विकिलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे ने राजनीति के विषय पर क्या कहा?

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हाल ही में विकिलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे ने राजनीति के विषय पर एक बयान दिया है! दुनिया भर की काली करतूतों को उजागर करने वाले विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे मंगलवार को लंदन की जेल से रिहा कर दिए गए। इराक और अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध अपराधों के आरोप लगाने वाले असांजे पर जासूसी के आरोप थे। बताया जा रहा है कि 52 साल के असांजे के आगे झुकते हुए अमेरिका ने उनसे एक डील की है, जिसके बाद उनकी रिहाई संभव हो पाई। इस समझौते में उन्होंने अमेरिका की जासूसी की बात मान ली है। आरोपों को मानने के बाद असांजे को 62 महीने यानी 5 साल 2 महीने की जेल की सजा सुनाई जाएगी। हालांकि, असांजे ने ब्रिटेन की जेल में करीब पांच साल यानी 1901 दिन बिताए हैं तो इससे उनकी सजा पूरी मानी जा सकती है। इसके बाद वह अपने मूल देश ऑस्ट्रेलिया लौट सकते हैं। असांजे क्या फिर अमेरिका जैसे देशों की पोल खोलेंगे? असांजे की वेबसाइट विकिलीक्स ने 2011 में यूपी की पूर्व सीएम मायावती को तानाशाह और भ्रष्ट करार दिया था। 23 अक्टूबर, 2008 के एक केबल में कहा गया था कि मायावती को जब भी जरूरत होती, वह अपनी पसंद की सैंडल मंगवाने के लिए अपने एक निजी विमान को खाली मुंबई भेजा करती थीं। खुलासे में यह भी कहा गया था कि मायावती प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं।

मायावती को हमेशा अपनी जान का खतरा सताता रहता है। केबल के मुताबिक, मायावती को यह डर लगता था कि कोई उनके खाने में जहर मिला देगा। इसीलिए उन्होंने फूड टेस्टर्स की नियुक्ति की थी। उनके खाना खाने से पहले कोई कर्मचारी उसे चखता है। मायावती के किचन में खाना बनाने वाले रसोइयों की निगरानी भी की जाती है। मायावती ने अपने आवास से सीएम दफ्तर तक जाने के लिए प्राइवेट रोड बनवाया था। दफ्तर जाने से पहले वह सड़क धुलवाया करती हैं। विकिलीक्स ने यह भी खुलासा किया था कि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने 1976 में परमाणु डील से जुड़ी अहम जानकारी अमेरिका को दे दी थी। ऐसी रिपोर्टों के बाद भारत में बहुत बवाल मचा था।

असांजे पर 2010-11 में अमेरिका के ऐसे खुफिया सैन्य दस्तावेज लीक करने के आरोप हैं, जिसमें उसे और नाटो को इराक और अफगानिस्तान में युद्ध अपराधों का दोषी बताया गया था। उस वक्त अमेरिका ने असांजे को अपना दुश्मन मानते हुएउन्हें मोस्ट वॉन्टेड अपराधी बताया था। 2019 में असांजे को अमेरिका की फेडरल ग्रैंड ज्यूरी ने 18 मामलों में दोषी ठहराया था। इन मामलों में उन्हें 175 साल की सजा हो सकती थी। अब चूंकि असांजे ने जासूसी की बात मान ली है तो उन्हें करीब 5 साल की ही सजा होगी। 2020 में अमेरिकी सीनेट की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि रूस ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत में मदद की थी। इसके लिए असांजे की विकिलीक्स का इस्तेमाल किया था। हालांकि, ट्रंप ने इस रिपोर्ट को हमेशा झूठा करार दिया है। वहीं रूस ने भी अमेरिकी चुनाव में दखल से इनकार किया था। विकिलीक्स ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के अभियान अध्यक्ष के हजारों ईमेल प्रकाशित कर दिए थे।

असांजे 1971 में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैड में टाउंसविले में पैदा हुए थे। 90 के दशक में उन्हें कंप्यूटर इतना रास आया कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के जाने-माने हैकरों में से एक माना गया था। उन्होंने 2006 में विकिलीक्स की स्थापना की। उन्होंने अमेरिका के एक पूर्व सैनिक चेल्सिया मैनिंग की मदद से इराक युद्ध में अमेरिका की शर्मनाक करतूतों को उजागर किया था। इनमें से एक 2007 का वीडियो भी था, जिसमें अमेरिकी फौजों के अपाचे हेलीकॉप्टर ने इराक की राजधानी बगदाद में हमला कर दिया था। हमले में प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी के दो पत्रकारों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी।

अमेरिका के जो बाइडन सरकार से हुई असांजे की डील के कई मायने हैं। अब असांजे को एस्पियॉन्ज एक्ट के तहत पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित उत्तरी मैरियाना द्वीप में अमेरिका की संघीय अदालत के समक्ष पेश होना होगा। इस कोर्ट के समक्ष ही असांजे अमेरिका की जासूसी करने का जुर्म कबूलेंगे। असांजे के प्रत्यर्पण का मुकदमा वापस ले लिया जाएगा और उनके खिलाफ और कोई आरोप तय नहीं होंगे। दरअसल, उत्तरी मैरियाना द्वीप की राजधानी सैपियन में यह सुनवाई इसलिए हो रही है, क्योंकि उन्होंने अमेरिका जाने से इनकार कर दिया था। यह जगह अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में जरूर आता है, मगर यहां से ऑस्ट्रेलिया करीब है, जो असांजे का देश है। इस केस में असांजे को 5 साल की सजा होगी। चूंकि, वह पहले ही 5 साल की जेल काट चुके हैं, ऐसे में वह कानूनी रूप से बरी हो जाएंगे और अपने देश लौट सकेंगे।