आज हम आपको बताएंगे कि सदन में चुने गए सांसदों को क्या-क्या सुविधा मिलती है! हाल ही में लोकसभा के सभी सांसदों का चयन हो चुका है, उनकी शपथ भी ग्रहण करवाई जा चुकी है! इसी बीच यह सवाल उठने लगा कि आखिर नए चुने हुए सांसदों को कौन-कौन सी सुविधाएं और भत्ते दिए जाते हैं? तो आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने वाले हैं!
आपको बता दें कि 18वीं लोकसभा के लोकसभा सत्र का आगाज हो चुका है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्रियों समेत कई नेताओं ने संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने उन्हें 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई। सदन के नेता होने के नाते लोकसभा में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ दिलाई गई। पीएम मोदी के बाद कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश का नाम पुकारा गया लेकिन वह सदन में मौजूद नहीं थे। इसके बाद अन्य कई सांसदों ने शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद सांसद लोकसभा के आधिकारिक सदस्य बन गए हैं। इसी के साथ जनप्रतिनिधियों तो आज से सांसद की सरकारी सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएंगी। अब ये नेता आम से खास लोगों में गिने जाएंगे। देश में सांसदों को सरकार की तरफ से क्या सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं? आइए बताते हैं। शपथ लेने के साथ ही सांसदों को राजधानी दिल्ली में सरकारी बंगला अलॉट होने का काम भी शुरू हो जाता है। आमतौर पर पुराने सांसदों जो दोबारा या तीसरी बार सदन में आए हैं, उनके आवास नहीं बदलते। इसके साथ ही रिटायर होने के बाद सांसदों को पेंशन भी दी जाती है।बाकी सभी नए सांसदों को नई दिल्ली एरिया में एक सरकारी आवास दिया जाता है। इस बंगले में सभी सुविधाएं जैसे कुक, सिक्योरिटी भी मिलती हैं। सांसदों के आवास में उनका ऑफिस भी होता है, जहां वे अपने सरकारी कामों का निपटारा करते हैं। अपने सरकारी बंगले में सांसद परिवार के साथ रह सकते हैं।
सांसदों की शपथ के साथ ही उनका कार्यकाल शुरू हो जाता है और हर महीने वेतन मिलता है। जानकारी के अनुसार सांसदों को एक लाख रुपये महीना वेतन मिलता है। इसके अलावा आवास पर मीटिंग के लिए 2000 रुपये दिन के हिसाब से अतिरिक्त अलाउंस के रूप में मिलते हैं। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सांसदों को 20 हजार रुपये भत्ता, 4000 रुपये लेखन सामग्री के लिए, 2000 रुपये पत्रों के लिए। कुल मिलाकर सांसद को सैलरी में 1 लाख रुपये, निर्वाचन क्षेत्र के लिए करीब 70 हजार भत्ता, कार्यालय खर्च के लिए करीब 60 हजार रुपये और दैनिक भत्ता मिलता है। इसके साथ ही रिटायर होने के बाद सांसदों को पेंशन भी दी जाती है।
सांसदों को देश भर में हवाई, रेल और सड़क यात्रा के लिए मुफ्त यात्रा पास दिए जाते हैं। यह पास उन्हें सरकारी और निजी कामों के लिए यात्रा में सहायता करते हैं। इसके अलावा सांसदों को सड़क यात्रा के दौरान टोल प्लाजा पर टोल फ्री यात्रा की सुविधा दी जाती है। टोल में छूट के लिए हर सांसद को दो फास्टैग दिए जाते हैं। दिल्ली में सरकारी कामकाज के लिए सांसदों को वाहन सुविधा दी जाती है। यह सुविधा उन्हें स्थानीय यात्रा में सहायता करती । सांसदों को मुफ्त टेलीफोन और इंटरनेट की सुविधा दी जाती है। यह सुविधा उन्हें अपने क्षेत्र और देश भर में संचार बनाए रखने में मदद करती है।
सांसदों और उनके परिवार के सदस्यों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। यह सुविधा एम्स और सफदरजंग अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पतालों में भी उपलब्ध है। अगर सांसद को किसी प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया जाता है, तो भी इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करती है। यही नहीं आपको बता दें कि एक सांसद को एक पास भी दिया जाता है, जिसकी मदद से वह किसी भी समय रेलवे से मुफ्त में यात्रा कर सकता है. ये पास किसी भी ट्रेन की फर्स्ट क्लास एसी या एग्जिक्यूटिव क्लास में मान्य होता है. वहीं सरकारी काम के सिलसिले में विदेश यात्रा करने पर भी सांसद को सरकारी भत्ता दिया जाता है. इसके अलावा हर सांसद को मेडिकल फैसिलटी भी मिलती है. सांसद किसी भी सरकारी या रेफर कराने के बाद किसी प्राइवेट अस्पताल में अगर इलाज, ऑपरेशन कराता है, तो उस इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करती है. इसके अलावा सांसद को सरकारी खर्च पर सुरक्षाकर्मी और केयर-टेकर भी मिलते हैं.