Tuesday, May 21, 2024
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क्या दिल्ली में होते हैं फर्जी रिपोर्ट्स पर ऑपरेशन?

वर्तमान में दिल्ली में फर्जी रिपोर्ट्स पर ऑपरेशन होने लगे हैं! राजधानी दिल्ली का बड़ा अस्पताल लोगों को बेच रहा था मौत। 35 फीसदी की दलाली देकर ग्राहकों को बुलाया जाता। उनकी नकली ब्लड रिपोर्ट तैयार की जाती और फिर लैब टेक्निशियन ही उस फर्जी रिपोर्ट्स के आधार पर लोगों का ऑपरेशन कर देता। देश की राजधानी दिल्ली का ये डेथ हॉस्पिटल ऐसे ही 7 लोगों की जान ले चुका है। इस जुड़े रोज नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। कैसे दिल्ली के बीचों बीच एक भयानक रैकेट काम कर रहा था। कौन हैं वो दलाल जो इस अस्पताल से जुड़े हुए थे? कैसे तैयार की जाती थी फर्जी रिपोर्ट और कैसे ऑपरेशन करके मरीजों को मौत दे दी जाती थी ये सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। अग्रवाल मेडिकल सेंटर यही नाम है दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में बने इस अस्पताल का। पिछले हफ्ते इस अस्पताल के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। सालों से दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में ये अस्पताल चल रहा है, लेकिन अस्पताल में को जो लोग चला रहे हैं वो डॉक्टर नहीं बल्कि पैसे के लालची कातिल हैं। अग्रवाल मेडिकल सेंटर नाम से मौजूद इस अस्पताल के मालिक का नाम नीरज अग्रवाल है। नीरज अग्रवाल की पत्नी पूजा अग्रवाल, लैब टेक्निशियन महेन्द्र सिंह और एक डॉक्टर जसप्रीत सिंह को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। सितंबर और अक्टूबर महीने में गॉल ब्लैडर की सर्जरी के बाद यहां दो लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल ये दोनों सर्जरी लैब टेक्निशियन और अस्पताल की मालकिन पूजा अग्रवाल ने कर दी थी। सितंबर महीने में जिस मरीज की मौत हुई उसकी पत्नी ने शिकायत दर्ज करवाई जांच शुरू हुई और अब इस मामले में एक के बाद एक घिनौने अपराध जुड़ रहे हैं।

डॉक्टर जैसे पेशे को ये लोग बेच रहे थे और मदद ली जा रही थी दलालों की। अब पुलिस ने इस मामले में जुल्फीकार नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। ये खुद को होम्योपैथ का डॉक्टर बताता था, लेकिन असल में ये एक ऑटो ड्राइवर है। इसके पास भी कोई डॉक्टरी की डिग्री नहीं थी। ये मरीजों को दवाई देता और फिर उन्हें अग्रवाल मेडिकल सेंटर के लिए रेफर कर देता। जिन मरीजों को ये अग्रवाल मेडिकल सेंटर भेजता उस मरीज के खर्चे से इसे 35 फीसदी का कट मिलता। ये अब तक इस तरह 30-40 मरीजों को यहां भेज चुका है। अब खेल शुरू होता इस अस्पताल में। इस अस्पताल में उस मरीज के ब्लड टेस्ट करवाए जाते, उसे बड़ी बीमारियां बताई जाती। ब्लड टेस्ट का खर्चा, फिर उस बीमारी को ठीक करने का खर्चा और कई बार तो ऑपरेशन तक कर देते। इस पूरे में जितना भी खर्चा मरीज का लगता उसका 35 प्रतिशत हिस्सा फर्जी होम्योपैथी डॉक्टर जुल्फिकार को दे दिया जाता और बाकी हिस्सा अस्पताल का मालिक और बाकी लोग बांट लेते। मरीज को कोई बीमारी न भी हो ये उसे लूट लेते।

ये किस्सा सिर्फ लूट तक ही सीमित नहीं था। ज्यादा पैसा कमाने के लालच में ये मरीज की सर्जरी भी प्लान कर देते। सितंबर महीने में जो महिला अपने पति को इस अस्पताल में ले गई उसे पहले बताया गया कि डॉक्टर जसप्रीत सिंह उनके पति का ऑपरेशन करेंगे। ऑपरेशन वाले दिन अस्पताल में डॉक्टर जसप्रीत सिंह पहुंचे ही नहीं। इसके बाद लैब टेक्नीशियन महेन्द्र और पूजा ने मिलकर महिला के पति का ऑपरेशन कर दिया। मरीज ऑपरेशन के बाद दर्द से तड़पने लगा और फिर सफदरजंग अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई। इस घटना को अभी एक महीना ही बीता था अस्पताल में दिल्ली के ही एक और शख्स की मौत हो गई जिसके बाद ही इस अस्पताल की कड़वी हकीकत सामने आई।

डॉक्टर जसप्रीत सिंह इस अस्पताल में अपनी ब्लैंक पर्ची बनाकर साइन कर देते थे और फिर उस पर्ची में पूजा, महेन्द्र और नीरज खुद ही कुछ भी लिखकर मरीजों को अपने जाल में फंसाते। सेंटर भेजता उस मरीज के खर्चे से इसे 35 फीसदी का कट मिलता। ये अब तक इस तरह 30-40 मरीजों को यहां भेज चुका है। अब खेल शुरू होता इस अस्पताल में। इस अस्पताल में उस मरीज के ब्लड टेस्ट करवाए जाते, उसे बड़ी बीमारियां बताई जाती। ब्लड टेस्ट का खर्चा, फिर उस बीमारी को ठीक करने का खर्चा और कई बार तो ऑपरेशन तक कर देते। इस पूरे में जितना भी खर्चा मरीज का लगता उसका 35 प्रतिशत हिस्सा फर्जी होम्योपैथी डॉक्टर जुल्फिकार को दे दिया जाता और बाकी हिस्सा अस्पताल का मालिक और बाकी लोग बांट लेते। मरीज को कोई बीमारी न भी हो ये उसे लूट लेते।पुलिस को डॉक्टर जसप्रीत की 400 ऐसी पर्चियां इस अस्पताल से मिली थीं। अब पुलिस जांच कर रही है कि इस जानलेवा गोरखधंधे में और कितने लोग जुड़े हुए थे।

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