Friday, October 18, 2024
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बंगाल में आए रेमल चक्रवात का कितना होगा असर ?

आज हम आपको बताएंगे कि बंगाल में आए रेमल चक्रवात का कितना असर होगा! चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ ने और प्रचंड रूप अख्तियार कर लिया है। इसके आज आधी रात तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के समुद्री तटों से टकराने का अनुमान है। मौसम विभाग ने इस संबंध में अलर्ट जारी करते हुए कहा कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचते ही 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। उनकी रफ्तार 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी। चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी बारिश और कोलकाता समेत आसपास के क्षेत्रों में जोरदार बारिश का अनुमान है। वहीं चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक की है। पीएम मोदी ने इस बैठक में अधिकारियों से चक्रवात ‘रेमल’ से निपटने को लेकर की जा रही तैयारियों और प्रयासों की समीक्षा की। मौसम विभाग के मुताबिक, ‘रेमल’ उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। ये रविवार आधी रात तक मोंगला बंदरगाह के दक्षिण-पश्चिम में सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और खेपुपारा (बांग्लादेश) के बीच तटों से टकराएगा।पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता ने कहा कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में आज 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इस साइक्लॉन से कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर प्रभावित होंगे।

सोमनाथ दत्ता ने कहा कि ‘रेमल’ बंगाल के कुछ हिस्सों में नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन इसके 2020 में आए चक्रवात ‘अम्फान’ के मुकाबले कम विनाशकारी रहने की संभावना है। चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं। उधर, कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव की वजह से रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन सस्पेंड करने का फैसला किया है। इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान निलंबन अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आने-जाने वाली कुल 394 फ्लाइट का एयरपोर्ट से संचालन नहीं होगा। भारतीय तट रक्षक बल आईसीजी के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं कि समुद्र में जान-माल का कोई नुकसान न हो।

रेमल’ मॉनसून से पहले बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है। मौसम विभाग ने इस बीच पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26 और 27 मई को बहुत भारी वर्षा होने का अल्रट जारी किया है। असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को बहुत भारी बारिश के आसार हैं। चक्रवात के पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठने की आशंका है। इससे निचले इलाकों में पानी भरने की भी संभावना जताई गई है। मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

रेमल’ चक्रवात के मद्देनजर कोलकाता पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। कोलकाता पुलिस की 10 टीम शहर के 10 पुलिस प्रभागों में तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ के दल भी उन जिलों में जा रहे हैं जिनके चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। उड़ान संचालन सस्पेंड करने का फैसला किया है। इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान निलंबन अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आने-जाने वाली कुल 394 फ्लाइट का एयरपोर्ट से संचालन नहीं होगा।चक्रवात से सुंदरबन मैंग्रोव वन के भी प्रभावित होने की आशंका है। सुंदरबन दुनिया के सबसे बड़े वनों में से एक है और अपने विविध जीव-जंतुओं के लिए जाना जाता है जिनमें पक्षियों की 260 प्रजातियां, बंगाल टाइगर और एस्टुरीन, खारे पानी के मगरमच्छ एवं भारतीय अजगर जैसी अन्य संकटग्रस्त प्रजातियां शामिल हैं।

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