योगासन हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है, क्योंकि इसके माध्यम से हम कई बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं!योग न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, साथ ही इसके नियमित अभ्यास की आदत आपको कई प्रकार के शारीरिक लाभ भी दे सकती है। शोध इस बात को प्रमाणित करते हैं कि नियमित योग का अभ्यास करने वालों में कई तरह की गंभीर बीमारियों का जोखिम, योग-व्यायाम न करने वालों की तुलना में काफी कम होता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर यहां तक कि कई प्रकार के कैंसर के विकास को रोकने में भी नियमित योगसनों के लाभ के बारे में पता चलता है। शरीर को ठीक से काम करते रहने के लिए एकाग्रता और शारीरिक समन्वय के साथ लचीलेपन की जरूरत होती है, विशेषज्ञ बताते हैं नटराजासन योग इसमें आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकता है।
नटराजासन को ‘लार्ड आफ डांस पोज’ के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, नटराज भगवान शिव को दिया गया एक नाम है। यह आसन उनकी नृ्त्य मुद्राओं में से एक है। योग शास्त्र में इसके अभ्यास के कई प्रकार से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ का जिक्र मिलता है। इस योग का अभ्यास कठिन माना जाता है, जिसके लिए विशेष परिपक्वता की आवश्यकता होती है।
नटराजसन योग का अभ्यास अपेक्षाकृत कठिन होता है, ऐसे में किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही इसका अभ्यास करें। इस योग को करने के लिए सबसे पहले एक पैर को पीछे की तरफ मोड़ें और हाथ से पैर को टखने से पकड़ें। पैर को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। अपने बाएं हाथ को सामने सीधा फैलाएं। अभ्यास के समय गहरी सांस लेते रहें और शरीर का संतुलन बनाने की कोशिश करें। कुछ समय तक इसी स्थति में रहें और भी पूर्ववत अवस्था में आकर दूसरे हाथ-पैर से इसका अभ्यास करें।
नटराजासन योग हमारे शरीर और मन को कई प्रकार से लाभान्वित कर सकता है। शरीर की स्ट्रेचिंग से लेकर मस्तिष्क की शांति तक के लिए इसके लाभ का जिक्र मिलता है।
नटराजासन योग शारीरिक समन्वय और संतुलन को बेहतर करता है। यह आपके कंधे, पीठ, हाथ और पैरों को मजबूत बनाता है।
लॉर्ड ऑफ डांस पोज मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में भी मदद करता है।
यह मुद्रा पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद योगाभ्यास है।
हाथ, जांघ, पैर, कमर और पेट सहित पूरे शरीर को स्ट्रेच करने के लिए यह मुद्रा बहुत अच्छी मानी जाती है।
नटराजासन को सही तरीके से करने से यह शरीर के दर्द और मांसपेशियों की समस्याओं से राहत दिला सकती है।
यह आसन मन को शांत करने, तनाव को कम करने और एकाग्रता में सुधार करने में लाभकारी है।
इस आसन के नियमित अभ्यास से आपका शरीर लचीला बनता है।
शोध बताते हैं, कुछ स्थितियों में इस योग के अभ्यास को नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को हृदय रोग या अनियमित रक्तचाप की समस्या, पीठ दर्द या रीढ़ में दर्द की दिक्कत रहती है, ऐसे लोगों को इस योग को नहीं करना चाहिए, इससे समस्या बढ़ सकती है। नटराजासन योग के लिए शारीरिक समन्वय और एकाग्रता का ठीक रहना बहुत जरूरी है, इसलिए पहले किसी विशेषज्ञ से इस बारे में अच्छी तरह से समझ लें, फिर इसका अभ्यास करें।
नटराज आसन को संस्कृत शब्द से बनाया गया है। नट का अर्थ नाचना, राज का अर्थ राजा व आसन का अर्थ मुद्रा होता है। नटराज मुद्रा भगवान के नृत्य मुद्रा है। यह आसन करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है और स्पाइन को मजबूत करता है। इसके अलावा पैरो को लचीला बनाता है। मन को शांति मिलती है और आसन करने से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
यादाश्त बढ़ाने में मदद करें – योगा आसन मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के साथ याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। बहुत लोगो में दिमाग में कमजोरी होती है ऐसे में दिमाग को मजबूत करने के लिए योगा करना चाहिए।
घुटने को आराम दे – नटराज आसन करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है और घुटनो में मजबूती आती है और घुटनो को राहत मिलता है। यदि आपका घुटना कमजोर है तो यह आसन अपने योगा में शामिल करें।
संतुलन बनाए रखें – शरीर को बीमारियों से बचने के लिए योग करना उचित होता है। इसके अलावा शरीर को संतुलित बनाने के लिए नटराज आसन करना चाहिए।
तनाव कम करने में फायदेमंद – तनाव की समस्या दूर करने के लिए नटराज आसन बहुत फायदेमंद होता है। यह तनाव के साथ दिमाग शांत करने में प्रभावी होता है। हालांकि आसन को करने से पहले अभ्यास की जरूरत होती है। तनाव कम होने से व्यक्ति अपना कार्य बड़ी सरलता से करता है।
मोटापा कम करने में – मोटापा शरीर के लिए नुकसान दायक होता है क्योंकि यह बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है। ऐसे में मोटापा कम करने के लिए व्यायाम के साथ योगा करना आवश्यक होता है। अपने योगा में नटराज आसन जरूर शामिल करें।
वजन कम करने में – नटराज आसन भगवन शिव नटराज मुद्राएं है जिसका उपयोग करने से शरीर का वजन कम किया जा सकता है। यह आसन शरीर को लचीला बनाता है और शरीर के अतिरिक्त वसा को कम करता है। जिनका वजन अधिक है उनको नटराज आसन करना चाहिए।