देशभर में ऐसी कई वारदातें होती है जिसमें खूनी रिश्ते खून के प्यासे हो जाते हैं! मेरठ के हस्तिनापुर की रामलीला ग्राउंड कॉलोनी का एक घर, जहां बैंक मैनेजर संदीप अपने परिवार के साथ रहते हैं। संदीप के परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी शिखा और पांच साल का एक बेटा रिशांक हैं। शिखा आठ महीने की प्रेग्नेंट हैं। संदीप और शिखा बड़ी ही बेसब्री से अपने दूसरे बच्चे के आने का इंतज़ार कर रहे हैं। दोनों ने अपने परिवार की मर्जी से लव मैरीज की थी और फिर थोड़े समय बाद रिशांक उनकी ज़िंदगी में आया। लंबे समय से संदीप और उनका परिवार इस घर में खुशी-खुशी रह रहा था। कुल मिलाकर एक बेहद खुशहाल परिवार जिनकी चंद दिनों में खुशियां कई गुना और बढ़ने वाली थी लेकिन अब इस परिवार के साथ जो होने वाला है उसकी कल्पना से भी सिहरन होती है। इस परिवार को नहीं पता कि अब कैसे इनकी हंसती-खेलती दुनिया हमेशा के लिए बर्बाद होने वाली है।
दोपहर का वक्त है, बाहर हल्की-हल्की बारिश हो रही है। संदीप अपने बैंक के लिए निकल चुका है। घर में प्रेग्नेंट शिखा अपने बेटे रिशांक के साथ है। दोनों ड्राइंग रूम में बैठे हैं, तभी डोर बेल बजने की आवाज़ आती है। शिखा दरवाज़े की तरफ बढ़ती हैं। शिखा को नहीं पता बाहर कौन है और अब उसके साथ आगे क्या होने वाला है। शिखा दरवाज़ा खोलती हैं और देखती हैं कि सामने शिखा की ननद के पति हरीश अपने साथी रवि के साथ खड़ा हैं। हरीश नोएडा के सेक्टर 51 में रहते हैं। अपने रिश्तेदार को घर में देखकर शिखा खुश होती हैं और अंदर आने के लिए कहती हैं। अब तक संदीप के घर में जो हुआ वो एकदम नॉर्मल है। जैसे किसी भी परिवार में होता है। दोनों रिश्तेदार शिखा के घर में आकर बैठ जाते हैं। ऐसा कुछ नहीं लगता जो की असामान्य हो। घर में संदीप नहीं है, शिखा और छोटा बच्चा रिशांक इनके साथ बैठते हैं लेकिन अचानक जो होता है वो इतना दर्दनाक है कि जिसकी कल्पना से भी आप डर जाएंगे।
हरीश और उसके साथी के अंदर आते ही थोड़ी देर में उनका असली रूप सामने आता है। वो सबसे पहले तकिए से गला दबाकर शिखा यानी संदीप की पत्नी को मार डालते हैं। आठ महीने की प्रेगनेंट शिखा चीखती-चिल्लाती है लेकिन हरीश नाम के इस दरिंदे और इसके साथी रवि कोई रहम नहीं आता और ये दोनों शिखा को मौत की नींद सुला देते हैं। अपनी मां के कत्ल को देख रहा मासूम रिशांक घबराने लगता है। शिखा के कत्ल के बाद इनकी नज़र पांच साल के मासूम रिशांक पर जाती है और फिर ये बेरहम कातिल उस नन्हे बच्चे को भी नहीं छोड़ते। रिशांक की भी कपड़े से गला दबाकर हत्या कर दी जाती है। मेहमान बनकर घर में आए ये दोनों हैवान, थोड़ी देर बाद शिखा की ही स्कूटी लेकर घर से फरार हो जाते हैं।
थोड़ी देर बाद जब संदीप अपने बैंक से घर पहुंचते हैं। घर का हुलिया देखकर मानो पैर के नीचे की जमीन खिसक जाती है। संदीप का घर पूरी तरह से तितर-बितर है। हर तरफ सामान फैला हुआ है। घर की अलमारी से जेवरात और कैश गायब हैं। घर में बीवी और बच्चे का कोई पता नहीं। तभी संदीप बेड के पास जाते हैं और वहां का नजारा देखकर उनका होश उड़ जाता है। बेड के अंदर संदीप को अपनी पत्नी शिखा और बेटे रिशांक के शव दिखते हैं। संदीप जैसे बदहवाश से हो जाते हैं। थोड़ी देर बाद खुद को संभाल पाने की स्थिति में आते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचना देने की जरूरत समझते हैं। उनका खुशहाल परिवार खत्म हो चुका है। जो परिवार सुबह तक इतना खुश था, वो अब था ही नहीं। रह गए तो अकेले संदीप।
पुलिस एक जांच टीम गठित करती है। मामले के एक-एक पहलुओं पर ध्यान दिया जाता और फिर सीसीटीवी से सामने आता है शैतानों का सच। शिखा की स्कूटी में बैठे दोनों कातिल हस्तिनापुर से नोएडा तक आने के दौरान कई सीसीटीवी की निगाह में आए थे। उन कैमरों में कैद वीडियो फुटेज के आधार पुलिस हरीश को गिरफ्तार करती है। दूसरे कातिल रवि को जैसे ही हरीश की गिरफ्तारी की खबर मिलती है, वो सुसाइड कर लेता है। पुलिस तीन दिन में ही इस डबल मर्डर के केस को सुलझा लेती है। हरीश से पूछताछ में जो सच सामने आते हैं, वो सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। कैसे बहनोई को साले की खुशहाल जिंदगी से जलन होने लगती है और वह उसकी दुनिया उजाड़ने पर उतारू हो जाता है। हरीश पुलिस को सारी बातें बताता है कि आखिर क्यों उसने संदीप के परिवार को खत्म कर दिया।
हरीश सिर्फ संदीप के परिवार को नहीं बल्कि संदीप को भी मारना चाहता था। वो तो संदीप की किस्मत थी कि वो मौके पर मौजूद ही नहीं था। घर में पत्नी शिखा और बेटा रिशांक ही थे। हरीश ने बताया कि उसने संदीप की बहन से लव मैरीज की थी और संदीप शुरू से ही इस शादी के खिलाफ था। हरीश के मुताबिक, संदीप अक्सर उसकी बेइज्जती करता था और उसके ऊपर चोरी के आरोप भी लगाए गए थे। हरीश का कहना है कि वो संदीप से बेहद नफरत करता था। संदीप की तरक्की और खुशहाल ज़िंदगी से भी हरीश को जलन होती थी और इसलिए वो लंबे समय से संदीप और उसके परिवार को खत्म करने का प्लान बना रहा था। संदीप जिस बैंक में मैनेजर है, पहले वो वहीं एक क्लर्क हुआ करता था लेकिन अपनी मेहनत से वो जल्द ही मैनेजर बन गया। ये बात हरीश को हजम नहीं हो रही थी और इसलिए उसने ये मौत का ये खेल खेला।
पुलिस ने हरीश के पास से वो सारे सामान बरामद कर लिए हैं जो उसने संदीप के घर से चुराए थे। इस डबल मर्डर को लूटपाट की घटना बनाने के मकसद से हरीश घटना वाले दिन संदीप के घर से करीब डेढ़ लाख रुपये और कुछ जेवरात चुरा लिए थे। पुलिस ने शिखा की स्कूटी भी बरामद की है। इसके अलावा हरीश के पास से एक चाकू और एक तमंचा भी मिला है। पुलिस का कहना है कि हरीश क्रिमिनल बैकग्राउंड से ही है। उसके ऊपर पहले भी कई आरोप लगे हैं लेकिन कोई कैसे ये सोचे कि वो अपने ही रिश्तेदार के परिवार को इतनी बेरहमी से खत्म कर देगा और संदीप को पूरी ज़िंदगी न खत्म होने वाला दुख दे देगा। संदीप का रो- रोकर बुरा हाल है। शिखा के पिता भी अपनी बेटी और नाती को याद करके बेहद दुखी हैं। एक महीने पहले ही इस परिवार हंसी-खुशी नन्हें रिशांक का जन्मदिन मनाया था लेकिन अब इनके पास सिर्फ यादें ही बाकी हैं।