Tuesday, February 18, 2025
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क्या था कांग्रेस सांसद डीके सुरेश का बयान जिसकी वज़ह से भिड़े नेता?

आज हम आपको बताएंगे कि कांग्रेस सांसद डीके सुरेश का वह कौन सा बयान था जिसकी वजह से राज्यसभा में नेता भिड़ गए! कांग्रेस सांसद डीके सुरेश की ओर से कथित तौर पर दक्षिणी राज्यों के लिए ‘अलग राष्ट्र’ की मांग का मुद्दा उठाया, जिस पर हंगामा बढ़ने लगा है। राज्यसभा में शुक्रवार को ये मुद्दा उठाया गया। सत्तापक्ष ने इस बयान को देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता पर हमला करार दिया। इस मामले पर कांग्रेस से स्पष्टीकरण और माफी की मांग कर दी। कांग्रेस ने साफ किया कि पार्टी देश की अखंडता के प्रति समर्पित है और इस तरह के किसी भी कमेंट को बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने शून्यकाल आरंभ होते ही इस मुद्दे को उठाया। जिस पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर कोई भी देश को तोड़ने की बात करेगा तो कांग्रेस पार्टी उसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद गोयल को बोलने का मौका दिया।

पीयूष गोयल ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस शासित राज्य के एक उपमुख्यमंत्री के भाई ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक कमेंट किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का वक्तव्य देने वाला कांग्रेस का सांसद भी है। इसका जवाब देते हुए खरगे ने कहा कि जिस सांसद के वक्तव्य की बात की जा रही है वह दूसरे सदन लोकसभा के सदस्य हैं, लिहाजा इसकी चर्चा उच्च सदन में नहीं की जा सकती। सभापति धनखड़ ने खरगे की इस बात को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी इस प्रकार की व्यवस्था दी है कि सदन में ऐसे मामलों पर चर्चा की जा सकती है।कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने गुरुवार को कथित तौर पर कहा कि अगर विभिन्न टैक्स से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को दूर नहीं किया गया तो ये सूबे एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

गोयल ने कहा कि यह कांग्रेस की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है। कांग्रेस पर समय-समय पर देश को बांटने का आरोप लगाते हुए गोयल ने कहा कि ताजा प्रकरण इसका यह एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जब हम सदन के सदस्य बनते हैं तब देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने की शपथ लेते हैं और संविधान के अनुपालन की शपथ लेते हैं। यह देश के संविधान का अपमान है। देश की एकता और अखंडता पर यह हमला है।’सदन के नेता ने कांग्रेस से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस विभाजनकारी सोच को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा। इसका जवाब देते हुए खरगे ने कहा कि जिस सांसद के वक्तव्य की बात की जा रही है वह दूसरे सदन लोकसभा के सदस्य हैं, लिहाजा इसकी चर्चा उच्च सदन में नहीं की जा सकती। सभापति धनखड़ ने खरगे की इस बात को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी इस प्रकार की व्यवस्था दी है कि सदन में ऐसे मामलों पर चर्चा की जा सकती है।

 इस पर खरगे ने कहा कि अगर सदस्य ने ऐसा कुछ कहा है तो उसका वीडियो लाकर उसे निचले सदन में सत्तापक्ष की ओर से ‘एक्सपोज’ किया जा सकता है। सभापति ने इस पर टोकते हुए कहा कि सभी ने संविधान के अंतर्गत शपथ ली है और सांसद ने जो बयान दिया है, वह उनके हिसाब से बहुत गंभीर, अप्रत्याशित और संविधान की भावना के खिलाफ है। सदन चाहे तो इस मामले को विशेषाधिकार हनन समिति को भेजे और उस पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई देश को तोड़ने की बात करेगा तो हम कभी सहन नहीं करेंगे। एक उपमुख्यमंत्री के भाई ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक कमेंट किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का वक्तव्य देने वाला कांग्रेस का सांसद भी है। कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने गुरुवार को कथित तौर पर कहा कि अगर विभिन्न टैक्स से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को दूर नहीं किया गया तो ये सूबे एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।चाहे वह मेरी पार्टी का हो या किसी और पार्टी का हो। इस देश की एकता के लिए… कोई कहे या नहीं कहे… मैं मल्लिकार्जुन खरगे कहूंगा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत एक है और एक रहेगा।’ डीके सुरेश, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई हैं।

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