौतों के साथ ऐसी स्थितियां बनाई हैं कि हमारे लोग रोजगार के लिए वहां जा सकते हैं। जयशंकर ने कहा कि जब पीएम मोदी अमेरिका गए, तो उन्होंने निवेश आकर्षित करने के लिए बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की। फिर चाहे वह सीमा सुरक्षा हो, आतंकवाद का मुकाबला हो या हमारे पड़ोस में अस्थिरता हो – हम इसे अच्छी तरह से संभाल रहे हैं।
जयशंकर ने सुरक्षा के मुद्दे पर बात करते हुए पड़ोसी देशों में अस्थिरता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों में होने वाली घटनाओं को सही तरीके से मैनेज करने में सफल हुआ है। जयशंकर ने मौजूदा समय में दुनिया में चल रहे तनाव और युद्ध की बात की। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के क्षेत्रों में तनाव है। पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में पहल की। पीएम मोदी रूस गए। वहां, उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह हमारे प्रयासों की एक सम्रग तस्वीर है।
पिछले दशक में सीमा पर स्थिति बदली है। फेंसिंग में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में पहले की तरह होने वाली घुसपैठियों की संख्या में कमी आई है। कुछ महीने पहले बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता रही। इस दौरान सीमा पर कुछ अस्थिरता रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मन में कोई दुविधा नहीं हैं। बता दें कि जयशंकर ने कहा कि विदेशी निवेशकों का महाराष्ट्र में बहुत रुचि होती है। ऐसे में महाराष्ट्र में ऐसी सरकार की जरूरत है जो केंद्र के साथ मिलकर नीतियों की समानता के साथ प्रोजेक्ट को जमीन पर उतार सके। उन्होंने कहा कि यदि कोई नीति बनती है तो उसे जमीन पर उतारने में राज्य सरकार की भूमिका काफी अहम होती है। विदेश मंत्री ने कई राज्यों में नीति अलग के साथ नीयत पर भी सवाल उठाए। जयशंकर ने कहा कि जहां-जहां सीमा पर सुरक्षा की जरूरत है, उसे मजबूत कर रहे हैं। म्यांमार के बॉर्डर की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। अब पहले की नीति बदल चुकी है।