Thursday, September 19, 2024
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पेयजल समस्या पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पेयजल समस्या पर अपना बयान दे दिया है! सुप्रीम कोर्ट ने पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया पर नकेल नहीं कसे जाने को लेकर बुधवार को दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर माफिया पर नकेल नहीं कस पाती है तो हम दिल्ली पुलिस को लगाएंगे। शीर्ष अदालत ने पूछा कि हिमाचल से पानी आ रहा है तो ये दिल्ली में कहां जा रहा है। हिमाचल प्रदेश से दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर साफ-साफ जानकारी नहीं दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘तैयार रहिए, हम आपके अफसर को सीधे जेल भेजेंगे।’ कोर्ट ने संबंधित अफसर को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने कहा है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार से गुरुवार तक हलफनामा देकर बताने को कहा है कि उसने पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की वकेशन बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह हलफनामा दाखिल कर बताए कि उसने पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। बेंच ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर भी नाराजगी जताई, जिसने एक पत्र में कहा था कि राज्य सरकार दिल्ली को जो 132 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ना चाहती थी, वह ‘पहले से ही निर्बाध रूप से बह रहा है।’अदालत ने आश्चर्य जताया कि फिर राज्यों द्वारा पहले यह दावा करने का क्या मतलब था कि बैराजों पर अतिरिक्त पानी को मापा जा सकता है, ताकि पता चल सके कि कितना अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है।

जस्टिस मिश्रा ने पूछा, ‘हिमाचल ने इस कोर्ट के सामने पेश किया कि हमारे पास अतिरिक्त पानी है। और अब पत्र में कहा गया है कि हमारे पास जो पानी है, वह पहले ही छोड़ा जा चुका है, इसका मतलब है कि उनके पास कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। आपकी (दिल्ली सरकार) याचिका का पूरा आधार यह है कि हिमाचल के पास अतिरिक्त पानी है, 137 क्यूसेक। फिर यदि आप इसे पहले ही छोड़ रहे हैं, तो हमारे आदेश के अनुसार 5 जून को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) की बैठक में इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? बोर्ड को इसकी जानकारी कभी नहीं दी गई… इसके उलट, दूसरे दिन जब दस्तावेज़ पेश किया गया, तो आपके अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि यह दस्तावेज भी बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है… न्यायालय में झूठे बयान क्यों दिए जा रहे हैं?’ उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छी तरह याद है कि उस दिन (पिछली सुनवाई) मेरे मन में कुछ संदेह था और मैंने संबंधित अधिकारी का नाम दर्ज किया, जिसने अतिरिक्त महाधिवक्ता (हिमाचल के लिए) को सूचना (अतिरिक्त पानी की उपलब्धता पर) सौंपी थी।’ जस्टिस मिश्रा ने अधिकारी को गुरुवार को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश देते हुए कहा, ‘तैयार रहो। हम आपके अधिकारी को सीधे जेल भेज देंगे।’ उन्होंने दिल्ली सरकार से पूछा, ‘पानी हिमाचल से आ रहा है…यह दिल्ली में कहां जा रहा है?’

बेंच ने कहा कि अगर उसी पानी को टैंकर के जरिए पहुंचाया जा सकता है तो उसे पाइपलाइन के जरिए क्यों नहीं मुहैया कराया जा सकता है। अगर बिजली चोरी रोकने के लिए कड़े कानून हो सकते हैं तो पानी की बर्बादी रोकने के लिए कानून क्यों नहीं हो सकते। बेंच ने कहा, ‘यदि हिमाचल प्रदेश से पानी आ रहा है तो दिल्ली में कहां जा रहा है? यहां इतनी चोरी हो रही है, टैंकर माफिया काम कर रहे हैं। क्या आपने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है? यदि आप कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हम इस मामले को दिल्ली पुलिस को सौंप देंगे। लोग परेशान हैं। टैंकर से वही पानी आ रहा है लेकिन पाइपलाइन में पानी नहीं है।’कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, ‘हर चैनल पर तस्वीरें देख रहे हैं कि दिल्ली में टैंकर माफिया काम कर रहा है। आपने इस संबंध में क्या उपाय किए हैं? हलफनामे से पता चलता है कि ये मामले 2018, 2019 और 2021 में भी सामने आए हैं। हर बार यह अदालत कहती है कि हम ऐसा नहीं कर सकते, यह काम यमुना जल बोर्ड (ऊपरी यमुना नदी बोर्ड-यूवाईआरबी) द्वारा किया जाना चाहिए।’

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील शादान फरासत ने अदालत की चिंता को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए कार्रवाई की गई है, जिसमें उन स्थानों पर आपूर्ति बंद करना भी शामिल है जहां इसकी तत्काल जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी के टैंकर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जहां तक पुलिस का सवाल है, हमें खुशी होगी कि पुलिस इस मामले (जल माफिया पर लगाम लगाने के लिए) में कार्रवाई करे।’ फरासत ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) भी ‘टैंकरों का उपयोग कर रहा है’ और ‘जो दृश्य आ रहे हैं, उनमें से अधिकांश डीजेबी के टैंकरों के हैं, जो लोगों को आपूर्ति कर रहे हैं और निम्न आर्थिक परिवारों के विभिन्न स्थानों पर आपूर्ति कर रहे हैं।’

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा है जिसमें पानी की बर्बादी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी जाए। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें हरियाणा को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को दिए गए अतिरिक्त पानी को छोड़ दे, ताकि जल संकट को दूर किया जा सके।

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