हाल ही में आशुतोष टंडन के स्थान पर दिनेश शर्मा लखनऊ के नए मेयर बन गए हैं! योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे आशुतोष टंडन गोपाल जी का निधन हो गया है। गोपाल जी ने लखनऊ के शहीद पथ स्थित मेदांता अस्पताल में गुरुवार को अंतिम सांस ली। एमपी के पूर्व राज्यपाल एवं लखनऊ के पूर्व सांसद लाल जी टंडन के बेटे लखनऊ पूर्व से विधायक आशुतोष टंडन बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे। गोपाल जी 2022 विधानसभा चुनाव में तीसरी बार विधायक बने थे। उनके निधन पर सीएम योगी, लखनऊ से सांसद एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा समेत कई दिग्गजों ने शोक जताया है। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में राज्यसभा सांसद एवं लखनऊ के पूर्व मेयर दिनेश शर्मा ने कहा कि यह खबर असहनीय है। सहज स्वभाव के व्यक्ति गोपाल जी लाल जी टंडन की लखनऊ की परंपरा और विरासत को आगे बढ़ा रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख प्रकट करते हुए लिखा कि यूपी सरकार के पूर्व मंत्री एवं लखनऊ पूर्व के विधायक आशुतोष टंडन ‘गोपालजी’ का निधन अत्यंत दुःखद है। एक जनप्रिय, कर्मठ, जुझारु राजनेता के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं लखनऊ पूर्व के विधायक आशुतोष टंडन उर्फ ‘गोपालजी’ के निधन से मुझे गहरा दुःख हुआ। उनका राजनीतिक जीवन लखनऊ के लोगों की सेवा में समर्पित था। पार्टी को मजबूती देने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लखनऊ और प्रदेश के विकास के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे। दुःख की इस घड़ी में उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शान्ति!
दिनेश शर्मा ने कहा कि यह खबर असहनीय है। उनके तबीयत खराब होने की जानकारी पहले से थी, लेकिन कुछ दिन पहले ही उनको घर लाया गया था। घर पर उन्होंने विशेष तौर पर मुझे बुलाया था। वो बेहद सरल और सभ्य तरीके से बात करते थे। कभी ऊंची आवाज में बात नहीं करते थे। उन्होंने बताया कि लखनऊ के पूर्व सांसद लाल जी टंडन की इतनी बड़ी विरासत थी। पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी जी का साया बनकर टंडन जी काम करते थे, लेकिन गोपाल जी बैकडोर से अटल जी क्या खाएंगे, कितने बजे सोएंगे और कितने बजे उठेंगे, उन्हें किस चीज की आवश्यकता है, इसको लेकर गोपाल जी बैकडोर से पुत्रवत काम करते थे, लेकिन गोपाल जी ने कभी इस काम के लिए अपने आपको प्रदर्शित नहीं किया। दिनेश शर्मा ने कहा कि गोपाल जी सहज भाव के वो व्यक्ति थे, जो टंडन जी की लखनऊ की परंपरा और विरासत को आगे बढ़ा रहे थे।
दिनेश शर्मा ने कहा कि आशुतोष टंडन गोपाल जी हमारे बहुत निकट थे। उनको पहली बार टिकट दिलवाने में मैं बहुत बड़ा पैरोकार था। उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए, इस बात का मैं उनसे आग्रह करता रहता था। उन्होंने बताया कि गोपाल जी हर बार नए तरीके से चुनाव लड़ते थे और उनका चुनाव में जीत का मार्जिन हर बार बढ़ जाता था। उन्होंने बताया कि इसी मेदांता अस्पताल में लाल जी टंडन का निधन हुआ और इसी मेदांता में गोपाल जी का भी अंतिम समय बीता है। दिनेश शर्मा ने बताया कि लाल जी टंडन ने अस्पताल जाते समय मुझे फोन करके कहा था कि “गोपाल जी उम्र में आपसे बड़े जरूर हैं, लेकिन आप दायित्व में हैं, इसलिए गोपाल जी के राजनीतिक कार्यकाल को संरक्षित करना है। टंडन जी एक बेटे को दूसरे बेटे की बागडोर सौंप कर गए थे।”
दिनेश शर्मा ने बताया कि फिर इस सम्बंध गोपाल जी से मिले तो उन्होंने साफ मना कर दिया। गोपाल बोले “डॉक्टर साहब क्या और कार्यकर्ता नहीं हैं, और कार्यकर्ता क्या कहेंगे कि एक हारे हुए व्यक्ति को आप फिर से लड़ा रहे हो।” दिनेश शर्मा ने गोपाल जी से कहा कि आप हारे नहीं हैं, आप जनता के दिलो दिमाग में हैं। आप जीतेंगे और आप अगर मुझे भाई मानते हैं तो मेरी बात को मानेंगे। इसी बात पर गोपाल जी मेरे कहने पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए थे। फिर हम सब लोग मिलकर चुनाव लड़े थे और बड़े भारी मार्जिन से लखनऊ पूर्वी सीट उपचुनाव में आशुतोष टंडन गोपाल जी की जीत हुई थी। लखनऊ उत्तर विधानसभा चुनाव गोपाल जी अपने आप से चुनाव लड़े थे, लेकिन लखनऊ पूर्वी उपचुनाव में हमारे कहने से चुनाव लड़े थे।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि आशुतोष टंडन गोपाल जी का और मेरा भाई जैसा ही संबंध था। हम लोग पूरक होकर काम करते थे। लखनऊ की राजनीति में गोपाल जी अपनी स्पष्टता के लिए जाने जाएंगे। आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने नगर विकास मंत्री के रूप में काम किया था उन्होंने दृढ़ इक्छा शक्ति और योग्य पुत्र के रूप में बहुत अच्छा काम किया था। आज भी लोग उनके पिछले कार्यकाल को याद करते हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग में भी गोपाल जी ने बहुत अच्छा काम किया था, इसलिए बस इतना ही कहना है कि व्यक्ति आता है और जल्दी चला जाता है, उसकी यादें ही रह जाती हैं। मेरी पूरी श्रद्धांजलि उनके प्रति हैं।
इसके साथ ही दिनेश शर्मा ने बताया कि लाल जी टंडन के बाद अब आशुतोष टंडन का जाना लखनऊ के लिए खासकर गहरी चोट है। उन्होंने बताया कि मैं मध्य प्रदेश में था परसों शाम को गोपाल जी के छोटे भाई का गलाभरा हुआ फोन आया था उन्होंने कहा कि जल्दी लखनऊ आ जाइये। बिना प्रोग्राम के मैं लखनऊ आ गया हूं। उन्होंने बताया कि जब परसों तबीयत खराब हुई थी, तब गोपाल जी ने मुझे याद किया था। टंडन जी की पत्नी को भी काफी गंभीर बीमारी है, ऐसे में गोपाल जी का जाना बेहद दुखद है। ऐसे समय में पूरी बीजेपी पार्टी और समाज उनके साथ है। ईश्वर उनके परिवार को सम्बल और शक्ति दें, यहीं प्रार्थना है।