आज हम आपको संसद के आगामी सत्र के लिए ज्वलंत मुद्दे के बारे में बताने जा रहे हैं! कांग्रेस ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा -स्नातक’ (नीट-यूजी), 2024 में कथित धांधली को लेकर केंद्र सरकार पर युवाओं का भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि 24 जून से आरंभ हो रहे संसद के सत्र के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा। मुख्य विपक्षी ने यह कहा कि कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच चाहती है, लेकिन अगर सरकार इसके लिए तैयार नहीं है तो फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए। कांग्रेस इस मामले में लगातार यह मांग कर रही है। कांग्रेस ने यह मांग भी की है कि एनटी के महानिदेशक को उनके पद से हटाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि इस सरकार में ‘पैसे दो, पेपर लो’ का खेल खेला जा रहा है। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ” नीट परीक्षा में केवल कृपांक की समस्या नहीं थी। धांधली हुई है, पेपर लीक हुए हैं, भ्रष्टाचार हुआ है। नीट परीक्षा में बैठे 24 लाख़ छात्र-छात्राओं का भविष्य मोदी सरकार के कारनामों से दांव पर लग गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एनटीए के कंधों पर अपनी कारगुज़ारियों का दारोमदार रखकर, अपनी जवाबदेही से पीछा नहीं छुड़ा सकती। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”पूरे नीट घोटाले में कांग्रेस पार्टी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक निष्पक्ष जांच की मांग करती है। जांच के बाद दोषियों को कड़ी-से कड़ी सज़ा दी जाए और लाखों छात्र-छात्राओं को मुआवज़ा देकर उनका साल बर्बाद होने से बचाया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्ष में मोदी सरकार ने पेपर लीक और धांधली से करोड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि पहले सैकड़ों छात्रों को कृपांक क्यों दिए गए? उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि ”एक तिहाई प्रधानमंत्री” की सरकार नीट से जुड़े विवाद और इसमें स्पष्ट रूप से हुए घोटाले से बचने की पूरी कोशिश कर रही है। रमेश का कहना था, ”सरकार ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया है कि 1563 छात्रों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए जाएंगे। लेकिन सवाल उठता है कि पहले कृपांक दिए ही क्यों गए? कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”यह प्रतीत होता है कि पेपर में भौतिकी का एक प्रश्न था जिसमें चार विकल्प दिए गए थे। एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की नयी पाठ्यपुस्तक के अनुसार, चार में से एक विकल्प सही था। लेकिन पुरानी पाठ्यपुस्तक के आधार पर दूसरे विकल्प को भी सही माना जा सकता है। जिन छात्रों ने बाद वाले पर टिक लगाया और उनके अलावा जिन छात्रों का पेपर वितरण में देरी आदि के कारण समय बर्बाद हुआ, उन्हें कृपांक दिए गए।
उन्होंने दावा किया कि ऐसा होना एक बेहद घटिया स्थिति को दर्शाता है तथा यहां एनटीए और एनसीईआरटी दोनों की भूमिका चिंताजनक है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस मामले पर चर्चा से भाग रहे हैं। गोगोई ने कहा, ”जिस एनटीए के नेतृत्व में यह पूरा घोटाला हुआ, आप उसी एजेंसी से मामले में जांच करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है?” उन्होंने कहा, ”परीक्षा केंद्र और कोचिंग सेंटर का एक गठजोड़ बन चुका है, जिसने आज हमारे मध्यम-गरीब वर्ग को हिला कर रख दिया है। ‘पैसे दो-पेपर लो’ जैसी सांठगांठ की जांच एनटीए कैसे कर पायेगा ? इसमें एनटीए का कोई न कोई अधिकारी शामिल है। ऐसे में एनटीए निष्पक्ष जांच कैसे करेगा?’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच चाहती है। यदि सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं है तो हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करते हैं…एनटीए के प्रमुख को हटाया जाए। गोगोई ने दावा किया, ”हमने अलग-अलग रिकॉर्डिंग सुनी है कि कैसे लाखों रुपये मांगे जा रहे हैं। एक ही सेंटर में बच्चों को एक जैसे नंबर मिल रहे हैं। इस मामले पर सरकार का रवैया कमजोर रहा है और वह इस मुद्दे से भाग रही है।जिन छात्रों ने बाद वाले पर टिक लगाया और उनके अलावा जिन छात्रों का पेपर वितरण में देरी आदि के कारण समय बर्बाद हुआ, उन्हें कृपांक दिए गए। लेकिन देश के मुद्दों को उठाना विपक्ष का कर्तव्य है और हम सदन के अंदर अपने 24 लाख छात्रों की आवाज जोर-शोर से उठाएंगे।”